Jammu Bandh Vaishno Devi Seats जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधीन आने वाले मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को आवंटित कर दी गई हैं, जबकि हिंदू छात्रों को मात्र आठ सीटें मिली हैं। इस सीट आवंटन को लेकर शुरू हुआ विवाद अब बड़े तूफान का संकेत दे रहा है और आज युवाओं ने ‘जम्मू बंद’ का ऐलान किया है।
जम्मू में ‘अमरनाथ भूमि आंदोलन’ जैसा डर
सीट आवंटन में हुई इस भारी विसंगति से जम्मू क्षेत्र में गहरी नाराजगी है। इस मुद्दे पर गठित श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने आंदोलन की शुरुआत करते हुए आज कोर ग्रुप की बैठक और पत्रकार वार्ता का आयोजन किया।
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संगठनों की नाराजगी: जम्मू के कई हिंदू सामाजिक और व्यापारिक संगठनों ने कहा है कि मांग पूरी न कर यह मुद्दा फिर से श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन की तरह ‘जम्मू बनाम कश्मीर’ बनाने की कोशिश की जा रही है।
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समिति की मांग: संघर्ष समिति ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर हिंदू छात्रों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तो आंदोलन और तेज होगा। समिति का कहना है कि सीटों का आवंटन करते समय क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए।
विवाद पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस संवेदनशील मुद्दे पर कई सियासी दलों ने प्रतिक्रिया दी है, जिससे मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है:
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उमर अब्दुल्ला (पूर्व मुख्यमंत्री): उन्होंने इस विरोध को पूरी तरह अनावश्यक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रवेश मेरिट के आधार पर होने चाहिए, धर्म के आधार पर नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि संविधान धर्म के आधार पर प्रवेश की अनुमति नहीं देता।
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सुनील शर्मा (वरिष्ठ बीजेपी नेता): उन्होंने उपराज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह किया है कि केवल सनातन धर्म और माता वैष्णो देवी में आस्था रखने वालों के लिए ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु श्राइन बोर्ड से सनातन धर्म के विकास की आशा रखते हैं।
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रवींद्र शर्मा (कांग्रेस प्रवक्ता): उन्होंने बीजेपी नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब श्राइन बोर्ड का मेडिकल कॉलेज बना था, तब ऐसा प्रावधान क्यों नहीं किया गया था, और अब इस मामले को तूल क्यों दिया जा रहा है।
हिंदू संगठनों के तर्क और धार्मिक कारण
संघर्ष समिति के संयोजक सुखवीर सिंह मनकोटिया ने उमर अब्दुल्ला पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
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चढ़ावे का पैसा: हिंदू संगठनों का तर्क है कि हिंदुओं के चढ़ावे से चलने वाले श्राइन बोर्ड के मेडिकल कॉलेज में हिंदुओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, क्योंकि श्रद्धालु हिंदुओं के धर्म-कर्म के लिए चढ़ावा देते हैं।
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खान-पान की आदतें: उनका एक तर्क यह भी है कि कटड़ा के पास मौजूद इस मेडिकल कॉलेज में मांस के व्यंजन पर पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन अन्य समुदाय के छात्रों की खानपान की आदतें अलग हैं, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी।
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न्याय संगत आवंटन: समिति का कहना है कि उनकी लड़ाई किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि न्याय संगत सीट आवंटन के लिए है।
क्या है पृष्ठभूमि
इस मेडिकल कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया जम्मू कश्मीर बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जाम से की गई है। इसकी पहली चयन सूची पर ही यह बवाल शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले तक यहां 36 दाखिले हो चुके हैं, जिनमें अधिकतर मुस्लिम छात्र हैं, जिससे हिंदू छात्र नाराज हैं और आज जम्मू बंद का ऐलान किया गया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को आवंटित की गई हैं।
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आवंटन के विरोध में आज जम्मू के युवाओं और 60 से ज्यादा संगठनों ने ‘जम्मू बंद’ का ऐलान किया है।
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हिंदू संगठनों का तर्क है कि हिंदुओं के चढ़ावे से चलने वाले संस्थान में हिंदुओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
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पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विरोध को अनावश्यक बताते हुए दाखिले को मेरिट आधारित रखने की वकालत की है।






