नई दिल्ली (The News Air). राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक से एक दिन पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान साल 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ बिहार में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देना चाहते हैं। लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने विश्वास जताया कि बैठक के ‘सकारात्मक परिणाम’ होंगे। इससे यह संकेत भी मिलता है कि चिराग पासवान मंगलवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की बैठक में भाग लेंगे।
चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित लोजपा ने 2019 में छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और भाजपा के साथ सीटों के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी। युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद भाजपा, उसी व्यवस्था पर कायम रहे।
Chirag Paswan, National President of Lok Janshakti Party (Ram Vilas) meets Union Home Minister Amit Shah in Delhi
(Photo source: Home Minister's Office) pic.twitter.com/X7dLKazyEl
— ANI (@ANI) July 17, 2023
लोजपा में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं। लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीटों के अपने हिस्से के बारे में भाजपा के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है। चिराग पासवान सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए भाजपा के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं। शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। चिराग यह भी चाहते हैं कि भाजपा उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं ना कि चिराग। भाजपा भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पारस से भी मुलाकात की है। पारस को भले ही पार्टी के चार सांसदों का समर्थन हासिल है लेकिन चिराग पासवान अपने पिता के प्रति वफादार वोट बैंक का समर्थन हासिल करने में काफी हद तक सफल होते दिख रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन टूट जाने के बाद से भाजपा चिराग पासवान को अपने पाले में वापस लाने के लिए उत्सुक है क्योंकि यह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में अपनी ताकत और बढ़ाना चाहती है।
चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के तत्कालीन सहयोगी नीतीश कुमार का विरोध करने के कारण राजग से अलग हो गए थे। हालांकि, वह प्रमुख मुद्दों पर भाजपा के समर्थक रहे हैं। (एजेंसी)








