फरीदकोट (The News Air) पंजाब के फरीदकोट अनाज मंडी में आधी-अधूरी तैयारियों के बीच गेहूं की आवक शुरू हो गई है। इस सत्र में सबसे पहले गांव मोंरावाली के किसान मंदर सिंह द्वारा शनिवार की सुबह अपनी फसल लाई गई। हालांकि, फसल में नमी का स्तर जांचने के लिए मार्केट कमेटी के मंडी सुपरवाइजर मनतेज सिंह व पनग्रेन इंस्पेक्टर वरिंदर सिंह पहुंचे।
जांच के दौरान फसल में नमी का स्तर 20 फीसदी पाया गया, जबकि खरीद एजेंसियों का मानक गेहूं खरीदने के लिए 12 फीसदी नमी का है।
किसान मंदर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा बेमौसम हुई बारिश से फसलों को पहुंचे नुकसान को देखते हुए मुआवजा दिए जाने की बात कही गई थी, परंतु फसल को हुए नुकसान को देखने के लिए किसी अधिकारी के न आने से मजबूरन 8 एकड़ में बिजी गई गेहूं की फसल काटनी पड़ी है। उन्होंने बताया कि इस बार प्रति एकड़ 16 से 20 मन तक उनकी फसल घटने की आशंका है।
किसानों से अपील मंडी में सुखाकर लाएं फसल
आढ़तिया एसोसिएशन फरीदकोट के प्रधान कुलभूषण राय भूषी व खजांची महेंद्र पाल बंसल ने किसानों से अपील की है कि वह गेहूं की फसल पूरी तरह से सुखाकर मंडी में लाएं, जिससे बेचने में किसानों को कोई मुश्किल न आए। नमी वाली फसल को सुखाने में समय व मजदूरी दोनों ज्यादा लगती है।
गेहूं बेचने पहुंचे किसाने के लिए पीने का पानी भी नहीं
किसान बलजीत सिंह व जसप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि मंडी में गेहूं की कागजों में खरीद शुरू हुए 8 दिन बीत गए हैं, परंतु कहीं भी कोई प्रबंध नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि मार्केट कमेटी व स्थानीय विधायक ने दावा किया था कि मंडी में किसानों को कोई परेशानी नहीं होगी। यहां तक कहीं भी पीने का पानी भी नहीं दिखाई दे रहा है।






