Haryana Punjab Water Dispute : हरियाणा-पंजाब जल विवाद (Haryana-Punjab Water Dispute) पर शुक्रवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में बड़ी सुनवाई हुई। मामला भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (Bhakra Beas Management Board – BBMB) की अवमानना याचिका से जुड़ा था, जिसमें पंजाब सरकार पर कोर्ट के आदेशों का पालन न करने का आरोप था। करीब एक घंटे तक चली बहस के दौरान पंजाब (Punjab) ने साफ शब्दों में हाईकोर्ट के जल आपूर्ति संबंधी आदेश को मानने से इनकार कर दिया। पंजाब की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट को पानी देने का कोई अधिकार नहीं है।
पंजाब सरकार के इस बयान पर मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) शीलू नागू (Sheel Nagu) भड़क गए और कोर्ट से यह कहते हुए उठ गए कि “अब आप हमारे आदेश का इंतजार कीजिए।” बताया जा रहा है कि वे आदेश लिखने अपने चैंबर में चले गए।
कोर्ट के पहले दिए गए निर्देशों की अनदेखी
कोर्ट ने पूर्व में दिए आदेश में कहा था कि भाखड़ा नंगल डैम (Bhakra Nangal Dam) और लोहड़ कंट्रोल रूम (Lohar Control Room) जैसे वाटर रेगुलेशन कार्यालयों में तैनात पंजाब पुलिस (Punjab Police) को दैनिक कामकाज से दूर रखा जाए। यदि सुरक्षा बढ़ानी हो तो अलग बात है, लेकिन संचालन में कोई हस्तक्षेप न किया जाए। इसके अलावा, कोर्ट ने 2 मई को केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) की अध्यक्षता में हुई बैठक के निर्देशों को भी लागू करने के आदेश दिए थे।
BBMB चेयरमैन को सतलुज सदन में बंधक बनाया गया
इसके बावजूद जब BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी (Manoj Tripathi) नंगल (Nangal) पहुंचे तो पंजाब के शिक्षा मंत्री एडवोकेट हरजोत सिंह बैंस (Advocate Harjot Singh Bains) की अगुवाई में आप कार्यकर्ताओं और स्थानीय पंच-सरपंचों ने सतलुज सदन (Sutlej Sadan) में गेट को ताला लगाकर उन्हें बंधक बना लिया। मौके पर नारेबाजी हुई और सिंचाई मंत्री वीरेंद्र गोयल (Virendra Goyal) व विधायक चरनजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) भी पहुंचे।
BBMB ने की अवमानना याचिका दायर
पंजाब सरकार के इस रवैये को देखते हुए BBMB ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt Petition) दाखिल की। याचिका में कहा गया कि न सिर्फ कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन हुआ बल्कि चेयरमैन के साथ दुर्व्यवहार भी हुआ। इससे पहले भी जल विवाद पर दो याचिकाएं दायर हो चुकी थीं—एक एडवोकेट रविंद्र ढुल (Advocate Ravindra Dhul) और दूसरी फतेहाबाद ग्राम पंचायत (Fatehabad Gram Panchayat) की ओर से। इन याचिकाओं में पंजाब पुलिस को डैम से हटाने और हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी देने की मांग की गई थी।
पंजाब और हरियाणा की टकराव भरी प्रतिक्रियाएं
पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा कि अभी हम हरियाणा को पानी दे रहे हैं, लेकिन आगे से एक बूंद भी नहीं दी जाएगी। वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी (Nayab Saini) ने कहा कि पंजाब का प्रस्ताव असंवैधानिक है और भारत के संघीय ढांचे के खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि BBMB (Bhakra Beas Management Board) के आदेश के अनुसार हरियाणा को बिना शर्त पानी छोड़ा जाए।
साफ है कि जल विवाद एक बार फिर संवेदनशील मोड़ पर पहुंच चुका है। अब हाईकोर्ट के अगली सुनवाई और आदेश पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं।