CJI Surya Kant Oath जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को शपथ दिलाई। यह गर्व की बात है कि जस्टिस सूर्यकांत ने अपनी शपथ हिंदी भाषा में ली। हालांकि, उनका कार्यकाल 15 महीने का होगा, लेकिन इन 15 महीनों में उनके सामने कई ऐसे बड़े और संवेदनशील मामले होंगे जिन पर पूरे देश की नज़र बनी रहेगी।
जस्टिस सूर्यकांत की मुख्य चुनौतियां
नए सीजीआई के तौर पर जस्टिस सूर्यकांत के सामने कई ऐसी चुनौतियां हैं, जिनके जल्द निपटारे की उम्मीद की जा रही है।
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वक्फ एक्ट और एसआईआर: सीजीआई के तौर पर एसआईआर (Same-Sex Marriage) और वक्फ एक्ट जैसे मामलों को निपटाना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी। अभी देश भर में एसआईआर का मुद्दा चल रहा है और इसका विरोध भी शुरू हो गया है।
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प्रदूषण: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से जुड़ा मामला भी सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है। इस मामले को लेकर भी सभी की जस्टिस सूर्यकांत के फैसलों पर नजर होगी।
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तलाक-ए-हसन: तलाक-ए-हसन पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई भी एक अहम मामला है। इस प्रथा के मुताबिक पति तीन महीने के भीतर एक-एक बार तलाक कहकर शादी को खत्म कर सकता है। इस प्रथा की वैधता को चुनौती दी गई है।
जानें नए सीजीआई की शैक्षणिक पृष्ठभूमि
जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के रहने वाले हैं और उनका जन्म 10 फरवरी 1962 को हिसार में हुआ था। उन्होंने कानून की पढ़ाई महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से की थी और बाद में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 2011 में एलएलएम किया।
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उन्होंने 1984 से ही वकालत शुरू कर दी थी।
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शुरुआत उन्होंने हिसार जिला अदालत से की थी, जिसके बाद वह चंडीगढ़ जाकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे।
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वह सिर्फ 38 साल की उम्र में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बन गए थे।
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मार्च 2001 में बार काउंसिल ने उनकी कानूनी विशेषज्ञता के कारण उन्हें सीनियर एडवोकेट घोषित किया था।
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जनवरी 2004 में वह पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जज बने।
जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले
जस्टिस सूर्यकांत ने देश के लिए अहम मुद्दा बनने वाले कई मामलों की सुनवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने 300 से ज्यादा अहम फैसले दिए हैं, जिनमें से कई संविधान, प्रशासन और सामाजिक न्याय से जुड़े हुए हैं।
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धारा 370: जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने ही बरकरार रखा था।
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एसआईआर मामला: बिहार एसआईआर मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने वोटर लिस्ट से हटाए गए नामों की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था।
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अन्य मामले: उन्होंने धारा 144, जनजातीय अल्पसंख्यक अधिनियम और शराब नीति मामले की सुनवाई में भी अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिली थी।
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जासूसी मामला: जस्टिस सूर्यकांत पैगसिस जासूसी मामले की सुनवाई वाले बेंच में भी शामिल थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नेशनल सिक्योरिटी के नाम पर सरकार को असीमित अधिकार नहीं दिए जा सकते।
मुख्य बातें (Key Points)
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जस्टिस सूर्यकांत देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन गए हैं।
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उन्होंने हिंदी भाषा में शपथ ली है और उनका कार्यकाल 15 महीने का होगा।
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उनके सामने वक्फ एक्ट, एसआईआर (Same-Sex Marriage), प्रदूषण और तलाक-ए-हसन जैसे महत्वपूर्ण मामले चुनौती होंगे।
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उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने और बिहार एसआईआर मामले में अहम फैसले दिए हैं।






