चंडीगढ़, 10 जून (The News Air) पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज ज़ीरकपुर नगर कौंसिल के पूर्व कार्य साधक अफ़सर (ईओ) के आय से अधिक सम्पत्ति जुटाने के मामले में मदद करने के दोष अधीन कोलोनाईज़र पवन कुमार शर्मा निवासी पंचकुला को गिरफ़्तार किया है।
यह खुलासा करते हुए विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहाँ बताया कि पवन कुमार शर्मा ने गाँव खुडाल कलाँ, तहसील बरेटा, ज़िला मानसा में 5 एकड़ ज़मीन में स्थित 25,000 मीट्रिक टन की क्षमता वाले ओपन प्लिंथ (स्टोरेज गोदाम) को कृषि ज़मीन के तौर पर बेचकर ग़ैर-कानूनी तौर पर पैसे कमाने में गिरीश की मदद की थी। उन्होंने बताया कि इस ज़मीन की रजिस्ट्री कम कीमत पर करवाई गई क्योंकि पवन कुमार नगर कौंसिल ज़ीरकपुर की हदूद के अंदर रियल अस्टेट का कारोबार कर रहा था, जहाँ गिरीश वर्मा लम्बे समय से ई.ओ. के तौर पर तैनात था और बदले में उसे ग़ैर-कानूनी ढंग से लाभ भी पहुंचाता था।
उन्होंने आगे कहा कि पवन कुमार के साथ गिरीश वर्मा के पुत्र विकास वर्मा के और भी कई वित्तीय लेन-देन हैं। उसने गिरीश वर्मा के नाजायज पैसे नकद लेकर और बैंक एंट्रियों के द्वारा जायज़ बनाने में भी मदद की।
उन्होंने बताया कि गिरीश को अक्तूबर 2022 में गिरफ़्तार किया गया था जबकि पवन कुमार फ़रार चल रहा था। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है।
हाल ही में, हाई कोर्ट ने सह-दोषी गौरव गुप्ता निवासी कुराली (पूर्व एमसी), संजीव कुमार निवासी खरड़, जो रियल अस्टेट फर्म बालाजी इन्फ्रा बिल्डटेक में विकास वर्मा के हिस्सेदार है, की अग्रिम ज़मानत याचिका को ख़ारिज कर दिया है। ईओ गिरीश वर्मा के पुत्र विकास वर्मा की आग्रिम ज़मानत भी हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है और वह अभी फ़रार है।
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