लंदन: पूर्व कप्तान माइकल वॉन को चिंता है कि इंग्लैंड एक ऐसी टीम बन जाएगी जो कड़ी मेहनत करने के बावजूद ज्यादा जीत हासिल करने में नाकाम रहेगी। उन्होंने भारत में टीम की बल्लेबाजी इकाई को सफल होने के लिए आक्रामक और पारंपरिक क्रिकेट की शैली के बीच संतुलन बनाने की सलाह दी। इंग्लैंड को ‘बैजबॉल’ तरीका अपनाने के बाद से टेस्ट क्रिकेट में अच्छी सफलता मिली है।
टीम को हालांकि इस रवैये के कारण कुछ अहम मुकाबलों में हार का सामना भी करना पड़ा है, जिसमें एशेज श्रृंखला के मैच भी शामिल है। हम मौजूदा टीम के खेल से बहुत प्रभावित होते हैं और बेन स्टोक्स के नेतृत्व में खिलाड़ियों ने बड़े पैमाने पर सुधार किया है। इंग्लैंड ने भारत में पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त ले ली थी, लेकिन बेन स्टोक्स की टीम के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने शानदार वापसी कर जीत दर्ज की।
इंग्लैंड के लिए जैक क्राउली को छोड़कर उनके सभी बल्लेबाज बड़े स्कोर बनाने में असमर्थ रहे। वॉन ने कहा, ‘‘ इंग्लैंड की टीम अगर विशाखापत्तनम जैसी बल्लेबाजी जारी रखगी तो श्रृंखला नहीं जीत पाएगा। मैं वास्तव में सोचता हूं कि बल्लेबाजों को हमारे गेंदबाजों से कुछ सीखने की जरूरत है। हमारे गेंदबाजों ने पारंपरिक और आक्रामक शैली का अच्छा मिश्रण किया है।
वॉन ने टीम बल्लेबाजों से जरूरत के मुताबिक आक्रामक रूख अपनाने की सलाह दी लेकिन युवा स्पिन गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा,‘‘युवा स्पिनर शानदार रहे हैं। जेम्स एंडरसन ने कमाल का प्रदर्शन किया है। टीम को एंडरसन का साथ देने के लिए एक और तेज गेंदबाज शायद ऑली रॉबिन्सन को मैदान पर उतारना होगा।’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बीच, बल्लेबाजों को ऐसा लगता है,
कि उनके पास खेलने का केवल एक ही तरीका है। वे पहली गेंद से पांचवें गियर में रहते हैं। मुझे उनमें से कुछ के इस तरह खेलने पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि इसमें बेहतर है। जो रूट को हालांकि यह समझना चाहिये कि उन्होंने 10,000 से ज्यादा टेस्ट रन ‘बैजबॉल’ तरीके से नहीं बनाये हैं। टीम को किसी को उसे समझाना होगा कि वह अपना नैसर्गक खेल खेले।