- दिल्ली के लोगों को सीवर लाइन ओवर फ्लो की समस्या से मुक्ति मिलेगी और यमुना भी साफ होगी, सड़क पर जलभराव की समस्या भी खत्म होगी
- दिल्ली में पहली बार पूरे सीवर सिस्टम की सफाई की जाएगी और आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगी- अरविंद केजरीवाल
- हर साल कम से कम 20 फीसद सीवर लाइन की सफाई होगी, ताकि पांच साल में सबकी सफाई अवश्य की जा सके- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली, 17 मई (The News Air) दिल्ली के इतिहास में पहली बार सभी ट्रंक (मुख्य) सीवर लाइनों की सफाई (डी-सिल्टिंग) की जाएगी। केजरीवाल सरकार के इस कदम से दिल्ली में रहने वाले लोगों को सीवर लाइन के ओवर फ्लो की समस्या से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और यमुना भी साफ होगी। साथ ही सड़क पर जलभराव की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पूरे सीवर सिस्टम की सफाई करने का निर्णय लिया गया है। जब से दिल्ली में सीवर सिस्टम बना है, तब से उसकी सफाई नहीं हुई है। पहली बार पूरे सीवर सिस्टम की सफाई की जाएगी और आगे भी नियमित रूप से जारी रहेगी। इसे पांच भागों में बांटा जाएगा और हर साल कम से कम 20 फीसद सीवर लाईन की सफाई अवश्य की जाएगी, ताकि पांच साल में हर सीवर लाइन की सफाई अवश्य की जा सके। साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल ने सीवर से निकलने वाले कचड़े को सही तरीके से निस्तारण करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
वीडियो प्रजेंटेशन के जरिए सीएम केजरीवाल ने देखा सीवर सफाई सिस्टम
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि समीक्षा बैठक के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अफसरों ने वीडियो प्रजेंटेशन के जरिए दिल्ली के सीवर सिस्टम की तश्वीरें दिखाईं। उन तश्वीरों को देखकर साफ पता चल रहा है कि चारों तरफ सभी सीवर लाइनों की बहुत बुरी हालत है। साथ ही यह भी पता चला कि इसे कैसे साफ किया जाएगा । आज तक कभी भी इन ट्रंक सीवर लाइनों को पूरी तरह से साफ नहीं किया गया है। हमारी सरकार से पहले जो भी सीवर लाइन चोंक हो जाती थीं। सीएम ने सीवर से निकले गंदगी को डिस्पोज करने की सही व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड के साथ दिल्ली में सीवर की सफाई को लेकर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने यमुना की सफाई को लेकर भी विस्तृत चर्चा की। चर्चा के दौरान सामने आया कि दिल्ली में अभी तक कभी भी ट्रंक सीवर (मुख्य सीवर) लाइन की सफाई नहीं की गई है। वहीं, अक्सर पुरानी सरकारों द्वारा ट्रंक सीवर लाइन के चोंक होने पर उन्हें बदल दिया जाता था। इन्हें बदलने में कई गुना ज्यादा लागत आती है, साथ ही गंदगी भी बढ़ती थी, इसके अलावा कुछ हिस्सा ही साफ हो पाता था। सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़कें खोंदी जाती थीं, जिससे आम जनता को परेशानी होती थी। साथ ही पूरा लाईन साफ नहीं होता था।
एक कैलेंडर बनाकर ट्रंक सीवर लाइनों की सफाई की जाए- अरविंद केजरीवाल
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया कि दिल्ली में सभी ट्रंक सीवर लाइन की सफाई की जाए। सभी ट्रंक सीवर लाइनों की डि-सिल्टिंग के लिए आधुनिक तकनीक वाली मशीनों का इस्तेमाल किया जाए। डि-सिल्टिंग के दौरान उसकी वीडियो बनाई जाए ताकि सरकार के सामने यह प्रमाण आ सके कि वो सीवर लाइन साफ हुई है या नहीं हुई है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी सीवर लाइनों का एक कैलेंडर भी बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि एक बार जो सीवर लाइन साफ हो जाए, उसका कैलेंडर बनाया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर ट्रंक सीवर लाइन (मुख्य सीवर लाइन) का पांच साल में एक बार जरूर सफाई का नंबर आए, जिससे कि वो साफ हो जाए। यानी हर साल दिल्ली की करीब 20 फीसद ट्रंक लाइन की सफाई की जाएगी, ताकि पांच साल के अंदर सौ फीसद सीवर लाइन कम से कम एक बार साफ हो जाए।
सीवर के ओवर फ्लो होने से बढ़ती है दूषित पानी की समस्या
इस दौरान दिल्ली जल बोर्ड के अफसरों ने अवगत कराया कि सीवर के ओवर फ्लो होने के कारण दूषित पानी आने की समस्या भी बढ़ती है। कई बार इलाकों के अंदर सीवर लाइन को ओवर फ्लो होते देखा जा सकता है। इसका मुख्य कारण यह होता कि ट्रंक सीवर लाइनें चोंक हो जाती हैं, जिसके कारण कालोनी के आंतरिक सीवर बैक मारने लगने हैं और ओवर फ्लो की समस्या आने लगती है। बारिश के दिनों में सीवर के ओवर फ्लो होने की समस्या अक्सर बढ़ जाती है और इसकी वजह से दूषित पानी की समस्याएं भी बढ़ती हैं। नियमित सीवर लाइन की डि-सिल्टिंग से इस समस्या का स्थायी निदान किया जा सकता है।
डीजेबी के अफसरों ने बताया कि दिल्ली में सीवर लाइन की लंबाई करीब 9000 किलोमीटर है। इसमें से कुछ किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइनों की डि-सिल्ंिटग का कार्य चल रहा है। सीवर लाइन की सफाई मशीनों से कराया जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने निर्देश दिए कि पांच साल में पूरे सीवर लाइन की सफाई अवश्य होनी चाहिए। सीवर लाइन में जमा सिल्ट (मिट्टी) को खत्म करने का प्लान बनाकर काम किया जाए।
ट्रांस यमुना एरिया के हर घर को जून 2024 तक सीवर लाइन से जोड़ने के निर्देश
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्रांस यमुना एरिया के सौ फीसद सीवर लाइन से जोड़ने का निर्देश दिया है। सीएम ने अफसरों से कहा कि ट्रांस यमुना एरिया में प्रयास करें कि सभी घरों को सीवर कनेक्शन यथा शीघ्र दे दिया जाए। इस को को जून 2024 तक हर साल में पूरा कर लिया जाए। इसके लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य को अंजाम दिया जाए। ऐसा करने के बाद ड्रेनेज सिस्टम में सीवेज नहीं आएगा।
90 किमी ट्रंक सीवर लाइन की हो रही डी-सिल्टिंग
दिल्ली जल बोर्ड के अफसरों ने प्रजेंटेशन के जरिए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि दिल्ली में करीब 90 किमी लंबी ट्रंक सीवर लाइन की सफाई का कार्य प्रगति पर है। यमुना विहार एसटीपी तक 7.65 किमी, रिठाला-रोहिणी एसटीपी तक 19.21 किमी, नरेला एसटीपी और कोरोनेशन पिलर एसटीपी तक 8.05 किमी, केशोपुर एसटीपी तक 2.84 किमी, निलोठी एसटीपी तक 4.65 किमी, कोंडली एसटीपी ईस्ट जोन में 8.76 किमी, द्वारका एसटीपी तक 27.10 किमी, ओखला एसटीपी तक 11.51 किमी, ग्रेविटी डक्ट नंबर-1 में 2.5 किमी. तक ट्रंक सीवर लाइनों की सफाई (डी-सिल्टिंग) की जा रही है। अब तक 36.87 किलोमीटर ट्रंक/पेरिफेरल सीवर लाइनों की डिसिल्टिंग की जा चुकी है। मई-जून 2023 के अंत तक इन ट्रंक सीवर लाइनों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अतिरिक्त 110 किमी. की सीवर लाइन के डि-सिल्टिंग के लिए सर्वे और एस्टीमेट का कार्य प्रगति पर है। इसके तहत शुरू में 45 किलोमीटर सीवर लाइन से सिल्ट निकाली जाएगी। यह कार्य मार्च 2024 तक पूरा किया जाएगा।
530 किमी. सीवर लाइन की डी-सिल्टिंग का बन रहा प्लान
अफसरों ने बताया कि अतिरिक्त 530 किमी लंबी सीवर लाइनों की डी-सिल्टिंग के कार्य को लेकर योजना बनाई जा रही है। इसके तहत 1000 मिमी व्यास और उससे अधिक की 45 किमी. तक की लंबाई वाली सीवर लाइनों की सफाई की जाएगी। इसमें केशोपुर एसटीपी में 20.2 किमी, ओखला एसटीपी में 9.9 किमी, रोहिणी-रिठाला में 5.8 किमी. और यमुना विहार में 9.1 किमी लंबी सीवर लाइन की सफाई का कार्य मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इन सभी सीवर लाइनों की कुल लंबाई 45 किमी है। वहीं, 1000 मिमी व्यास से कम वाली कुल 485 किमी लंबाई की ट्रंक सीवर लाइनें है। इन सीवर लाइनों की सफाई का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।