The News Air: दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन को इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट यानी ED ने गिरफ़्तार कर लिया है। करप्शन और हवाला मामले में जैन के ख़िलाफ़ जांच चल रही थी। यह मामला कोलकाता की कंपनी से जुड़ा बताया जा रहा है। सत्येंद्र को अरविंद केजरीवाल का क़रीबी माना जाता है।
दो महीने पहले सीबीआई की तरफ़ से प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज़ एफआईआर के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से क़ुर्क़ किया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 में केस दर्ज़ किया था। बाद में ये केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया था।
शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए मिले थे
ED के मुताबिक़ जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के ज़रिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नक़द ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ED की रिपोर्ट के मुताबिक़ इस रक़म का इस्तेमाल ज़मीन की सीधी ख़रीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की ख़रीद को लिए गए क़र्ज़ की अदायगी के लिए किया गया था।
डॉ. ऋषि राज़ के साथ आया था नाम सामने
दिल्ली डेंटल काउंसलिंग के रजिस्ट्रार डॉ. ऋषि राज़ के घर पर पड़े सीबीआई छापे में सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज़ और दो करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप मिली थी। इससे पता चला था कि 2011 में जैन की कंपनियों के नाम पर दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। इसके अलावा जैन के नाम पर दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा और 8 बीघा ज़मीन के बैनामा के साथ 14 बीघा ज़मीन की पावर ऑफ़ अटॉर्नी भी मिली थी।