Jeffrey Epstein Files: अमेरिका में जेफरी एपस्टीन की सील बंद फाइलें खुलने लगी हैं और दुनिया भर में दहशत का माहौल है। 19 दिसंबर 2025 को जारी हुई इन फाइलों में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स, मशहूर विचारक नोम चॉम्स्की, फिल्म निर्देशक वुडी एलन और Google के पूर्व निदेशक सर्गे ब्रिन जैसी बड़ी हस्तियों की तस्वीरें सामने आई हैं। एपस्टीन 12 से 14 साल की नाबालिग लड़कियों की मानव तस्करी का अंतरराष्ट्रीय रैकेट चलाता था।
अमेरिका में भूचाल: किसका नाम निकलेगा अगला?
अमेरिका में इस वक्त एक ही सवाल गूंज रहा है – एपस्टीन फाइल्स में आगे किसका फोटो निकल आएगा? यह मामला अमेरिका के ताकतवर एलीट से जुड़ा है जो एपस्टीन से दोस्ती रखते थे। शुक्रवार को करीब 70 तस्वीरें जारी हुई हैं लेकिन आगे 95,000 से अधिक तस्वीरें जारी होने की उम्मीद है।
भारत में भी इसे लेकर चर्चा तेज है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या किसी भारतीय नेता या उद्योगपति का नाम भी इस फाइल में होगा? क्या वह नाम सामने आएगा या किसी सौदेबाजी के तहत दबा दिया जाएगा?
बिल गेट्स की तस्वीर ने उठाए सवाल
एपस्टीन फाइल से निकली एक तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसमें बिल गेट्स एक लड़की के साथ दिख रहे हैं जिसका चेहरा छिपाया गया है। रॉयटर्स ने लिखा है कि बिल गेट्स से प्रतिक्रिया मांगी गई है मगर अभी तक आई नहीं है।
दुनिया हैरान है कि जो शख्स किसी भी सरकार के मुखिया से आसानी से मिल लेता है, अरबों रुपए दान करता है, प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों से मिलता है – वह 12-14 साल की लड़कियों के यौन शोषण का नेटवर्क चलाने वाले एपस्टीन के साथ क्यों मिलता था? उसकी तस्वीरें क्यों हैं?
बिल गेट्स की जीवनी और आत्मकथा दुनिया भर में बिकती है। रोजाना इंटरव्यू होते हैं। इनके पास इतना पैसा है कि सरकारों को दान कर देते हैं। सवाल यह है कि क्या एपस्टीन फाइल की तस्वीरों से बिल गेट्स को कोई फर्क पड़ेगा?
नोम चॉम्स्की से लेकर वुडी एलन तक
नोम चॉम्स्की और एपस्टीन की एक तस्वीर विमान के भीतर की है। चॉम्स्की दुनिया के जानेमाने मीडिया सिद्धांतकार हैं जिनकी किताबें पढ़ी और पढ़ाई जाती हैं। इस नजदीकी से अपराध भले साबित न हो, लेकिन जिज्ञासा तो पैदा होती है कि यह यौन अपराध के कुख्यात सरगना के साथ क्या कर रहे थे?
चॉम्स्की एपस्टीन के साथ रिश्ते का बचाव कर चुके हैं, लेकिन ताजा तस्वीरों के बाद उनके जवाब का इंतजार है।
फिल्म निर्देशक वुडी एलन, Google के पूर्व निदेशक सर्गे ब्रिन, जादूगर डेविड ब्लेन और इनसे पहले बिल क्लिंटन से लेकर ब्रिटेन के राज परिवार के सदस्यों की तस्वीरें भी एपस्टीन के साथ आ चुकी हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स के कॉलमिस्ट का भी नाम
एक और नाम सामने आया है – डेविड ब्रुक्स, जो न्यूयॉर्क टाइम्स में कॉलम लिखते हैं। एक महीने पहले इन्होंने इसी अखबार में लिखा था कि एपस्टीन फाइल्स के खुलासे की मांग करने वाले सांसदों में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।
अब पता चल रहा है कि इनके भी एपस्टीन से संबंध रहे हैं। डेविड ब्रुक्स की भी एपस्टीन के साथ तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं जिसमें वे एपस्टीन के किसी कार्यक्रम में शिरकत करते दिख रहे हैं। मगर न्यूयॉर्क टाइम्स में जब कॉलम लिखा तब इन्होंने यह बात नहीं बताई।
क्या था एपस्टीन का अपराध?
जेफरी एपस्टीन यौन अपराधी था जो जेल में मर गया। इस पर बहस अब भी है कि वह मरा या मार दिया गया। वह नाबालिग लड़कियों की मानव तस्करी करता था। कई देशों के बिलियन डॉलर वाले उद्योगपतियों, फिल्मी हस्तियों और नेताओं ने इसी वजह से एपस्टीन से दोस्ती रखी।
आरोप है कि इनमें से कइयों ने 12 से 14 साल की लड़कियों को हवस का शिकार बनाया। दुनिया भर से नाबालिग लड़कियों की तस्करी कर दुनिया के प्रभावशाली अमीरों के आगे पेश करने का यह नेटवर्क बेहद डरावना है।
रूस, मोरक्को, इटली, चेक गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, लिथुआनिया – कई देशों से लाई गई नाबालिग लड़कियां इस नेटवर्क का शिकार बनीं।
‘लोलिता’ किताब का रहस्य
एपस्टीन की फाइल से एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। एक तस्वीर में बिस्तर पर ‘लोलिता’ किताब रखी हुई है। यह किताब 1955 में पेरिस में छपी थी और लिखने वाले थे व्लादिमीर नाबोकोव। इस उपन्यास ने दुनिया में तहलका मचा दिया था।
इस किताब में एक अधेड़ उम्र का आदमी एक नाबालिग लड़की के पीछे पड़ जाता है। जिस उपन्यास को दुनिया साहित्य के आंगन में बिछाती रही है, उस किताब की पंक्तियां यहां नाबालिग लड़कियों के जिस्म पर लिखी जा रही थीं।
तस्वीरों में पांव का, बाहों का, हथेलियों का क्लोज अप है और इस पर काली स्याही से कुछ लिखा है जो लोलिता उपन्यास से ली गई पंक्तियां हैं। दोष किताब का नहीं, उस बीमार समाज का है जो बीमारी का बहाना करता है लेकिन होता अपराधी है।
अमेरिकी संसद में 427 बनाम 1 वोट
अमेरिका की कांग्रेस में लंबी बहस चली। रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने भी डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर वोट किया कि एपस्टीन फाइल सार्वजनिक की जाए। 427 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया। केवल एक वोट विरोध में पड़ा।
ट्रंप का भी नाम इस मामले में आ रहा है, लेकिन उनकी पार्टी के सांसदों ने भी फाइल को सार्वजनिक करने के पक्ष में वोट किया। ऐसा भारत में कभी संभव नहीं है। न भारत की जनता कभी इसकी मांग करती है, न कभी इस तरह से सोच भी पाएगी।
पिछले महीने 19 तारीख को ट्रंप ने ‘द एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ साइन कर दिया। इसके अनुसार 1 महीने के भीतर एपस्टीन से जुड़े सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जाएंगे।
मायामी हेराल्ड की पत्रकार ने खोला राज
आज यह खबर दुनिया भर के अखबारों के पहले पन्ने पर है, लेकिन इस नेटवर्क का भांडा फोड़ा मायामी हेराल्ड ने। नवंबर 2018 में जूली के. ब्राउन नाम की महिला पत्रकार ने एक साल की मेहनत से तीन हिस्से में लंबी रिपोर्ट की और एपस्टीन के सारे कारनामों को दुनिया के सामने उजागर कर दिया।
जूली की सीरीज का नाम था ‘परवर्शन ऑफ जस्टिस: इन्वेस्टिगेटिंग एपस्टीन’ यानी एपस्टीन मामला इंसाफ का मजाक उड़ा रहा है। इसी नाम से जूली ने एक किताब भी प्रकाशित की है।
मायामी हेराल्ड फ्लोरिडा के मायामी शहर से छपता है। 122 साल पुराना अखबार है। इस अखबार के शानदार पत्रकारों ने 80 लड़कियों की पहचान की जिनके साथ शोषण हुआ। 60 लड़कियों की लोकेशन का पता लगाया गया। आठ से बात की गई और उन महिलाओं ने अपनी कहानी बताई कि 2001 से 2006 के बीच एपस्टीन ने उनके साथ क्या-क्या किया।
2008 में कैसे बच निकला था एपस्टीन?
2005 से ही एपस्टीन जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया था। उस साल 14 साल की एक लड़की के माता-पिता ने आरोप लगाया कि एपस्टीन ने उस बच्ची से पैसे देकर मसाज करवाया। पुलिस इस मामले में जांच शुरू करती है।
2007 में अमेरिकी न्याय विभाग का एक अफसर एलेग्जेंडर अकोस्टा एपस्टीन को एक डील ऑफर करता है। डील के तहत अगर एपस्टीन दो अपराधों को स्वीकार कर ले, जेल चला जाए, खुद को यौन अपराधी के रूप में रजिस्टर करवा ले और पीड़ितों की आर्थिक भरपाई कर दे, तो उसके खिलाफ जांच बंद हो जाएगी।
एपस्टीन मान लेता है। यह डील उसके असल अपराधों को ढक देती है। 2008 में नाबालिक के साथ वेश्यावृत्ति के अपराध में उसे 13 महीने की सजा होती है, लेकिन कम सुरक्षा वाली जेल में रखा जाता है। हफ्ते में 6 दिन 12-12 घंटे घर आने की अनुमति मिल जाती है। 2009 में वह बाहर आ गया।
बाद में अकोस्टा ट्रंप का श्रम मंत्री बन गया। मायामी हेराल्ड की स्टोरी प्रकाशित होने के बाद कुछ महीनों में उसका इस्तीफा हो जाता है।
जुलाई 2019 में मिली सजा, एक महीने बाद मौत
जुलाई 2019 में नाबालिगों की यौन तस्करी के केस में एपस्टीन को सजा होती है। एक महीने बाद जेल में ही मर गया। जांच में लिखा गया उसने अपनी जान ले ली, लेकिन मरा या मार दिया गया इस पर अभी तक बहस चलती है।
एपस्टीन के नेटवर्क में श्वेत, अमीर, यहूदी और न्यूयॉर्क के अमीरों की लॉबी के नाम शामिल हैं। वह खुद अपनी इसी पहचान के कारण बचता रहा। पूर्व राष्ट्रपतियों से लेकर भावी राष्ट्रपति उसकी पार्टियों में आते-जाते थे। फिल्म स्टार, प्रोफेसर, लेखक, वकील, पत्रकार, नेता – सब उसकी पार्टियों में जाते थे।
भारत से जुड़ा सवाल: 23,000 लड़कियां कहां गईं?
इस खबर के साथ एक और गंभीर सवाल उठता है। मध्य प्रदेश से एक साल के भीतर 23,000 से अधिक नाबालिग लड़कियां और महिलाएं गायब हो गईं। जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच यह आंकड़ा सामने आया है।
क्या खुद से भाग कर चली गईं या किसी मजबूरी ने उन्हें अंधेरी सुरंगों की दुनिया में धकेल दिया? या इसके पीछे कोई गिरोह काम कर रहा है?
2019 से 2021 के बीच मध्य प्रदेश में लड़कियों और महिलाओं की गुमशुदगी के करीब 2 लाख मामले दर्ज हुए – जो देश में सबसे ज्यादा हैं। इसी अवधि में भारत में 13 लाख से अधिक महिलाएं और लड़कियां लापता हुई हैं।
एक राज्य में 1 साल तक हर दिन 40 से अधिक लड़कियां गायब होती रहीं। कैसे होने दिया गया? यह सवाल मध्य प्रदेश की सरकार से पूछना चाहिए।
विश्लेषण: अमीरों की दुनिया का काला सच
एपस्टीन फाइल से जो तस्वीरें आ रही हैं, जो नाम सामने आ रहे हैं – उन्हें चटकारे लेने के लिए मत देखिए। ग्लोबल अमीरों, कॉर्पोरेट और ग्लोबल लीडर की दुनिया में क्या चल रहा है, किस तरह से सारी चीजें घूमती हैं, छिपाई जाती हैं – उसे देखने समझने के लिए जानिए।
मिलियन, बिलियन, ट्रिलियन डॉलर वालों की दुनिया का यह राज खुल रहा है। यह कहानी सिर्फ एक आदमी की नहीं, बल्कि उस पूरे नेटवर्क की है जिसमें अमीर आदमी अमीर आदमियों को बचाते हैं। पैसे वालों के लिए दुनिया में अलग से कानून चलता है।
अरबपति लोगों की दुनिया की जड़ें बहुत गहरी होती हैं। इतनी आसानी से हिलती भी नहीं। सत्ता पर उनकी पकड़, मीडिया पर उनकी पकड़ दुनिया भर में मजबूत है। इसलिए आप देखेंगे अब सरकारें शर्मिंदा नहीं होतीं, बल्कि तमाम आरोपों के बीच बेशर्मी के साथ सर उठाकर चलती हैं।
‘क्या है पूरी पृष्ठभूमि’
जेफरी एपस्टीन एक अमेरिकी फाइनेंसर था जिसके दुनिया भर के धनिकों से गहरे रिश्ते थे। उसकी पार्टियों में इन लोगों का आना-जाना था। उसका असली काम था नाबालिग लड़कियों की मानव तस्करी करना। 2018 में मायामी हेराल्ड की पत्रकार जूली के. ब्राउन ने इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया। 2019 में एपस्टीन को सजा हुई और जेल में उसकी मौत हो गई। उसके साथ एक महिला गिलेन मैक्सवेल भी थी जो खुद एक बड़ी हस्ती थी। अब ट्रंप ने ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ साइन कर दिया है जिसके तहत सभी दस्तावेज सार्वजनिक किए जा रहे हैं। केवल तस्वीरों में आ जाने से किसी व्यक्ति के अपराधी होने की पुष्टि नहीं होती, इसलिए खंडन भी आ रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
- बड़ी हस्तियों की तस्वीरें: बिल गेट्स, नोम चॉम्स्की, वुडी एलन, सर्गे ब्रिन समेत कई नाम एपस्टीन फाइल में सामने आए
- 95,000+ तस्वीरें: अभी तक 70 तस्वीरें जारी, लाखों और आने की उम्मीद
- 427 बनाम 1 वोट: अमेरिकी कांग्रेस ने लगभग सर्वसम्मति से फाइल सार्वजनिक करने का फैसला किया
- भारत में भी सवाल: मध्य प्रदेश से एक साल में 23,000 लड़कियां गायब, देश में 13 लाख+ महिलाएं लापता
- मायामी हेराल्ड का योगदान: पत्रकार जूली के. ब्राउन ने 2018 में पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया






