Indrayani River Bridge Collapse – महाराष्ट्र (Maharashtra) के पिंपरी चिंचवाड़ (Pimpri Chinchwad) में रविवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया, जब इंद्रायणी नदी (Indrayani River) पर बना एक पुराना लोहे का पुल अचानक ढह गया। हादसे के वक्त पुल पर भारी भीड़ मौजूद थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, करीब 20 से 25 लोग लापता हैं, जिनके नदी में बह जाने की आशंका है। इस दर्दनाक हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है।
यह दुर्घटना रविवार को दोपहर लगभग 3:40 बजे हुई, जब पुल का एक हिस्सा अचानक टूट गया। इसके बाद कई लोग नीचे मौजूद पत्थरों पर जा गिरे, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं, जबकि कई लोग तेज बहाव वाली नदी में बह गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के वक्त पुल पर लगभग 100 लोग मौजूद थे। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ (NDRF) की टीम जुट गई है और अब तक 38 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
स्थानीय विधायक सुनील शेलके (Sunil Shelke) ने बताया कि यह पुल करीब 30 साल पुराना था और पहले से ही जर्जर हालत में था। हादसे के समय पुल पर भीड़ ज्यादा थी क्योंकि यह स्थान तालेगांव दाभाड़े (Talegaon Dabhade) के पास एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। रविवार होने के कारण बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचे थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बीते दो दिनों से क्षेत्र में भारी बारिश हो रही थी, जिससे इंद्रायणी नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया था और बहाव तेज था। इस तेज बहाव और पुल की कमजोर स्थिति ने मिलकर इस त्रासदी को जन्म दिया। पुल पर अधिकतर लोग पैदल या बाइक से यात्रा कर रहे थे।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि मौके पर एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों की संख्या के बारे में फिलहाल स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता। स्थानीय पुलिस, प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन लापता लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक लगभग 25 से 30 लोगों के बहने की आशंका है। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। उनका आरोप है कि पुल की जर्जर हालत के बारे में प्रशासन को पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन समय पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
इस दर्दनाक हादसे ने न सिर्फ कई परिवारों को अपनों से दूर कर दिया, बल्कि प्रशासन की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। यह घटना एक बार फिर बताती है कि बुनियादी ढांचे की निगरानी और मरम्मत में किसी भी प्रकार की लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है।






