Crypto Hacking: क्रिप्टो मार्केट में निवेश जोखिम भरा है और इसमें लगभग पूरा निवेश डूबने का भी रिस्क होता है। हालांकि भाव में शेयरों की तरह उतार-चढ़ाव के अलावा इसमें हैकिंग का भी रिस्क रहता है। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस टोटल वैल्यू लॉक्ड (DeFi TVL) एग्रीगेरेटर DeFiLlama के मुताबिक जनवरी 2020 से लेकर अक्टूबर 2022 तक 124 क्रिप्टो हैक हुए। इसमें 518 करोड़ डॉलर (42.5 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ।
हैंकिंग के चलते टोकन प्राइस औसतन 50 फीसदी तक गिर गए और कुछ टोकन के भाव तो 99 फीसदी तक गिर गए। हालांकि खास बात यह है कि क्रैश होने के बाद कुछ मामलों में क्रिप्टो के भाव ने जबरदस्त वापसी की और पहले के भी मुकाबले ऊपर उछल गए। हैकिंग और कीमतों पर इसके असर को लेकर DefiLlama ने एक रिपोर्ट तैयार की है जिससे निवेशक क्रिप्टो में निवेश से पहले अपनी स्ट्रैटजी तैयार कर सकते हैं।
DefiLlama के मुताबिक हैकिंग के लिए कई प्रकार की खामियों पर टारगेट किया जाता है जैसे कि इंफ्रास्ट्रक्चर (तकनीक), स्मॉल कांट्रैक्ट लैंगुएज (ब्लॉकचेन पर स्टोर किया हुआ डिजिटल कांट्रैक्ट), प्रोटोकॉल लॉजिक (ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़े नियम) या विभिन्न प्रोटोकॉल्स के बीच इंटरैक्शन (अलग-अलग ब्लॉकचेन के बीच इंटरैक्शन) में खामियों पर।
DefiLlama के रिसर्च के मुताबिक सबसे अधिक प्रोटोकॉल लॉजिक में खामियों के चलते सेंध लगी। 37 प्रोटोकॉल लॉजिक हैक के चलते 200 करोड़ डॉलर (16.4 हजार करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ।
Private Key की चोरी में सफल रहे हैकर्स
रिपोर्ट के मुताबिक हैरानी की बात यह रही कि हैकर्स आसानी से निवेशकों और प्रोजेक्ट में शामिल होने वालों के प्राइवेट की चुराने में सफल रहे। इस तकनीक के जरिए हैकिंग का आंकड़ा सबसे अधिक रहा। इसके अलावा हैकर्स कमजोर एक्सेस कंट्रोल पर कब्जा करने में भी सफल रहे।
प्राइस ओरेकल मैनिपुलेशन तकनीक का भी हैकर्स ने इस्तेमाल किया। इसके तहत हैकर्स ऐसे डेटा को बदलने में सक्षम होते हैं जिसे थर्ड पार्टी एक स्मार्ट कांट्रैक्ट के लिए सप्लाई करती है ताकि किसी काम में इसका इस्तेमाल हो सके।
हैकिंग का क्रिप्टोकरेंसी पर असर
क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू पर हैकिंग का निगेटिव असर दिखा और उनकी वैल्यू 50 फीसदी तक और कुछ मामलों में 99 फीसदी तक चली गई। हालांकि हैरानी की बात ये है कि हैकिंग के बाद समय बीतने पर कुछ क्रिप्टो के प्राइस में रिकवरी हुई और पहले से भी ऊपर भाव पहुंच गए। हालांकि रिकवरी कितने समय में हुई, इसे लेकर एक सामान्य समय सीमा नहीं दी जा सकती है क्योंकि सभी क्रिप्टो के लिए यह अलग-अलग रही।
हालांकि अधिकतर क्रिप्टो के मामले में हैकिंग के बाद यानी भरोसा चले जाने के बाद भाव पुराने स्तर पर नहीं लौट पाया जिसे नीचे ग्राफ में नीले रंग की रेखाओं से दिखाया गया है। इसमें जो पीले रंग में लाइन हैं, वे ऐसे क्रिप्टो की हैं जो हैकिंग के बाद 2021में बुल मार्केट के दौरान शानदार रिकवरी की थी।
निवेशकों के लिए सुझाव
DefiLlama की इस रिपोर्ट के आधार पर निवेशक क्रिप्टो में निवेश को लेकर अपनी स्ट्रैटजी बना सकते हैं। जैसे कि अगर किसी क्रिप्टोकरेंसीज में हैकिंग हुई है तो उसे बेच देना चाहिए। इसके अलावा ऊपर जो हैकिंग के तरीके और तकनीक बताए गए हैं, उसे लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।
(डिस्क्लेमर: यह क्रिप्टोकरेंसीज में निवेश की सलाह नहीं है और सिर्फ जानकारी के लिए है। क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और पैसे लगाने से पहले अपने सलाहकार से जरूर सलाह लें।)