Congress Strategy 2024: एक के बाद एक चुनावी हार के बाद कांग्रेस ने अब संगठन को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने जिला कांग्रेस कमेटियों (DCCs) को संगठन का मुख्य आधार बनाने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। इसी के तहत कांग्रेस ने पूरे देश से लगभग 700 जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों को दिल्ली बुलाया है।
27-28 मार्च और 3 अप्रैल को तीन बैच में होने वाली इस तीन दिवसीय बैठक का मुख्य उद्देश्य पार्टी की नई संगठनात्मक रूपरेखा को लागू करना और जमीनी स्तर पर संगठन को फिर से खड़ा करना है। कांग्रेस नेतृत्व को उम्मीद है कि इस कदम से पार्टी को राज्यों में मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सकेगा।
गुजरात बना कांग्रेस का ‘टेस्ट ग्राउंड’
16 साल बाद हो रही इस बड़ी बैठक में पार्टी ने गुजरात (Gujarat) को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना है। गुजरात में 2027 विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी इसे एक नए संगठनात्मक ढांचे के साथ लड़ना चाहती है। बैठक में तय किया जाएगा कि DCC अध्यक्षों को उम्मीदवार चयन में अधिक भूमिका दी जाए और संगठन को पूरी तरह से नए सिरे से मजबूत किया जाए।
AICC महासचिवों और प्रभारियों के साथ हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी भाग लिया। इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के नेतृत्व में तैयार संगठनात्मक खाका भी पेश किया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि “यह बैठक ऐतिहासिक है और जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।”
गुजरात में कांग्रेस की रणनीति क्या है?
गुजरात भारतीय जनता पार्टी (BJP) का गढ़ माना जाता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का गृह राज्य भी है। कांग्रेस अगर यहां मजबूत प्रदर्शन करती है, तो यह बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
गुजरात महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) और सरदार वल्लभभाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) जैसे दिग्गज नेताओं की जन्मभूमि भी है। कांग्रेस इसे अपने ऐतिहासिक गौरव से जोड़कर देख रही है और अपनी जड़ों की ओर लौटने की कोशिश कर रही है।
2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं, लेकिन 2022 में यह संख्या घटकर सिर्फ 17 सीटों पर आ गई। पार्टी का मानना है कि अगर वह 5-10% वोट शेयर बढ़ा सके, तो बीजेपी को कड़ी टक्कर दी जा सकती है।
आंतरिक कलह से उबरने की कोशिश
गुजरात में कांग्रेस लंबे समय से संगठनात्मक कमजोरी से जूझ रही है। पार्टी में नेताओं के पलायन और आंतरिक गुटबाजी की वजह से कई मौकों पर बड़ा नुकसान हुआ है। इसी को रोकने के लिए कांग्रेस अब जिला स्तर से संगठन को मजबूती देने की रणनीति अपना रही है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और 2024 लोकसभा चुनाव में बनासकांठा सीट जीतने के बाद पार्टी को उम्मीद है कि यह जीत आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए टर्निंग पॉइंट बन सकती है।
क्या कांग्रेस की नई रणनीति रंग लाएगी?
कांग्रेस की यह बैठक भविष्य की रणनीति के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भी इसे लागू किया जा सकता है। 2027 के विधानसभा चुनाव और उससे पहले होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में इस संगठनात्मक बदलाव का असर देखने को मिलेगा।