Delhi Blast Terror Module : दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट की जांच में एक बेहद खौफनाक ‘व्हाइट कॉलर टेरर नेटवर्क’ का पर्दाफाश हुआ है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक ‘टेरर फैक्ट्री’ में तब्दील हो चुकी थी, जहां डॉक्टर और पूर्व मौलवी मिलकर स्लीपर सेल चला रहे थे। जिंदगी बचाने की कसम खाने वाले ये डॉक्टर मौत का सामान (विस्फोटक और जहर) तैयार कर रहे थे।
सोमवार शाम लाल किले के पास हुए कार धमाके में 10 लोगों की मौत हो गई थी। जांच अब NIA को सौंप दी गई है।
फरीदाबाद की यूनिवर्सिटी बनी ‘टेरर फैक्ट्री’
दिल्ली ब्लास्ट के तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। NIA और पुलिस की टीमों ने यूनिवर्सिटी में छापेमारी कर लैब में काम करने वाले तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। जांच में सामने आया है कि जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवातुल-हिंद (AGuH) का यह नेटवर्क यूनिवर्सिटी की आड़ में फंड ट्रांसफर, कट्टरपंथी भर्ती और विस्फोटक इकट्ठा करने का काम कर रहा था।
धमाके वाली कार और डॉ. उमर का कनेक्शन
खुलासा हुआ है कि दिल्ली ब्लास्ट का मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था। धमाके से कुछ घंटे पहले वह यूनिवर्सिटी से एक हुंडई i20 कार लेकर निकला था। माना जा रहा है कि उसी कार में बैठकर उसने खुद को उड़ा लिया। यह कार पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर ही दर्ज है।
डॉक्टरों का खतरनाक नेटवर्क कैसे काम करता था?
- डॉ. आदिल अहमद (अनंतनाग): यह पूरा मॉड्यूल तब खुला जब J&K पुलिस ने अनंतनाग मेडिकल कॉलेज के डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया। उसके लॉकर से एक AK-47 राइफल मिली थी।
- डॉ. मुजम्मिल शकील (फरीदाबाद): डॉ. आदिल से मिली जानकारी के बाद फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल को पकड़ा गया। उसके ठिकानों से कुल 2900 किलो विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट), टाइमर और बैटरियां बरामद हुईं।
- डॉ. शाहीन शाहिद (लखनऊ/फरीदाबाद): लखनऊ की रहने वाली यह महिला डॉक्टर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कार्यरत थी। उसकी कार से एक असॉल्ट राइफल और कारतूस मिले।
- डॉ. अहमद मोहियुद्दीन (गुजरात): गुजरात ATS ने चीन से MBBS कर चुके इस डॉक्टर को पकड़ा। वह ‘रिसिन’ नाम का बेहद जहरीला केमिकल जहर बना रहा था और दिल्ली, लखनऊ व अहमदाबाद में रेकी कर चुका था।
- डॉ. सज्जाद अहमद (पुलवामा): डॉ. उमर का करीबी दोस्त। इसे J&K पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसकी दो दिन पहले ही शादी हुई थी।
मौलवी ने की थी मेडिकल छात्रों की ‘ब्रेनवॉशिंग’
सूत्रों के मुताबिक, GMC श्रीनगर का पूर्व पैरामेडिकल कर्मचारी और मौलवी इरफान ही इस नेटवर्क का मुख्य भर्तीकर्ता था। उसने ही मेडिकल छात्रों को कट्टरपंथी बनाने और जैश से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई।
यूपी-गुजरात तक फैले तार
यह नेटवर्क सिर्फ दिल्ली-कश्मीर तक सीमित नहीं है। गुजरात में गिरफ्तार आतंकी के तार यूपी के लखीमपुर और शामली से भी जुड़े हैं, जहां मदरसों के जरिए युवाओं को नेटवर्क से जोड़ा जा रहा था। दिल्ली ब्लास्ट के बाद यूपी में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
मुख्य बातें (Key Points):
- दिल्ली ब्लास्ट की जांच NIA को सौंपी गई, 10 की मौत की पुष्टि, एक शव पेड़ से मिला।
- फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ‘टेरर फैक्ट्री’ के केंद्र में, 3 और डॉक्टरों से पूछताछ जारी।
- जैश के ‘व्हाइट कॉलर’ नेटवर्क में 6 डॉक्टरों के नाम सामने आए, जो विस्फोटक और जहर बना रहे थे।
- GMC श्रीनगर के पूर्व मौलवी इरफान पर मेडिकल छात्रों की ब्रेनवॉशिंग का आरोप।






