कोटपूतली (राजस्थान) 28 दिसंबर (The News Air): राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी तीन साल की मासूम चेतना को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार छठे दिन जारी है। 120 फीट की गहराई पर फंसी चेतना को बचाने के लिए प्रशासन ने युद्धस्तर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं। राहत दल ने अब बोरवेल तक सुरंग खोदने के लिए एनडीआरएफ के जवानों को नीचे भेजा है।
माँ की ममता का संघर्ष : चेतना की माँ, धोली देवी, की हालत बेहद खराब है। बेटी को इस हालत में देख वे लगातार रोते हुए अधिकारियों से गुहार लगा रही हैं। “मेरी बच्ची तड़प रही है, उसे जल्दी बाहर निकालो,” यह कहते हुए वे बार-बार बेहोश हो रही हैं। उनकी यह ममता हर किसी का दिल दहला रही है।
चेतना के परिवार ने प्रशासन और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बच्ची के ताऊ शुभराम ने बताया कि जिला कलेक्टर शुरुआती दिनों में छुट्टी पर थीं और लौटने के बाद भी परिवार से मिलने नहीं आईं। उन्होंने कहा, “अधिकारियों से सवाल करने पर कोई जवाब नहीं मिलता। हर बार कहते हैं कि कलेक्टर मैडम ही जानकारी देंगी।”
रेस्क्यू ऑपरेशन की मौजूदा स्थिति: एनडीआरएफ की तीन टीमों के 6 जवान लगातार बारी-बारी से सुरंग खोदने का काम कर रहे हैं। प्रत्येक टीम को 20-25 मिनट तक गड्ढे में काम करने के बाद वापस लाया जा रहा है। सुरंग खोदने के लिए आधुनिक ड्रिल मशीन और अन्य उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, नीचे चट्टानों की वजह से खुदाई की गति धीमी हो गई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के अधिकारी फिलहाल यह नहीं बता पा रहे हैं कि चेतना को कब तक बाहर निकाला जा सकेगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि चेतना की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और टीम हरसंभव प्रयास कर रही है।
परिवार के आरोप और प्रशासन की प्रतिक्रिया : परिवार का कहना है कि प्रशासन ने शुरुआती घंटों में पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जिससे कीमती समय बर्बाद हुआ। वहीं, प्रशासन का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन तकनीकी चुनौतियों के कारण धीमा हो रहा है, लेकिन टीम पूरी तत्परता से काम कर रही है।
रेस्क्यू में हो रही तकनीकी चुनौतियां :
- गहराई: बच्ची 120 फीट की गहराई पर फंसी है, जबकि बोरवेल की कुल गहराई 700 फीट है।
- संकीर्ण स्थान: बोरवेल का व्यास बहुत संकरा है, जिससे सीधे संपर्क में बाधा आ रही है।
- चट्टानें: सुरंग खोदने के दौरान नीचे चट्टानें मिलने से खुदाई धीमी हो रही है।
- बच्ची की हालत: चेतना ने 6 दिनों से न कुछ खाया है और न ही पानी पिया है, जिससे उसकी स्थिति चिंताजनक है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया : इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। स्थानीय लोग बड़ी संख्या में घटनास्थल पर इकट्ठा होकर बच्ची के सकुशल बाहर आने की प्रार्थना कर रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर भी चेतना की सलामती के लिए दुआओं का सिलसिला जारी है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? : रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि यह बचाव कार्य बेहद संवेदनशील है। गहराई और संकीर्णता के कारण छोटी सी गलती भी घातक हो सकती है। इसी कारण रेस्क्यू टीम अत्यंत सावधानी से काम कर रही है।
चेतना को बाहर निकालने के लिए प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम पूरी कोशिश कर रही है। यह ऑपरेशन न केवल तकनीकी दक्षता का परीक्षण है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का भी। पूरे देश की नजरें अब इस मासूम बच्ची के सुरक्षित बाहर आने पर टिकी हैं।