चंडीगढ़, 28 दिसंबर (The News Air) किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर एक विशाल महापंचायत का आह्वान किया है। इस महापंचायत में लाखों किसानों के शामिल होने की उम्मीद है। डल्लेवाल ने कहा है कि इस मंच से किसानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण संदेश दिया जाएगा, जो उनके संघर्ष की दिशा और रणनीति को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी मांगें पूरी होने तक यह संघर्ष जारी रहेगा। यह आंदोलन किसानों के अधिकार और न्याय के लिए है।”
महापंचायत की पृष्ठभूमि और महत्व : यह महापंचायत ऐसे समय में बुलाई गई है, जब किसानों की मांगों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच गतिरोध बना हुआ है। डल्लेवाल ने अपने हालिया वीडियो संदेश में बताया कि पंजाब में किसानों के हितों को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है, और यह महापंचायत उनके संघर्ष को और मजबूत करने का माध्यम बनेगी।
डल्लेवाल ने यह भी बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद का ऐलान व्यापक समर्थन हासिल कर रहा है। बंद के दौरान कई स्थानों पर किसानों और समर्थकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का प्रयास किया।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और सरकार का रवैया : इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में भी एक अहम सुनवाई होनी थी। हालांकि, केंद्र सरकार के वकील की तबीयत खराब होने के कारण सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह किसानों के साथ बातचीत का रास्ता निकाले। डल्लेवाल ने कोर्ट की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह संघर्ष किसानों के लिए न्याय की मांग का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है। “हम सिर्फ अपने अधिकार और बेहतर भविष्य की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार हमारी मांगों को अनदेखा कर रही है,” डल्लेवाल ने कहा।
आंदोलन में शामिल होंगे सोनम वांगचुक : खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन को समर्थन देने के लिए प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और इनोवेटर सोनम वांगचुक भी पहुँचेंगे। उन्होंने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
महापंचायत में क्या होगा खास? : डल्लेवाल ने संकेत दिया है कि 4 जनवरी को महापंचायत के मंच से किसानों के लिए एक बड़ा और निर्णायक ऐलान किया जा सकता है। यह ऐलान आंदोलन की दिशा को बदल सकता है और सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल हों और इसे ऐतिहासिक बनाएं। डल्लेवाल ने कहा कि यह समय एकजुटता दिखाने और सरकार को यह संदेश देने का है कि किसान अपने हक के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
डल्लेवाल ने अपने आमरण अनशन की बात भी की और कहा कि वह अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। उनके नेतृत्व में किसान आंदोलन ने नई ऊर्जा पाई है। महापंचायत का ऐलान इस बात का संकेत है कि यह आंदोलन अब और तेज़ होगा।
4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर होने वाली महापंचायत एक ऐतिहासिक आयोजन होने जा रही है। इस महापंचायत से यह तय होगा कि किसान आंदोलन किस दिशा में आगे बढ़ेगा। लाखों लोगों की उपस्थिति और डल्लेवाल के ऐलान पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। किसानों और सरकार के बीच बातचीत का कोई सार्थक नतीजा अभी तक नहीं निकला है, लेकिन यह महापंचायत शायद सरकार को सोचने पर मजबूर कर दे।