Delhi Water Crisis: दिल्ली में जल संकट (Delhi Water Crisis) को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार सुबह चुनाव आयोग (Election Commission) के सामने BJP पर बड़ा आरोप लगाया।
यमुना में BJP द्वारा हरियाणा से भेजे जा रहे ज़हरीले पानी पर दिल्ली की AAP सरकार का संघर्ष सफल हुआ। Election Commission जाने से पहले @ArvindKejriwal LIVE https://t.co/wBx8GqMgJ7
— AAP (@AamAadmiParty) January 31, 2025
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार (Haryana Government) जानबूझकर दिल्ली में जहरीला पानी भेज रही है, ताकि यहां पानी की किल्लत पैदा हो सके। केजरीवाल के साथ दिल्ली की सीएम आतिशी (Atishi) और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) भी चुनाव आयोग पहुंचे।
चुनाव आयोग में क्या बोले अरविंद केजरीवाल?
चुनाव आयोग (Election Commission) के बाहर मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा:
- “हमने चुनाव आयोग को BJP की साजिश का पूरा घटनाक्रम बताया है।”
- “हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) दिल्ली में जहरीला पानी भेज रहे हैं, ताकि आर्टिफिशियल वाटर क्राइसिस हो।”
- “हम यमुना (Yamuna) के पानी की तीन बोतलें लेकर आए हैं, जिसमें 7 PPM अमोनिया (Ammonia) है। अगर चुनाव आयोग को लगता है कि ये पानी साफ है, तो वह इसे पीकर दिखाएं।”
AAP सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) ने बताया कि चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच करने का भरोसा दिया है।
BJP पर खुला हमला, “ये देशद्रोह है”
अरविंद केजरीवाल ने BJP पर तीखा हमला करते हुए कहा:
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“हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली में गंदा पानी भेज रही है।”
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“अगर कोई दुश्मन देश हमारी वाटर सप्लाई जहरीली करे, तो ये युद्ध का कारण बनेगा। फिर BJP ऐसा क्यों कर रही है?”
- “दिल्ली में खुलेआम पैसा और सामान बांटा जा रहा है, लेकिन चुनाव आयोग चुप बैठा है।”
उन्होंने कहा कि “अगर चुनाव आयोग BJP के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता, तो भारतीय लोकतंत्र की साख दांव पर लग जाएगी।”
यमुना का जहर विवाद: चुनाव आयोग ने केजरीवाल को भेजी थी चिट्ठी
दिल्ली में जल संकट की शिकायत के बाद चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को केजरीवाल को नोटिस भेजा था।
चुनाव आयोग ने AAP से 5 बड़े सवाल पूछे:
1️⃣ “यमुना के किस स्थान पर पानी में जहर मिलाया गया?”
2️⃣ “इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण है?”
3️⃣ “दिल्ली सरकार के पास क्या सबूत हैं?”
4️⃣ “क्या जल संकट को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है?”
5️⃣ “31 जनवरी सुबह 11 बजे तक जवाब नहीं देने पर कार्रवाई की जाएगी।”
AAP सरकार ने अब चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखा और सबूत पेश किए हैं।
क्या सच में जहरीला हो गया दिल्ली का पानी?
विशेषज्ञों का कहना है कि यमुना (Yamuna) में अमोनिया (Ammonia) का स्तर कई दिनों से बढ़ा हुआ है।
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दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) के अनुसार पानी में 7 PPM तक अमोनिया पाया गया, जो पीने के पानी के लिए बेहद खतरनाक है।
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WHO के मानकों के अनुसार 0.5 PPM से ज्यादा अमोनिया सेहत के लिए हानिकारक होता है।
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दिल्ली सरकार का कहना है कि हरियाणा (Haryana) से आने वाला पानी जानबूझकर दूषित किया जा रहा है।
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हालांकि,
BJP का दावा है कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए झूठा प्रचार कर रही है।
हरियाणा सरकार का जवाब – “AAP सरकार जनता को गुमराह कर रही है”
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने AAP सरकार के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
“दिल्ली में जल संकट के लिए हमारी सरकार जिम्मेदार नहीं है।”
“AAP सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए BJP पर झूठे आरोप लगा रही है।”
“यमुना का पानी हर साल सर्दियों में दूषित होता है, लेकिन दिल्ली सरकार इसे चुनावी मुद्दा बना रही है।”
विशेषज्ञों की राय – दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान क्या है?
जल विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली में पानी की गुणवत्ता खराब होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
🔹 यमुना में औद्योगिक कचरे (Industrial Waste) की वजह से प्रदूषण बढ़ रहा है।
🔹 हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है।
🔹 दिल्ली सरकार को जल शुद्धिकरण संयंत्र (Water Purification Plants) पर ध्यान देना होगा।
🔹 राजनीतिक बहस से ज्यादा, समस्या के समाधान पर फोकस जरूरी है।
क्या होगा चुनाव आयोग का फैसला?
अब सबकी नजरें चुनाव आयोग (Election Commission) के फैसले पर टिकी हैं।
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क्या चुनाव आयोग BJP के खिलाफ कार्रवाई करेगा?
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क्या केजरीवाल का आरोप सही साबित होगा?
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क्या दिल्ली की जनता को स्वच्छ पानी मिलेगा?
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AAP और BJP के बीच यह विवाद चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है।
दिल्ली में जल संकट को लेकर राजनीति तेज हो गई है। जहां AAP सरकार BJP पर साजिश का आरोप लगा रही है, वहीं हरियाणा सरकार इन दावों को गलत बता रही है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस मामले पर क्या फैसला लेता है।






