Chandigarh Municipal Corporation में बड़ा प्रशासनिक बदलाव देखने को मिला है। गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा (Sanjay Arora) को पद से हटाने के आदेश जारी किए हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा पार्षदों की नाराजगी और लंबित प्रोजेक्ट्स के चलते यह निर्णय लिया गया है। अब के.पी. सिंह (K.P. Singh) को नया चीफ इंजीनियर बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
गवर्नर ने सीधे दिया आदेश, होम सेक्रेटरी को दरकिनार
आमतौर पर ऐसे तबादलों की मंजूरी होम सेक्रेटरी (Local Government) की ओर से दी जाती है, लेकिन इस बार फैसला सीधे गवर्नर हाउस से आया है। माना जा रहा है कि कई पार्षदों ने अरोड़ा के कामकाज को लेकर शिकायतें दर्ज कराई थीं और कुछ अहम प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे न होने से प्रशासनिक असंतोष बढ़ गया था।
विवादों में घिरे रहे संजय अरोड़ा
सूत्रों के अनुसार, मेयर हरप्रीत कौर बबला (Harpreet Kaur Babla) के करीबी कुछ भाजपा पार्षद अरोड़ा के रवैये से नाखुश थे। मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट की सूचनाएँ विपक्ष तक पहुंचने की बात सामने आने के बाद मामला और बिगड़ गया। यहां तक कि आर्किटेक्ट विभाग ने भी उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज की थीं।
अफसरों के चहेते, मगर पार्षदों से टकराव
संजय अरोड़ा को निगम के भीतर कई अफसरों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन उनका भाजपा पार्षदों से तालमेल नहीं बैठ पाया। लगातार टकराव के कारण निगम के कई कार्य प्रभावित हुए। इसी वजह से गवर्नर हाउस तक पार्षदों की नाराजगी की रिपोर्ट पहुंची और अंततः कार्रवाई करनी पड़ी।
पहले भी विवादों में घिरे रहे निगम इंजीनियर
चंडीगढ़ नगर निगम में लंबे समय से प्रशासनिक खींचतान और राजनीतिक दखल की स्थिति बनी हुई है। पहले भी कई इंजीनियर और अफसरों के तबादले इसी तरह के विवादों के चलते हुए हैं। यह मामला भी उसी राजनीतिक दबाव की श्रृंखला का हिस्सा माना जा रहा है।
3 वजहें जिनसे अरोड़ा हटे
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लटके प्रोजेक्ट: बड़े टेंडर और योजनाएं समय पर पूरी नहीं हो पाईं, जिसमें डड्डूमाजरा वेस्ट प्लांट (Daddumajra Waste Plant) भी शामिल है।
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लगातार टकराव: पार्षदों और ठेकेदारों के साथ मतभेदों से कामकाज प्रभावित हुआ।
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सूचनाएं लीक होना: मनीमाजरा प्रोजेक्ट की फाइलें विपक्षी पार्षदों तक पहुंचीं, जिससे मेयर पर दबाव बढ़ा।
अरोड़ा का कार्यकाल और पदस्थापन
संजय अरोड़ा यूटी एडमिनिस्ट्रेशन (UT Administration) से डेपुटेशन पर 24 सितंबर 2024 को नगर निगम में तैनात किए गए थे। हालांकि, तीन साल के कार्यकाल से पहले ही उन्हें डेढ़ साल में हटा दिया गया। अब वे संभवतः दोबारा यूटी प्रशासन में वापसी करेंगे।
मुख्य बातें (Key Points)
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गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने सीधे आदेश देकर चीफ इंजीनियर को हटाया।
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भाजपा पार्षदों की नाराजगी और अधूरे प्रोजेक्ट्स वजह बने।
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के.पी. सिंह को नया चीफ इंजीनियर बनाए जाने की संभावना।
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मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट और डड्डूमाजरा प्लांट विवादों की जड़ में रहे।






