FAME Scheme: सरकार अभी फेम 3 स्कीम पर काम कर रही है। हालांकि इसके साथ ही यह उन कंपनियों से ब्याज समेत 300 करोड़ रुपये के रिफंड का भी इंतजार कर रही है, जिन्होंने इस सब्सिडी योजना के पुराने एडिशन के नियमों का उल्लंघन किया था। फेम इंडिया (FAME India) योजना नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) के तहत सरकारी सब्सिडी योजना है। FAME का मतलब भारत में (हाइब्रिड और) इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना और उन्हें यहां बनाना है। इसका फुल फॉर्म फास्टर एडॉप्शन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड एंड) इलेक्ट्रिक वीईकल्स है।
इन कंपनियों पर लटकी तलवार
मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज के एडीशनल सेक्रेटरी डॉ हनीफ कुरैशी ने बताया कि हीरो इलेक्ट्रिक वीईकल्स, ओकिनावा ऑटोटेक और बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी ने अभी तक सरकार से मिली सब्सिडी वापस नहीं की है जबकि रिवॉल्ट मोटर्स, एम्पियर इलेक्ट्रिक (इसे ग्रीव्स कॉटन) ने खरीद लिया है) और एमो मोबिलिटी ने सब्सिडी वापस कर दी है। हनीफ ने बताया कि ग्रीव्स मोबिलिटी ने करीब 139 करोड़ रुपये, रिवॉल्ट मोटर्स ने 50 करोड़ रुपये और एमो मोबिलिटी ने 90 लाख रुपये ब्याज समेत लौटा दिए हैं। हीरो इलेक्ट्रिक को अब ₹135 करोड़, ओकिनावा ऑटोटेक को ₹117 करोड़, और बेनलिंग इंडिया को ₹50 करोड़ चुकाने हैं। इसमें ब्याज की राशि नहीं शामिल है।
दो साल पहले खुली थी पोल
यह मामला करीब दो साल पहले वर्ष 2022 में तब सामने आया था, जब व्हिसलब्लोअर्स ने मिनिस्ट्री में शिकायत की थी कि कुछ रजिस्टर्ड OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स) फेम 2 स्कीम के तहत स्थानीयता से जुड़े नियमों का पालन किए बिना ही गाड़ियों की बिक्री कर रहे हैं। मंत्रालय ने इस मामले में 13 कंपनियों की जांच की और उनमें से छह पर जुर्माना लगाया। इन कंपनियों पर कुल मिलाकर ₹470 करोड़ (ब्याज दरों को छोड़कर) का जुर्माना लगाया गया। जिन कंपनियों ने अभी तक इसका पेमेंट नहीं किया है, उन्होंने सरकार के दावों का विरोध किया है और उनमें से कुछ ने इस मुद्दे को हल करने के लिए पहले ही कानूनी सहारा ले लिया है।