The News Air – कोरोना वायरस ने फिर रफतार पकड़ ली है। स्कॉटलैंड और वेल्स में कोरोना पीक पर है, जबकि इंग्लैंड में कोविड के मामले रिकॉर्ड लेवल के क़रीब हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले हफ़्ते ब्रिटेन में लगभग 4.2 मिलियन लोग संक्रमित हुए। वहीं, जर्मनी में एक दिन पहले रिकॉर्ड 2,96,498 नए कोरोना केस दर्ज़ हुए।
ऑफ़िस फॉर नेशनल स्टैटिस्टिक्स (ONS) ने बताया कि ‘स्टेल्थ ओमिक्रॉन’ कहे जा रहे ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट BA.2 के कारण मामले बढ़ रहे हैं। इंग्लैंड में 19 मार्च तक 16 में से एक व्यक्ति को कोरोना होने की संभावना थी, लेकिन तीसरे हफ़्ते तक भी ये मामले लगातार बढ़ते रहे।
पूरे ब्रिटेन में पिछले सप्ताह लगभग 4.26 मिलियन लोग संक्रमित हुए थे, जो जनवरी 2022 के पहले हफ़्ते में मिले 4.3 मिलियन पॉजिटिव केसों से थोड़े कम हैं। संक्रमणों की संख्या के बावज़ूद, नए साल के जश्न के बाद ओमिक्रॉन के हलक़े लक्षणों के कारण पिछली लहरों की तुलना में बहुत कम मौतें हुईं।
इंग्लैंड में अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज़
इंग्लैंड और वेल्स में अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि, हाई डिपेंडेंसी यूनिट में लोगों की संख्या अभी भी कम है। स्कॉटलैंड के अस्पतालों में वर्तमान में 2,326 मरीज़ों का इलाज हो रहा है, जो एक नया रिकॉर्ड है। ब्रिटेन में कोरोना से अब तक 164,454 लोगों की मौत हो चुकी है।
चीन, यूरोप, एशिया के कई देशों में फिर बढ़ने लगा कोरोना
पड़ोसी देश चीन में 14 मार्च को कोरोना के 3602 केस दर्ज़ किए गए, जो फरवरी 2020 के बाद से सबसे ज़्यादा है। तब से चीन में मामला लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, जर्मनी, इटली, फ्रांस समेत कई यूरोपीय देशों और साउथ कोरिया जैसे एशियाई देशों में भी कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। खासतौर पर जर्मनी में तो हर दिन 2.5 लाख से ज़्यादा नए केस सामने आ रहे हैं।
WHO ने दी चेतावनी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने दुनिया के कई देशों में कोरोना केस बढ़ने को लेकर कहा है कि ये बड़ी मुसीबत की एक झलक भर है। कोरोना महामारी न ही अभी ख़त्म हुई है और न ही सीजनल बीमारी जैसी बनी है। ऐसे में नई लहर का ख़तरा बरक़रार है।
वैक्सीन का हो रहा फ़ायदा
रोजालिंड फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्ट्रक्चरल बायोलॉजी के प्रोफेसर जेम्स नाइस्मिथ ने कहा कि अभी तक कोई संकेत नहीं है कि कोरोना इंफेक्शन के मामले पीक पर हैं। उन्होंने कहा, ‘कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन टीकाकरण, बेहतर उपचार और ओमिक्रॉन के कम गंभीर होने के कारण वायरस की चपेट में आए लोगों को जान का ख़तरा कम है।’