Congress Working Committee Meeting – देश की राजधानी दिल्ली में आज कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने एक अहम बैठक की, जिसमें भविष्य की सियासी दिशा तय की गई है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की इस हाई-प्रोफाइल बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम दिग्गज नेता शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा करना और सरकार को घेरने के लिए एक ठोस ‘एक्शन प्लान’ तैयार करना था। विशेष रूप से 2026 के लिए पार्टी ने अपनी कमर कस ली है और जमीनी स्तर पर लड़ाई लड़ने की रूपरेखा तैयार की है।
‘जी राम जी एक्ट’ के खिलाफ सड़क पर उतरेगी कांग्रेस
बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) की जगह लाए गए नए ‘जी राम जी एक्ट’ (G Ram G Act) को लेकर हुई। कांग्रेस का आरोप है कि यह नया कानून गरीबों के रोजगार पर सीधा हमला है। पार्टी ने फैसला किया है कि वह इस एक्ट के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन करेगी। बैठक में इस आंदोलन की पूरी रूपरेखा तय की गई कि कैसे इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाया जाए और सरकार पर दबाव बनाया जाए।
शीर्ष नेतृत्व का जमावड़ा और 2026 की तैयारी
साल की इस आखिरी अहम बैठक में कांग्रेस का पूरा कुनबा एकजुट नजर आया। मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रेवंत रेड्डी समेत कई राज्यों के बड़े नेता मौजूद रहे। चर्चा का केंद्र बिंदु केवल वर्तमान मुद्दे ही नहीं, बल्कि 2026 की चुनावी और संगठनात्मक रणनीति भी रही। पार्टी यह तय करने में जुटी है कि आने वाले साल में किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाना है और बीजेपी सरकार की नीतियों का किस तरह से प्रभावी विरोध करना है।
नेशनल एरर और अरावली जैसे मुद्दों पर फोकस
कांग्रेस कार्य समिति की इस बैठक में सिर्फ रोजगार ही नहीं, बल्कि अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी गंभीरता से चर्चा हुई। इसमें ‘नेशनल एरर’ (National Error) वाला मसला और अरावली (Aravallis) के संरक्षण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। पार्टी का मानना है कि ये मुद्दे सीधे तौर पर देश के पर्यावरण और प्रशासनिक ढांचे से जुड़े हैं। कांग्रेस इन विषयों पर सरकार को घेरने के लिए एक विस्तृत रणनीति बनाने पर काम कर रही है।
विश्लेषण: विपक्ष की धार तेज करने की कवायद (Expert Analysis)
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब पार्टी खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है। मनरेगा जैसे जन-जुड़ाव वाले मुद्दे की जगह नए एक्ट का विरोध करना कांग्रेस की ‘प्रो-पुअर’ (गरीब हितैषी) छवि को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। 2026 की रणनीति पर अभी से काम करना यह दर्शाता है कि कांग्रेस अब reactive नहीं बल्कि proactive राजनीति करना चाहती है। सोनिया, राहुल और खड़गे की तिकड़ी का एक साथ मंथन करना पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नया जोश भरने का काम करेगा।
जानें पूरा मामला (Background)
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। साल के अंत में हुई यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें अगले साल का पूरा खाका खींचा जाता है। मनरेगा, जो कांग्रेस (यूपीए) सरकार की ही देन थी, उसमें किसी भी तरह का बदलाव कांग्रेस के लिए एक भावनात्मक और राजनीतिक मुद्दा है। यही कारण है कि ‘जी राम जी एक्ट’ के खिलाफ पार्टी ने इतना आक्रामक रुख अपनाया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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CWC Meeting में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे हुए शामिल।
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मनरेगा की जगह लाए गए ‘G Ram G Act’ के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनी।
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पार्टी ने 2026 के लिए अपना राजनीतिक रोडमैप और एक्शन प्लान तैयार किया।
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बैठक में National Error और अरावली जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
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रेवंत रेड्डी सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता दिल्ली में मौजूद रहे।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न






