भारत में ज्यादातर लोगों को चटपटा खाना बहुत पसंद हैं. इसके लिए उत्तर भारत का खाना बहुत लोकप्रिय है. हर घर में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही कहा जाता है कि घर पर बना ये खाना आपकी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है. लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो आपकी खाने की थाली में प्रोटीन के साथ ही सब जरूरी पोषक तत्व शामिल होने चाहिए. जिसके लिए लोग हाई प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर फूड्स अपनी डाइट में शामिल करते हैं. लेकिन ऐसे कई पोषक तत्व भी हैं, जो हेल्दी रहने के लिए जरूर होते हैं. हाल ही में एक रिसर्च में पता चला है कि उत्तर भारतीय खाने में प्राप्त मात्रा में पोषण नहीं होता है.
चंडीगढ़ में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) के सहयोग से द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के शोधकर्ताओं द्वारा एक अध्ययन किया गया है, 400 लोगों को इस रिसर्च में शामिल किया गया, इनमें एक ग्रुप हेल्दी लोगों का था और दूसरा ग्रुप शुरुआती स्टेज की किडनी की बीमारियों के मरीजों का था.
शोधकर्ताओं के मुताबिक, भोजन में सोडियम, फास्फोरस, पोटैशियम और प्रोटीन सही मात्रा में न पाए जाते के कारण लोगों को हाई बीपी, हार्ट से संबंधित रोग और क्रोनिक किडनी रोग समेत गैर संक्रामक रोगों के होने का जोखिम बढ़ रहा है.
अध्ययन के प्रमुख लेखक प्रोफेसर विवेकानंद झा के मुताबिक,भारत में लोग अलग-अलग तरह के फूड्स खाते हैं, इसलिए यह जाना बहुत जरूरी है कि पुरानी बीमारियों से बचाव के लिए शरीर को किन पोषक तत्वों की जरूरत है.
साथ ही इस अध्ययन के निष्कर्षों में कहा गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में पोषक तत्वों का सेवन ज्यादा पाया गया है. लेकिन उत्तर भारतीयों के खाने की जो आदतें हैं वह उनकी सेहत के लिए सही नहीं हैं.
नमक का ज्यादा सेवन
इसी के साथ ज्यादा नमक के सेवन के कारण हाई बीपी, हार्ट संबंधी बीमारियां और किडनी की बीमारियों का खतरा ज्यादा हो सकता है. साथ ही प्रोटीन इनटेक में भी कमी पाई गई है
एनसीडी की रोकथाम के लिए शोधकर्ताओं ने भारतीय डाइट में ओवटिमल पोषण के लिए कुछ सुझाव सांझे किए हैं. जिसमें नमक और प्रोसेस्ड फूड के सेवन कम करना, डाइट में पोटेशियम से भरपूर फूड्स को शामिल करना. अपने शरीर की जरूरत के मुताबिक डाइट में बदलाव करने की सलाह दी गई है