Chandigarh Heritage Protection | Tribune Chowk Flyover | High Court Verdict : Chandigarh Heritage की रक्षा को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ट्रिब्यून चौक पर प्रस्तावित फ्लाईओवर निर्माण के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस शील नागू ने सुनवाई में कहा कि शहर की विशिष्ट पहचान और स्थापत्य विरासत को ट्रैफिक सुधार के नाम पर कुर्बान नहीं किया जा सकता।
मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाया कि क्या चंडीगढ़ को यातायात सुगम बनाने के लिए अपने संस्थापक दर्शन और विरासत की बलि देनी चाहिए? उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह विरासत खो गई, तो शहर की आत्मा भी खत्म हो जाएगी।
पैदल चलने वालों और विकास पर ध्यान
अदालत ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से फ्लाईओवर योजनाओं में पैदल चलने वालों की सुरक्षा और सुविधा के बारे में स्पष्ट तर्क मांगा। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रस्तावित फ्लाईओवर मास्टर प्लान ज़ोन के 114 वर्ग किलोमीटर का हिस्सा है, और पहले की सिफारिशों में इसे चंडीगढ़ की दृश्य संरचना के लिए हानिकारक बताया गया था।
सीनियर एडवोकेट तनु बेदी ने कहा कि ट्रिब्यून चौक ही नहीं, मनीमाजरा लाइटपॉइंट, रेलवे स्टेशन, मटका चौक और सेक्टर 15 भी भीड़भाड़ वाले हैं। अगर यही सोच अपनाई गई तो एक दिन पूरा शहर फ्लाईओवर बन जाएगा।
चंडीगढ़ की योजना ले कॉर्बुज़िए के मास्टर प्लान पर आधारित है, जो शहर को दुनिया भर में विशिष्ट बनाता है। फ्लाईओवर जैसे बड़े निर्माण परियोजनाओं से शहर की वास्तुकला और पैदल यात्रियों की सुविधा पर असर पड़ सकता है। हाईकोर्ट का रुख इस बात को सुनिश्चित करता है कि विकास के नाम पर शहर की विरासत न खोई जाए।
मुख्य बातें (Key Points Summary)
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हाईकोर्ट ने ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर निर्माण पर विरासत बचाने के लिए सख्त रुख अपनाया।
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चीफ जस्टिस शील नागू ने चेतावनी दी कि विरासत खोने से शहर की आत्मा खत्म हो जाएगी।
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अदालत ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा और मास्टर प्लान के अनुसार विकास पर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से तर्क मांगा।
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सीनियर एडवोकेट तनु बेदी ने कहा कि पूरे शहर को फ्लाईओवर में बदलने की संभावना है, यह विरासत बचाने की लड़ाई है।






