नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी की: चंडीगढ़ MC कमिश्नर ने नौकरी से निकाला; मोहाली में केस दर्ज

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Chandigarh Municipal Corporation Commissioner
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चंडीगढ़ (The News Air) चंडीगढ़ नगर निगम के हार्टीकल्चर विंग में तैनात रहते हुए एक कांट्रैक्ट कर्मी ने कई लोगों को निगम में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों का चूना लगाया। उसके खिलाफ मोहाली पुलिस द्वारा केस दर्ज करने के करीब 3 महीने बाद अब निगम कमिश्नर ने उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया। आरोपी की पहचान विक्रम पदम के रूप में हुई है। जानकारी के मुताबिक निगम दफ्तर में कई लोग उसकी शिकायत लेकर आए थे कि विक्रम ने उन्हें नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की है।

दो दर्जन के लगभग लोगों ने शिकायत दी कि विक्रम ने उन्हें नौकरी का झांसा दिया था। वहीं उनका मेडिकल एग्जामिनेशन भी करवाया गया था मगर कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला। उन्हें फर्जी आइडेंटिटी कार्ड जारी किए गए थे।

मोहाली पुलिस को दी थी शिकायत

बीते वर्ष नवंबर में विक्रम पदम और उसकी पत्नी के खिलाफ रोपड़ के एक व्यक्ति और उसके दोस्तों ने शिकायत दी थी। पुलिस ने विक्रम द्वारा कथित रुप से 16 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में केस दर्ज किया था। रोपड़ के गुरविंदर सिंह ने शिकायत में कहा था कि विक्रम उसे सितंबर, 2020 में मिला था। उसने उसे नगर निगम, चंडीगढ़ में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। गुरविंदर सिंह के मुताबिक उसने और उसके 7 दोस्तों ने उसे 2-2 लाख रुपए दिए थे।

फर्जी अप्वॉइंटमेंट लेटर्स, आइडेंटिटी कार्ड जारी किए

वर्ष 2021 में विक्रम ने उन्हें अप्वॉइंटमेंट लेटर्स और आइडेंटिटी कार्ड जारी किए थे। आरोपी ने कुछ महीनों के लिए इन लोगों के खातों में सैलरी के नाम पर 15-15 हजार रुपए डाले थे। जून, 2022 में सैलरी आनी बंद हो गई। जब शिकायतकर्ता निगम दफ्तर पहुंचे तो पता चला कि उनकी फर्जी नियुक्तियां हुई थी। विक्रम पदम और उसकी पत्नी रमन कुमारी जीरकपुर के ढकौली में रहते हैं।

ऑडियो वायरल होने पर 2 निकाले

चंडीगढ़ नगर निगम कमिश्नर अनिंदिता मित्रा ने पब्लिक हेल्थ विंग के दो आउटसोर्ड कर्मियों को भी नौकरी से बर्खास्त कर दिया। जानकारी के मुताबिक इनकी एक कथित ऑडियो वायरल हो गई थी जिसमें यह कथित रूप से रिश्वत की लेनदेन की बात कर रहे थे। जिन कर्मियों को बर्खास्त किया गया है उनमें सुखविंदर सिंह और दीदार सिंह शामिल हैं। यह कथित रूप से सब-डिवीज़नल इंजीनियर(SDE) और एक जूनियर इंजीनियर(JE) के बारे में बात कर रहे थे जो उनसे 1.5 लाख रुपए प्रति महीने मांग रहे थे। वहीं सूत्रों के मुताबिक जिन दो इंजीनियर्स(अफसरों) के बारे में बात की गई थी वह भी जांच के दायरे में आ गए हैं।

सूत्र बताते हैं कि निगम कमिश्नर ने SSP(विजिलेंस) को मामले में जांच के लिए कहा है। जिन दो कर्मियों पर कार्रवाई की गई है वह मल्टी-टास्क वर्कस हैं। इनकी ड्यूटी वाटर मीटर रीडर्स के रूप में थी।

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