Delhi Blast Imam : दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच का दायरा जैसे-जैसे बढ़ रहा है, नए-नए चेहरे सामने आ रहे हैं। इस मामले में एक इमाम की गिरफ्तारी के बाद अब उनके परिवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। गिरफ्तार इमाम के भाई ने अपने परिवार को पूरी तरह से निर्दोष बताते हुए कहा है कि उनका इस तरह की गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है।
इमाम के भाई ने दावा किया कि उनके भाई पिछले 20 सालों से अल-फला कॉलेज की मस्जिद में इमामत कर रहे हैं और उनका काम सिर्फ नमाज पढ़ाना है।
’20 साल से अल-फला कॉलेज में हैं इमाम’
गिरफ्तार इमाम के भाई ने पूरे मामले पर बात करते हुए कहा, “वह (गिरफ्तार इमाम) 20 सालों से वहां इमामत करते हैं। शादी से पहले ही मैंने उन्हें मस्जिद में लगा दिया था। वह अल-फला कॉलेज की मस्जिद है और वह कॉलेज की तरफ से ही वहां इमाम हैं।”
उन्होंने बताया कि उनके भाई का परिवार भी वहीं रहता है और उनका भी एक-दूसरे के यहां आना-जाना लगा रहता है।
‘डॉक्टर ने लिया था कमरा किराए पर’
उस कमरे के बारे में बात करते हुए जहां से कथित तौर पर विस्फोटक मिलने की बात सामने आई है, इमाम के भाई ने स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि उनके भाई ने फतेहपुर में एक जगह लेकर चार कमरों का मकान बनाया था।
उन्होंने कहा, “वे कमरे उसी दिन से किराए पर थे। उसमें से एक कमरा इस डॉक्टर (संदिग्ध) ने भी ले लिया था। पता नहीं कब लिया, साल पहले लिया या महीने पहले, यह हमें नहीं पता।”
‘किराएदार क्या कर रहा, हमें नहीं पता’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक मकान मालिक का अपने किराएदार से सिर्फ किराए तक का वास्ता होता है।
उन्होंने कहा, “हमें पता नहीं कि किराएदार क्या कर रहा है। हमारे और कमरे भी किराए पर ही चलते हैं। हम वहां देखने के लिए तो जाते नहीं हैं कि किराएदार कब सो रहा है, कब जग रहा है। महीने-महीने, दो-दो महीने नहीं जाते। सिर्फ किराया लेने के लिए जाते हैं।”
इस पूरे प्रकरण से आम लोगों को भी यह सबक मिलता है कि अपने किराएदारों की पूरी जांच-पड़ताल (वेरिफिकेशन) रखना कितना ज़रूरी है।
‘मीडिया में RDX की बात, हमें नहीं पता क्या निकला’
इमाम के भाई ने कमरे से मिले सामान को लेकर चल रही खबरों पर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा, “जो बता रहे हैं कि उसमें से कट्टा निकला है, ये लोगों की बात है। मीडिया बता रही है कि उसमें RDX निकला है, कुछ लोग कह रहे हैं कि केमिकल है और कुछ कह रहे हैं कि खाद-बीज है।”
उन्होंने कहा कि यह तो जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा कि असल में वहां से क्या मिला है।
‘6 तारीख को हुई थी आखिरी मुलाकात’
जब उनसे पूछा गया कि उनकी अपने भाई से आखिरी बार कब बात हुई थी, तो उन्होंने बताया कि वह 6 तारीख (संभवतः 6 नवंबर) को दिल्ली गए थे और वापसी में शाम को अपने भाई के घर से होकर आए थे।
उन्होंने कहा, “मैं खाना खाकर तब आया था। वहां सारे बच्चे थे, मेरा भाई भी था और मेरी भाभी भी थीं। यह 6 तारीख का मामला है।”
‘डॉक्टरों से जान-पहचान होना आम बात’
कॉलेज के डॉक्टरों के साथ अपने भाई के संबंधों पर उन्होंने कहा कि 20 साल से एक ही जगह पर रहने के कारण यह स्वाभाविक है।
उन्होंने बताया, “अल-फला के काफी डॉक्टरों के पास हमारा दूध भी जाता है।” उन्होंने आगे बताया कि मस्जिद कॉलेज की है, इसलिए वहां नमाज पढ़ने वालों में स्टूडेंट, डॉक्टर और अन्य स्टाफ ही होते हैं।
इमाम का वास्ता नमाज पढ़ने वालों (मुक्तलदियों) से होता ही है। उन्होंने कहा, “जिस आदमी को 20 साल रहते हुए हो गए, तो कॉलेज के हिसाब से सबसे जान-पहचान होगी ही।”
‘हमारा खानदान बेकसूर’
अपने परिवार की पृष्ठभूमि बताते हुए उन्होंने कहा, “हम इसको बिल्कुल गलत मानते हैं। हमारा कोई वास्ता नहीं ऐसा। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे नाम से पुलिस में रिपोर्ट भी नहीं होगी। हमारे किसी खानदान, काका-ताऊ, बाप-दादाओं के दौर से किसी के नाम से कोई ऐसा मामला नहीं है।”
‘हम पांचों भाई इमाम हैं’
उन्होंने अपने परिवार के काम के बारे में बताते हुए कहा, “हमारा काम है मस्जिदों में इमामत करना। मैं खुद भी इमाम हूं। मुझसे छोटा है, वह भी गांव की मस्जिद का इमाम है। जो हमारे छोटे-बड़े भाई हैं, वे भी गांव की ही मस्जिद के इमाम हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अल्हम्दुलिल्लाह हम इमामत का ही काम करते हैं। हमारे बाप ने हमें पढ़ाया और वसीयत की कि तुम्हें इमामत करनी है, तो हम इमामत करते हैं।” उन्होंने बताया कि वे पांच भाई हैं और सभी इमामत के पेशे से जुड़े हैं।
‘हमारे भाई को निर्दोष साबित किया जाए’
अंत में, उन्होंने भावुक होकर कहा कि उनके भाई पर लगे आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा, “हम कहना चाहेंगे कि हमारे भाई को साबित किया जाए। हमारा बेटा गलत नहीं, उसे निर्दोष कर दें।”
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा मामला दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट की जांच से जुड़ा है। इस जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इसी कड़ी में एक इमाम को भी गिरफ्तार किया गया, जिनके किराए के मकान में रहने वाले एक डॉक्टर (जो ब्लास्ट का मुख्य संदिग्ध है) के कमरे से कथित तौर पर विस्फोटक सामग्री मिलने का दावा किया जा रहा है। इमाम के परिवार ने अब सामने आकर उन्हें निर्दोष बताया है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
- दिल्ली ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इमाम के भाई ने परिवार को बेकसूर बताया है।
- भाई का दावा है कि इमाम 20 साल से अल-फला कॉलेज की मस्जिद में इमामत कर रहे हैं।
- संदिग्ध डॉक्टर ने इमाम का एक कमरा किराए पर लिया हुआ था, जिसकी जानकारी उन्हें नहीं थी।
- परिवार का कहना है कि वे पांच भाई हैं और सभी का पेशा मस्जिदों में इमामत करना है।






