F-35 Stealth Fighter Jet – दुनिया का सबसे महंगा और अत्याधुनिक फाइटर जेट F-35B बीते 48 घंटों से केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा है। यह ब्रिटिश रॉयल नेवी (British Royal Navy) का स्टील्थ फाइटर जेट शनिवार रात (14 जून) को खराब मौसम और ईंधन की कमी के चलते आपातकालीन लैंडिंग करने के लिए मजबूर हुआ था। विमान के तकनीकी खराबी, विशेष रूप से हाइड्रोलिक सिस्टम में समस्या, के कारण यह अब तक अपने मूल स्थान HMS प्रिंस ऑफ वेल्स (HMS Prince of Wales) विमानवाहक पोत पर नहीं लौट सका है।
इस असामान्य स्थिति को और खास बनाती है भारतीय वायुसेना (IAF) की तत्परता। IAF ने इस स्टील्थ विमान को अपने इंटीग्रेटेड एयर कमान और कंट्रोल सिस्टम (IACCS) के जरिए चुटकी में डिटेक्ट कर लिया। यह इसलिए भी बड़ी सफलता है क्योंकि F-35B को रडार से छुपने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है और इसे सामान्य तौर पर ट्रैक करना बेहद कठिन होता है।
यह फाइटर जेट HMS प्रिंस ऑफ वेल्स के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जिसने हाल ही में भारतीय नौसेना (Indian Navy) के साथ एक संयुक्त युद्धाभ्यास पूरा किया था और अब इंडो-पैसिफिक (Indo-Pacific) क्षेत्र में तैनात है। फिलहाल ब्रिटिश तकनीकी टीम इस विमान की मरम्मत में जुटी हुई है।
भारतीय वायुसेना ने इस घटना को सामान्य आपात स्थिति बताया है और ब्रिटिश सेना को हरसंभव तकनीकी सहयोग देने की बात कही है। हालांकि, इतने अत्याधुनिक स्टील्थ जेट का इतने समय तक भारतीय जमीन पर खड़ा रहना एक असामान्य घटना मानी जा रही है।
शनिवार रात करीब 9:20 बजे, संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद जब यह जेट हिंद महासागर (Indian Ocean) के ऊपर उड़ान भर रहा था, तभी उसने तिरुवनंतपुरम ATC को कम ईंधन की सूचना दी। हवाई अड्डे पर आपातकालीन तैयारी की गई और विमान ने 9:28 बजे सुरक्षित लैंडिंग की। इसके बाद पता चला कि विमान हाइड्रोलिक सिस्टम की खराबी के कारण उड़ान नहीं भर सकता।
लॉकहीड मार्टिन (Lockheed Martin) द्वारा निर्मित F-35 ‘लाइटनिंग II’ फाइटर जेट्स को पांचवीं पीढ़ी का मल्टीरोल स्टील्थ विमान माना जाता है। इसमें सेंसर फ्यूजन और रडार-इवेशन तकनीक है, जो इसे बेहद स्मार्ट और घातक बनाती है। F-35B वेरिएंट को छोटे रनवे और विमानवाहक पोतों से वर्टिकल लैंडिंग व शॉर्ट टेक-ऑफ के लिए बनाया गया है। इसकी कीमत प्रति यूनिट 110 से 135 मिलियन डॉलर (लगभग 900 से 1100 करोड़ रुपये) के बीच होती है।
दिलचस्प बात यह है कि इजरायल (Israel) इस समय ईरान (Iran) के खिलाफ अपने हमलों में इसी F-35 फ्लीट का उपयोग कर रहा है, जिससे इसकी युद्धक्षमता और रणनीतिक महत्ता स्पष्ट होती है।
भारत (India) के लिए यह घटना खास मायने रखती है क्योंकि हाल ही में अमेरिका (USA) ने संकेत दिए थे कि वह भारत को F-35 बेचने का रास्ता खोल सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की साझा वार्ता में इस पर चर्चा भी हुई थी।
इस घटना ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा प्रणाली, रडार डिटेक्शन क्षमता और सामरिक तैयारियों की मजबूती को वैश्विक मंच पर दिखाया है।