Election Commission SIR Application प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए आयोग ने युवाओं को बड़ी राहत दी है। अब वे किशोर भी एसआईआर के तहत आवेदन कर सकेंगे, जिनकी उम्र मार्च-अप्रैल 2026 में 18 साल पूरी होने जा रही है। आयोग ने आदेश जारी किया है कि ऐसे युवाओं से बीएलओ (BLO) द्वारा एडवांस फॉर्म भरवाया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में मतदाता बनने के लिए भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। चुनाव आयोग द्वारा लिए गए इस बड़े फैसले के तहत अब बूथ लेवल पर ही किशोरों को एसआईआर के लिए आवेदन करने की सुविधा मिलेगी। आयोग ने निर्देश दिया है कि जिन युवाओं की आयु मार्च या अप्रैल 2026 में 18 वर्ष होने वाली है, वे अभी से अपना एसआईआर आवेदन जमा करा सकते हैं। इसके लिए उन्हें बीएलओ की ओर से एक विशेष ‘एडवांस फॉर्म’ उपलब्ध कराया जाएगा। यह कदम युवाओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उठाया गया है।
‘स्लीप मोड’ में रहेगा एडवांस फॉर्म
आयोग ने एसआईआर आवेदन में एक नए प्रपत्र को मंजूरी दी है, जिसे ‘एडवांस’ कहा गया है। किशोर अपने बीएलओ से यह फॉर्म मांगकर अपनी डिटेल भरकर वापस करेंगे। इस एडवांस प्रपत्र को बीएलओ द्वारा डिजिटल कर दिया जाएगा। खास बात यह है कि डिजिटलीकरण के बाद यह फॉर्म इलेक्शन कमीशन की साइट पर ‘स्लीप मोड’ (Sleep Mode) में रहेगा। जैसे ही किशोर 18 साल की आयु पूरी करेगा, उसका एसआईआर तत्काल सक्रिय (Active) हो जाएगा। इससे युवाओं को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि अगले साल बालिग होने पर उन्हें दोबारा आवेदन करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
बीएलओ के लिए ‘तीन बार’ का नियम
चुनाव आयोग ने बीएलओ की कार्यप्रणाली को लेकर भी स्थिति स्पष्ट कर दी है। निर्देशों के मुताबिक, बीएलओ को एक मतदाता के घर पर अधिकतम तीन बार जाने का प्रावधान है। इसमें एक बार एसआईआर प्रपत्र देने के लिए और दूसरी बार वापस लेने के लिए जाना शामिल है। यदि कोई मतदाता घर पर नहीं मिलता है, तो बीएलओ को तीसरी बार जाने के लिए कहा गया था। आयोग का कहना है कि यदि कोई तीन बार में भी आवेदन भरकर जमा नहीं करता है, तो यह माना जाएगा कि वह मतदाता बनने का इच्छुक नहीं है।
4 दिसंबर को ‘बूथ डे’ का आयोजन
आयोग के निर्देश पर प्रशासन ने 4 दिसंबर को ‘बूथ डे’ मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन सभी बीएलओ फील्ड में जाने के बजाय अपने-अपने बूथ पर उपस्थित रहेंगे। वे वहीं रहकर मतदाताओं की समस्याओं का समाधान करेंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि लोग आसानी से अपने बीएलओ से संपर्क कर सकें और फॉर्म जमा करा सकें या अन्य जानकारी ले सकें।
वोट कटने का खतरा
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के संदर्भ में बात करें तो वहां एसआईआर का कार्य 72.75% पूरा हो चुका है। हालांकि, जमीनी स्तर पर बीएलओ को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, बीएलओ 8 से 10 बार मतदाताओं के घर जा चुके हैं, फिर भी एसआईआर आवेदन वापस नहीं मिल रहे हैं। अब ऐसे लोगों को ‘रिफ्यूज टू अनसाइन’ (Refuse to unsign) की श्रेणी में रखा जा रहा है। हापुड़ में करीब 2678 लोगों ने मतदाता नहीं बनने की इच्छा जताते हुए आवेदन वापस कर दिया है। कुछ लोगों ने फॉर्म लेने से इनकार कर दिया, तो कुछ ने बिना हस्ताक्षर किए फॉर्म वापस लौटा दिए। ऐसे में आयोग ने इनके वोट काटने का निर्णय लिया है।
जिनका नाम लिस्ट में नहीं, उनके लिए नियम
एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी है कि जिन व्यक्तियों का नाम 2025 की मतदाता सूची में नहीं है, उन्हें फिलहाल एसआईआर के फॉर्म नहीं दिए जा रहे हैं। ऐसे लोगों को एसआईआर की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद फॉर्म संख्या 6, 7 और 8 भरकर जमा कराना होगा। उसके बाद ही उनका नाम मतदाता सूची में शामिल करने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
मुख्य बातें (Key Points)
-
मार्च-अप्रैल 2026 में 18 साल के होने वाले किशोर अभी भर सकते हैं ‘एडवांस फॉर्म’।
-
एडवांस फॉर्म 18 साल का होते ही अपने आप सिस्टम में एक्टिव हो जाएगा।
-
बीएलओ किसी भी मतदाता के घर अधिकतम 3 बार ही जाएंगे।
-
आवेदन फॉर्म लेने या साइन करने से मना करने वालों का नाम वोटर लिस्ट से कटेगा।






