नई दिल्ली, 13 जनवरी (The News Air) MSP (Minimum Support Price) की गारंटी और अन्य मांगों को लेकर पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के किसानों ने आंदोलन को नई दिशा देने की तैयारी कर ली है। शंभू और खनौरी बॉर्डर (Shambhu and Khanauri Border) पर 11 महीने से धरने पर बैठे किसानों को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का साथ मिल गया है। अब 18 जनवरी को दिल्ली घेरने की रणनीति बनाने के लिए अगली बड़ी बैठक होगी।
पातड़ां (Patran) में हुई किसान नेताओं की ऐतिहासिक मीटिंग : पटियाला (Patiala) के पातड़ां में हुई चार घंटे की मीटिंग में SKM और आंदोलनकारी किसानों ने एकता और साझा संघर्ष का ऐलान किया।
- मुख्य फैसले:
- MSP गारंटी आंदोलन को लेकर तालमेल ग्रुप बनाया जाएगा।
- 18 जनवरी को अगली मीटिंग में दिल्ली कूच की रणनीति तय होगी।
- 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) की योजना बनाई जाएगी।
- एक-दूसरे पर बयानबाजी से बचने का सख्त निर्देश।
किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां (Joginder Singh Ugrahan) ने कहा कि आंदोलन में जनता का सहयोग बेहद जरूरी है। वहीं, सुरजीत सिंह फूल (Surjit Singh Phool) ने इसे आंदोलन की एकता के लिए बड़ा कदम बताया।
आंदोलनकारियों की 13 मांगें और डल्लेवाल का मरणव्रत : खनौरी बॉर्डर (Khanauri Border) पर MSP की गारंटी और अन्य 13 मांगों को लेकर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) पिछले 49 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
- डॉक्टर्स की रिपोर्ट:
- शरीर में सिकुड़न शुरू हो गई है।
- मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं, और शरीर खुद को ही खा रहा है।
- स्थिति चिंताजनक है लेकिन डल्लेवाल मेडिकल सुविधा लेने से इनकार कर रहे हैं।
पंजाब सरकार ने धरनास्थल पर अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस तैनात कर दी है। हालांकि, डल्लेवाल को मनाने की कोशिशें अब तक नाकाम रहीं।
मीटिंग के बाद किसान नेताओं के बयान
- जोगिंदर सिंह उगराहां (Joginder Singh Ugrahan):
“मीटिंग अच्छे माहौल में हुई। जनता और किसान संगठनों का सहयोग मिलना बेहद जरूरी है। कोई भी नेता अब एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी नहीं करेगा। हमारा संघर्ष और दुश्मन दोनों साझा हैं।” - सुरजीत सिंह फूल (Surjit Singh Phool):
“मीटिंग का सबसे बड़ा आउटपुट यह है कि एकता और तालमेल बनाने के लिए तालमेल ग्रुप बनेगा। 18 जनवरी को इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।” - सरवण पंधेर (Sarwan Pandher):
“हमारी लड़ाई सरकार की नीतियों के खिलाफ है। दिल्ली घेरने और दबाव बनाने के लिए हम एक मजबूत रणनीति बनाएंगे।”
बयानबाजी पर रोक और छवि सुधारने की कोशिश: मीटिंग में नेताओं ने साफ किया कि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप बंद करना होगा। इससे आंदोलन की छवि को नुकसान हो रहा था। यह फैसला आंदोलन को एकजुटता के साथ आगे बढ़ाने के लिए लिया गया है।
आंदोलन की अगली रणनीति और संभावित असर: 18 जनवरी को होने वाली मीटिंग में आंदोलन की अगली रणनीति तय होगी।
- संभावित कदम:
- दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर आंदोलन तेज करना।
- 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च के जरिए सरकार पर दबाव बनाना।
- तालमेल ग्रुप के जरिए आंदोलन को प्रभावी बनाना।
यह आंदोलन अब सरकार के लिए नई चुनौती बन सकता है, खासकर MSP कानून को लेकर।
MSP गारंटी आंदोलन ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। SKM और आंदोलनकारी किसानों की एकजुटता सरकार पर दबाव बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। डल्लेवाल की गंभीर स्थिति और 26 जनवरी ट्रैक्टर मार्च की तैयारी इस आंदोलन को और धार देगी। अब देखना होगा कि सरकार इन मांगों को लेकर क्या रुख अपनाती है।