NEHRU MEMORIAL:केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है, नाम बदलते ही सियासत शुरू हो गया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार नेहरू के नामों-निसान मिटाना चाहती है। तो वहीं, पीएमएमएल कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने इसका विरोध करते हुए अपनी सफाई भी दी है।
नेहरू मेमोरियल म्यूजियमएंड लाइब्रेरी(NMML) अब पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी(PMML)के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर नाम बदलने को औपचारिक कार्यक्रम किया है। मोदी सरकार के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी नाखुश है। कांग्रेस नेता इसे जवाहरलाल नेहरू की विरासत मिटाने का प्रयास बता रही है। तो वहीं, सरकार ने इस फैसले का बचाव करते हुए अपनी सफाई भी दी है। कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा है, कि मोदी के पास भय, कठिनाई और असुरक्षा का एक बड़ा बंडल है। खासतौर पर जब बात भारत के पहले और सबसे लंबे समय तक देश की सेवा करने वाले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की होती है।तो वे चीजें साफ-साफ नजर आ जाती हैं। जयराम ने आरोप लगाया है, कि बीजेपी कीएकमात्र एजेंडा नेहरू और उनके विरासत को नुकसान पहुंचाना है।
कांग्रेस के आरोप पर पीएमएमएल कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने विरोध करते हुए कहा कि अगर कोई भी नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) आएगा, तो उसे तीन मूर्ति भवन भी जरूर दिखेगा। यहां आपको नजर आएगा कि कैसे हमने नेहरू, आधुनिक भारत पर उनके मंदिरों, हिराकुंड डैम, नागार्जुन सागर डैम,स्थापित करने के उनके विचार को प्रदर्शित किया है।
अगर आप नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) आऐंगे, तो तीन मूर्ती भवन देखेंगे- कैसे हमने नेहरू आधुनिक भारत के उनके मंदिरों, हीराकुंड डैम, नागार्जुन सागर डैम, स्थापित करने के उनके विचार को प्रदर्शित किया है। प्रधान मंत्री के रूप में उन्होंने जो राष्ट्र के लिए काम किए थे, वो सब अब प्रदर्शित है।
यूपी वालों से सिखा है दिल्ली वालों ने ये काम
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी सरकार के इस फैसले पर विरोध किया है। उन्होंने कहा है, कि नाम बदलने की जो राजनीति हो रही है, वह दिल्ली वालों ने उत्तर प्रदेश से सीखी है। यहां इकाना स्टेडियम, जो भगवान विष्णु के नाम पर था, वो अब अटल बिहारीवाजपेयी के नाम पर है। हमें इससे कोई नाराजगी नहीं है। हमें खुशी तब होती, जब उनके गांव बटेश्वर में भी एक यूनिवर्सिटी बन जाती। उनके परिवार के लोगों और शुरुआती समय में जिन्होंने उनको राजनीति में आगे बढ़ाया उनका भी सम्मान होता।
जून में ही किया गया था फैसला
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML)16 जून 2023 को सोसायटी की एक बैठक में नाम बदलने का फैसला ले लिया गया था। इसकी पुष्टी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी, जो सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत संस्थान है, जो कि दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित है। इस सोसाइटी में एक अध्यक्ष और 29 सदस्य हैं. सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और 29 सदस्यों में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमन धर्मेंद्र प्रधान, जी किशन रेड्डी, अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नाम शामिल हैं. यह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का घर था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली थी।
162 वीं बैठक में मिली थी मंजूरी
खबरों के मुताबिक, 2016 में पीएम मोदी ने नेहरू मेमोरियल को भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार किया था। एनएमएमएलकी कार्यकारी परिषद ने 25 नवंबर 2016 को अपनी 162वीं बैठक में इसे मंजूरी दे दी थी। कांग्रेस के विरोध के बाद भी, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया गया, और 21 अप्रैल2022 को प्रधानमंत्री मोदी ने इसका उद्घाटन कर दिया गया था। हालांकि,पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने इस विचार पर चिंता जताते हुए पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा।