चुनावी वादे और काले धन का मुद्दा : भारतीय राजनीति में चुनावों के दौरान ही नहीं बल्कि उसके पहले और बाद में भी काले धन का मुद्दा गरमाया रहता है। इस बार के चुनावों में भी काले धन का इस्तेमाल बढ़ने की खबरें सामने आई हैं, जिससे इस मुद्दे ने और भी ज्यादा तूल पकड़ लिया है।
प्रधानमंत्री का चिंतन और ईडी की कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में जोर देकर कहा कि चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता है। वहीं, ईडी ने गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी से जुड़े फंड मैनेजर को गिरफ्तार किया है, जो काले धन के इस्तेमाल की संभावना को दर्शाता है।
चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने इस बार रिकॉर्ड 4,650 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है, जिसमें कैश, सोना, चांदी, शराब, ड्रग्स और कीमती सामान शामिल हैं। यह राशि पिछले साल जब्त की गई 3,475 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है।
राज्यों के आंकड़े और जब्ती की विस्तार
तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक जब्ती की गई है। विशेषकर, कर्नाटक में सबसे अधिक शराब और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा कैश जब्त किया गया है।
चुनावी सामग्री की जब्ती और इसके प्रभाव
चुनावी सामग्री की बड़े पैमाने पर जब्ती ने यह साबित किया है कि चुनावों में व्यापक पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल होता है, जो न सिर्फ चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करता है बल्कि इससे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों पर भी आघात पहुंचता है।