नई दिल्ली, 21 मार्च (The News Air) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जाति जनगणना की मांग को लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की है। इस बीच कांग्रेस में ही इस मुद्दे पर मतभेद सामने आए हैं। कांग्रेस के एक सीनियर नेता आनंद शर्मा ने कहा है कि पार्टी को जाति जनगणना की मांग नहीं करनी चाहिए। इससे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अपमान होगा। कांग्रेस ने कभी जाति की राजनीति का समर्थन नहीं किया।
आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर जाति जनगणना की मांग पर अपनी आपत्ति जताई है। पत्र में उन्होंने कहा है कि जाति जनगणना की मांग को पार्टी के पूर्व नेताओं इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का अनादर करने के रूप में गलत समझा जा सकता है।
आनंद शर्मा ने याद दिलाया कि इंदिरा गांधी के 1980 में “ना जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर” का नारा दिया था। 1990 में राजीव गांधी ने “जातिवाद” को चुनावी फैक्टर बनाने का विरोध किया था। शर्मा ने कहा, “ऐतिहासिक पद से हटना देश भर के कई कांग्रेसी पुरुषों और महिलाओं के लिए चिंता का विषय है। इस पर विचार करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि इसे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की विरासत का अनादर करने के रूप में गलत समझा जाएगा।”
जाति जनगणना की मांग का मुद्दा लेकर चुनाव में जा रही कांग्रेस : गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित सर्वे कराया था। तब नीतीश महागठबंधन में थे। इस सर्वे के बाद कांग्रेस ने जाति जनगणना कराने की मांग को देशभर में उठाना शूरू कर दिया। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में इस अपना मुख्य मुद्दा बनाया है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि केंद्र में विपक्षी गठबंधन की सरकार बनी तो देशभर में जाति जनगणना कराई जाएगी।
इस मुद्दे पर आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी के कुछ गठबंधन सदस्यों ने लंबे समय से जाति-आधारित राजनीति की है। सामाजिक न्याय पर कांग्रेस की नीति भारतीय समाज की जटिलताओं की परिपक्व और सूचित समझ पर आधारित है। जाति भारतीय समाज की एक वास्तविकता है। कांग्रेस कभी भी पहचान की राजनीति में शामिल नहीं हुई है और न ही इसका समर्थन किया है। यह लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।