USA Deportation News – अमेरिका (USA) ने 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट कर दिया, जिन्हें मंगलवार को अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Sri Guru Ram Das Jee International Airport, Amritsar) पर उतारा गया। डिपोर्ट किए गए लोगों में पंजाब (Punjab) से 31, हरियाणा (Haryana) से 35, गुजरात (Gujarat) से 33, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से 3 और महाराष्ट्र (Maharashtra) से 2 नागरिक शामिल थे।
लेकिन इस डिपोर्टेशन के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं कि जब डिपोर्ट किए गए नागरिक देश के अलग-अलग राज्यों से थे, तो विमान को सिर्फ अमृतसर में ही क्यों उतारा गया?
AAP का केंद्र सरकार पर हमला
पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा – “यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार की साजिश है। पंजाबियों को बदनाम करने के लिए ही विमान को अमृतसर में उतारा गया। अगर सरकार चाहती तो इसे दिल्ली (Delhi), मुंबई (Mumbai) या किसी अन्य बड़े एयरपोर्ट पर भी उतार सकती थी।”
उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार पंजाब की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है और अमृतसर में लैंडिंग करवाकर एक नकारात्मक नैरेटिव बनाया जा रहा है कि अवैध इमिग्रेशन में पंजाब के लोग ही सबसे आगे हैं।
क्या केंद्र सरकार ने जानबूझकर अमृतसर को चुना?
मंत्री अमन अरोड़ा ने उठाए ये अहम सवाल –
- डिपोर्टेड नागरिकों में 33 गुजरात के थे, तो प्लेन अमृतसर में ही क्यों उतरा?
- अगर दिल्ली एयरपोर्ट चुना जाता तो सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ती?
- क्या यह पंजाबियों को अवैध इमिग्रेशन से जोड़ने की साजिश है?
केंद्र सरकार की अब तक की प्रतिक्रिया?
फिलहाल केंद्र सरकार या विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
हालांकि, एयरपोर्ट अथॉरिटी के सूत्रों का कहना है कि – अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की लैंडिंग का फैसला लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा और एयर ट्रैफिक के आधार पर लिया जाता है। अमृतसर एयरपोर्ट में उत्तरी राज्यों के लोगों की मौजूदगी ज्यादा थी, इसलिए इसे चुना गया। डिपोर्टेड लोगों की कस्टम्स और इमिग्रेशन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए यह फैसला हुआ। लेकिन AAP इन दलीलों को मानने को तैयार नहीं है और इसे राजनीतिक साजिश करार दे रही है।
डिपोर्टेड भारतीयों की क्या हालत है?
अमृतसर एयरपोर्ट पर क्या हुआ?
डिपोर्टेड नागरिकों को इमिग्रेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
उनमें से कई ने बताया कि वे अमेरिका में बेहतर भविष्य की तलाश में गए थे, लेकिन वीजा संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें वापस भेज दिया गया।
कुछ परिवारों ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए लाखों का कर्ज लिया था, अब वे गंभीर आर्थिक संकट में हैं।
एक डिपोर्टेड युवक ने बताया –”हमने एजेंट को 30-40 लाख रुपये दिए थे, लेकिन हमें अमेरिका में वर्क परमिट नहीं मिला। अब हमें बिना कुछ पाए ही वापस भेज दिया गया। हमारा सबकुछ लुट गया।”
क्या अवैध इमिग्रेशन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे?
केंद्र सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
अवैध इमिग्रेशन पर सख्त कानूनों की जरूरत है।
फर्जी ट्रैवल एजेंट्स पर लगाम लगानी होगी, जो लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगते हैं।
- सरकार को विदेशों में भारतीय प्रवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस नीति बनानी होगी।
👉 अमेरिका से 104 भारतीय नागरिक डिपोर्ट हुए।
👉 अमृतसर में लैंडिंग को लेकर AAP ने केंद्र पर लगाए गंभीर आरोप।
👉 पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश या महज इत्तेफाक? यह सवाल बना रहेगा।
👉 सरकार और विदेश मंत्रालय की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार।