“ISRO’s 100th mission countdown begins: NavIC satellite launch via GSLV rocket from Sriharikota.” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने 100वें मिशन के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। NavIC सैटेलाइट, जो भारत के उपमहाद्वीप को सटीक पोजिशनिंग और नेविगेशन सेवाएं देगा, मंगलवार को आंध्र प्रदेश के Sriharikota स्पेसपोर्ट से लॉन्च किया जाएगा।
🚨 We are only 14 hours away from the launch of GSLV-F15, the 1️⃣0️⃣0️⃣th launch by ISRO from Sriharikota!!
It will carry the NVS-02 satellite, the second in a series of 5 satellites that will comprise the 2nd generation of India's indigenous satellite navigation system – NavIC. 🛰… pic.twitter.com/2XXyxo5NvA
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) January 28, 2025
NavIC सैटेलाइट: भारत का अगला कदम
NavIC (Navigation with Indian Constellation) सैटेलाइट ISRO की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। इस सीरीज में यह दूसरा सैटेलाइट है, जो L1, L5, और S बैंड्स में नेविगेशन सेवाएं प्रदान करेगा।
- सैटेलाइट का वजन: 2,250 किलोग्राम।
- डिजाइन और डिवेलपमेंट: U R Satellite Centre, बेंगलुरु।
- लॉन्च व्हीकल: जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV)।
- लॉन्च समय: 29 जनवरी, सुबह 6:23 बजे।
NavIC भारतीय उपमहाद्वीप के यूजर्स को सटीक पोजिशन, वेलोसिटी और टाइमिंग डेटा प्रदान करेगा। इससे न केवल डिफेंस बल्कि सिविल एप्लिकेशन में भी मदद मिलेगी।
ISRO चेयरमैन V Narayanan का पहला मिशन
हाल ही में ISRO के नए चेयरमैन के रूप में V Narayanan ने कार्यभार संभाला है। उनके नेतृत्व में यह पहला बड़ा मिशन है। GSLV रॉकेट की यह 17वीं उड़ान होगी, जिसमें स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज का उपयोग किया जाएगा।
स्पेस डॉकिंग में भारत की उपलब्धि
हाल ही में ISRO ने स्पेस डॉकिंग की क्षमता हासिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा मुकाम हासिल किया है।
- डॉकिंग प्रोसेस: एक एक्टिव व्हीकल उड़कर अपने टारगेट के साथ जुड़ता है।
- स्पेस डॉकिंग के फायदे:
- भविष्य के ह्यूमन स्पेसफ्लाइट मिशन के लिए यह तकनीक जरूरी है।
- अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह क्षमता रखने वाला चौथा देश बन गया है।
ISRO का SpaDeX मिशन भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।
2035 तक भारत का अंतरिक्ष स्टेशन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ISRO की इस बड़ी सफलता पर टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता भारत के “भारत अंतरिक्ष स्टेशन” (Indian Space Station) परियोजना के लिए एक मजबूत आधार बनेगी।
- स्पेस स्टेशन का लक्ष्य: 2035 तक इसे पूरा करना।
- भविष्य की योजनाएं: Gaganyaan मिशन के तहत मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को लॉन्च करना।
Gaganyaan मिशन: भारत का मानवयुक्त मिशन
ISRO ने Gaganyaan प्रोजेक्ट के तहत ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल Mark-3 (HLVM3) की असेंबलिंग शुरू कर दी है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का सबसे महत्वाकांक्षी हिस्सा है।
- HLVM3 की विशेषताएं:
- 2024 में बिना क्रू वाला पहला मिशन।
- S200 सॉलिड रॉकेट मोटर के नोजल एंड सेगमेंट की स्टैकिंग।
- यह मिशन भारत को ह्यूमन स्पेसफ्लाइट क्लब का हिस्सा बनाएगा।
ISRO का यह 100वां मिशन भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ने वाला है। NavIC सैटेलाइट से भारत को सटीक नेविगेशन सेवाएं मिलेंगी, जो डिफेंस और कमर्शियल एप्लिकेशन में क्रांति ला सकती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO की इस सफलता पर देश को गर्व करने का अवसर दिया है।
आने वाले वर्षों में, ISRO के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स जैसे Gaganyaan और भारत अंतरिक्ष स्टेशन, भारत को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मानचित्र पर और ऊंचाई पर पहुंचाएंगे।
Disclaimer: यह लेख ISRO की आधिकारिक जानकारी और संबंधित रिपोर्ट्स पर आधारित है। अधिक सटीकता के लिए ISRO के आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा करें।