नई दिल्ली 28 दिसंबर (The News Air): दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच जारी तनातनी अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने दोनों पार्टियों के आपसी विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन की एकजुटता पर जोर देते हुए दोनों दलों को सलाह दी कि वे समझें कि उनका असली दुश्मन कौन है।
AAP-कांग्रेस विवाद पर राउत का बयान : संजय राउत ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के विचार भले ही अलग हों, लेकिन उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि वे ‘इंडिया’ गठबंधन के साझेदार हैं। उन्होंने कहा, “आपसी लड़ाई से फायदा सिर्फ भाजपा को होगा। यह समय अपने मतभेद भूलकर एकजुट होने का है।”
राउत ने इशारों-इशारों में भाजपा को विपक्ष का “असली दुश्मन” करार दिया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टियां यह नहीं समझतीं कि उनका लक्ष्य क्या है, तो गठबंधन का उद्देश्य ही बेकार हो जाएगा।
कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ता तनाव : दिल्ली कांग्रेस ने हाल ही में 12-सूत्रीय श्वेतपत्र जारी किया, जिसमें आम आदमी पार्टी और भाजपा पर वादे पूरे न करने और कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया। इसके जवाब में आप ने कांग्रेस पर दिल्ली चुनाव में भाजपा से मिलीभगत करने का आरोप लगाया और 24 घंटे के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
AAP ने धमकी दी कि अगर कांग्रेस ने अपने नेताओं के बयान को लेकर कार्रवाई नहीं की, तो वे कांग्रेस को ‘इंडिया’ गठबंधन से बाहर करने की मांग करेंगे।
राउत का सुझाव और कांग्रेस की स्थिति : संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले तीन लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बेहद खराब रहा है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी को विपक्ष से निशाना बनाए जाने की आदत होती है। दिल्ली और पंजाब में AAP की बढ़त से कांग्रेस को धक्का लगा है, लेकिन उन्हें इस समय भाजपा के खिलाफ रणनीति बनानी चाहिए।
गठबंधन पर सवाल या भाजपा के लिए मौका? : विश्लेषकों का मानना है कि AAP और कांग्रेस के इस विवाद से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को बड़ा नुकसान हो सकता है। भाजपा इस मुद्दे को भुनाने के लिए तैयार बैठी है। राउत ने इस विवाद को जल्द सुलझाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि दोनों दलों को स्पष्ट करना होगा कि उनकी असली लड़ाई एक-दूसरे से है या भाजपा से।
राजनीतिक दांव-पेंच और आगे का रास्ता
- AAP की नाराजगी: दिल्ली चुनाव में कांग्रेस की ओर से निशाना बनाए जाने के कारण AAP बिफरी हुई है।
- कांग्रेस की रणनीति: दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कांग्रेस कोई भी मौका नहीं छोड़ना चाहती।
- भाजपा का फायदा: AAP और कांग्रेस के बीच तनाव से भाजपा को रणनीतिक लाभ मिल सकता है।
राउत की सलाह का मतलब : राउत का बयान न सिर्फ AAP और कांग्रेस को चेतावनी है, बल्कि यह विपक्षी गठबंधन को भी एकजुट रहने की अपील है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपसी विवाद से सबसे बड़ा लाभ भाजपा को होगा।