सैंकड़ों स्टूडेंट्स से करोड़ों रुपए ठगने के बाद कैनेडा फरार हुई क्रिस्पी खैहरा 

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चंडीगढ़ (The News Air): अगर किसी आरोपी या ठग के नाम पर लुक आउट सर्कुलर जारी हो जाएं तो पुलिस उसे शहर क्राॅस करने से पहले ही पकड़ लेती है। लेकिन करीब 100 करोड़ ठगने के बाद एक महिला शहर ही नहीं बल्कि देश छोड़कर फरार हो गई। ये महिला कोई और नहीं बल्कि क्रिस्पी खैहरा है जाेकि अपने पति देविंदर सिंह गिल उर्फ थापा के साथ मिलकर सैंकड़ों स्टूडेंट्स को विदेश भेजने के नाम पर ठग चुकी है। दोनों पति-पत्नी पर दर्जनों एफआईआर हैं। पति रोपड़ जेल में एैश ले रहा है, जबकि पत्नी 100 करोड़ रुपए लेकर कैनेडा फरार हो गई। शनिवार को पंजाब-हरियाणा हाईकाेर्ट के एडवोकेट वरिंदर सिंह ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्रिस्पी खैहरा के फरार होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्रिस्पी को कोर्ट ने भी भगौड़ा घोषित कर दिया था।

इसके बाद उसके लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिए गए। यहां तक कि उसकी सूचना देने पर 50 हजार रुपए का ईनाम भी पुलिस ने रख दिया। इसके बावजूद वह पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भाग निकली। एडवोकेट वरिंदर ने बताया कि उसे भगाने में पुलिस ने भी साथ दिया है। इसलिए उन्होंने क्रिस्पी खैहरा को वापस भारत लाने और उसे भगाने में मदद करने वाले दागी पुलिस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने डीजीपी पंजाब भी शिकायत दी है। इसके अलावा वे द कैनेडियन कॉन्सुलेट इन इंडिया, एयर कैनेडा और गवर्नर ऑफ पंजाब को भी शिकायत भेज चुके हैं।

पति-संग मिलकर की करोड़ों की ठगी क्रिस्पी खैहरा ने अपने देविंदर सिंह गिल उर्फ थापा के साथ मिलकर करोड़ों रुपए की ठगी। ये दोनों पति-पत्नी अब तक 300 से ज्यादा स्टूडेंट्स को ठग चुके हैं। इन पर दर्जनों एफआईआर दर्ज हैं। थापा को तो दो साल पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वह अभी रोपड़ जेल में है क्योंकि उस पर पंजाब में भी केस दर्ज है। खुद वह जेल में है, लेकिन उसकी पत्नी फरार होने में कामयाब रही है। ये दोनों पहले जाली इमिग्रेशन कंपनियां बनाते थे। उन्हें विदेश भेजने का सपना दिखाते थे और फिर उनसे लाखों रुपए ठग लेते थे। लेकिन बाद में वे स्टूडेंट्स को वीजा भी नहीं देते थे और उनके रुपए भी नहीं लौटाते थे।

जेल में मजे ले रहा देविंदर गिल उर्फ थापा एडवोकेट वरिंदर ने बताया कि थापा भले ही पुलिस कस्टडी में है, लेकिन वह जेल में भी मौज ले रहा है। जो पैसा उसने भोले-भाले स्टूडेंट्स को ठग कर बनाया था उसका इस्तेमाल अब वह जेल में आराम की जिंदगी जीने में कर रहा है। वहीं, उसकी पत्नी लूट के इस पैसे से कैनेडा भागी और वहां उसे खर्च कर रही है। जबकि इतनी एफआईआर होने के बावजूद पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी और इसका नतीजा ये हुआ कि स्टूडेंट्स को उनका पैसा वापस नहीं मिला। एडवोकेट वरिंदर ने बताया कि पुलिस कभी देविंदर गिल को अस्पताल में एडमिट कर वीआईपी ट्रीटमेंट देती है ताे कभी पेशी पर कोर्ट लाने की बजाय उसके निजी काम के लिए ईधर-उधर ले जाती है। एक बार तो वह किसी प्रॉपर्टी की डील के लिए पुलिस कस्टडी में अपने घर तक पहुंच गया था। वहीं, कुछ दिन पहले चंडीगढ़ कोर्ट में पेशी के लिए आया तो हाथ में एन्ड्रॉयड वॉच पहनी थी जोकि टेली कम्युनिकेशन का जरिया है।

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