नई दिल्ली, 01 अगस्त (The News Air): आम आदमी पार्टी ने मयूर विहार फेस-3 में केंद्र सरकार के डीडीए द्वारा बनाए जा रहे नाले में डूबने से हुई मां-बेटे की मौत पर एलजी वीके सक्सेना का इस्तीफा मांगा है। ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता संजय सिंह का कहना है कि बुधवार को हुई भारी बारिश के बाद निर्माणाधीन नाले में पानी भर गया। डीडीए ने वहां कोई बोर्ड तक नहीं लगा रखा था, ताकि लोगों को पता चल सके। उस नाले में ढाई साल का बच्चा गिर गई। उसे डूबता देख बचाने आई उसकी मां भी पानी में डूब गई और दोनों की दुखद मौत हो गई। यह हादसा नहीं, हत्या है। इसके लिए सीधे तौर पर एलजी के अधीन डीडीए जिम्मेदार है, लेकिन इस पर भाजपा और एलजी पूरी तरह मौन हैं। वहीं, स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार का कहना है कि डीडीए ने जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं किया। इसलिए यह हादसा हुआ। एलजी को दिल्ली सरकार के काम रोकने का बड़ा शौक है, लेकिन अपने अधीन विभागों पर कोई ध्यान नहीं है।
आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह, वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार और मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मयूर विहार में मां-बेटी की नाले में डूबने से हुई दुखद मौत को लेकर गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में संयुक्त प्रेसवार्ता की। संजय सिंह ने कहा कि बुधवार को दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में भयंकर बारिश हुई। जिसके कारण कई जगहों पर जलभराव हुआ। हमारे मंत्री, विधायक और पार्षदों ने अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार मौके पर जाकर काम किया। अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाकर जो भी जरूरी इंतजाम किए जा सकते थे, वो किए गए। लेकिन इस बीच एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई और भाजपा और दिल्ली के एलजी इस पर पूरी तरह से मौन हैं। इन लोगों के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। इसकी वजह ये है कि दिल्ली बॉर्डर पर मयूर विहार फेज 3 में एलजी और केंद्र के अधीन डीडीए नाले का पुनर्निर्माण करा रहा था। डीडीए ने घोर लापरवाही करते हुए नाले को नहीं ढका। वहां किसी तरह का बोर्ड नहीं लगाया गया, ताकि लोगों को पता चले कि वहां निर्माण कार्य चल रहा है। इस बीच एक ढाई साल का बच्चा इस नाले में गिर गया और उसे बचाने के लिए गई उसकी मां भी नाले में गिर गई, और मां-बेटे दोनों की मौत हो गई। यह हादसा नहीं, हत्या है। और इस हत्या के लिए डीडीए के वे लोग जिम्मेदार हैं जिन्होंने यह निर्माण कार्य करते हुए जरा सी भी सावधानी नहीं बरती।
संजय सिंह ने कहा कि ऐसा नहीं चल सकता कि जहां भाजपा और एलजी की जिम्मेदारी होगी, वहां वे पूरी तरह से खामोश रहेंगे और कोई एक शब्द भी नहीं बोलेंगे। इस घटना की जानकारी मिलते ही आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक कुलदीप कुमार मौके पर पहुंचे। उनसे जितना भी हो सका, मौके पर जाकर उन्होंने सारे प्रयास किए। इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या इसके लिए जिम्मेदारी तय नहीं होनी चाहिए? भाजपा बार-बार मेयर को गिरफ्तार करने की बात करती है। मुख्यमंत्री को पहले से ही फर्जी मामले में जेल में डाल रखा है, अब कहती है कि वो इस्तीफा दे दें। इस घटना के लिए दिल्ली के एलजी को बर्खास्त करना चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। एक मासूम बच्चे और उसकी मां की जान गई है। केंद्र की भाजपा सरकार और डीडीए क्या काम कर रहे हैं?
संजय सिंह ने कहा कि अब तो देश की संसद लीक हो गई है। बाहर पेपर लीक होता है, अंदर संसद लीक होती है। इस सरकार में हर जगह केवल लीक ही हो रहा है। मोदी हैं तो हर जगह लीक, रिश्वतखोरी मुमकिन है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से लेकर पूर्वांचल और द्वारका एक्सप्रेस वे में हर जगह गड्ढे हैं। कभी दिल्ली, कभी राजकोट, तो कभी जबलपुर का एयरपोर्ट गिर जाता है। कहीं अटल सेतु में दरार पड़ रही है, तो गुजरात में मोरबी का पुल गिर गया है और बिहार में कई पुल गिर गए। ये इस देश में क्या हो रहा है? भाजपाइयों ने इलेक्टोरल बॉन्ड से कितनी रिश्वत खा ली है? और कितने पैसे खाकर ये लोगों की जान जोखिम में डालेंगे? पैसे लेते वक्त यह भी सोचना चाहिए था कि जिस संसद की छत लीक हो रही है, वहां प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह भी बैठते हैं। संसद भवन में जिन कंपनियों ने काम किया उन्होंने भाजपा को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कितनी रिश्वत और चंदा दिया, इसकी जांच होनी चाहिए। संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक बिमल पटेल ने तैयार किया है, जो गुजरात से आते हैं। अगर देश की नई संसद पहली बारिश भी नहीं झेल पा रही है तो आप समझ सकते हैं कि किस हद तक भ्रष्टाचार किया गया है। भाजपा सिर से लेकर पांव तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इन्हें हर जगह, हर निर्माण में रिश्वत चाहिए। भाजपा ने करीब 3.2 लाख करोड़ रुपए का ठेका उन कंपनियों को दिया जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए इन्हें रिश्वत दी है। लोगों का जीवन जोखिम में डालकर भाजपा के लोग रिश्वत खा रहे हैं। कम से कम इन्हें इतना तो सोचना चाहिए कि संसद में मोदी जी और अमित शाह भी बैठते हैं, वहां भी रिश्वत खा ली। भ्रष्टाचार करने में भाजपा ने भगवान राम को भी नहीं छोड़ा। भगवान राम के मंदिर का गर्भ गृह की छत पहली बारिश में ही टपकने लगी थी।
इस दौरान कोंडली से आम आदमी पार्टी के विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि डीडीए की नाकामी की वजह से एक मां और मासूम बच्चे की मौत हो गई। मेरे कई बार आग्रह करने और पत्र लिखने के बाद डीडीए ने आखिरकार दिल्ली और यूपी की खोड़ा कॉलोनी के बीच इस नाले का पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करवाया। लेकिन इसके बावजूद इसमें इतनी लापरवाही बरती गई कि निर्माण कार्य के दौरान वहां एक बोर्ड तक नहीं लगाया गया, न ही वहां कोई बैरिकेडिंग की गई, वह एरिया पूरी तरह से खुला था। बुधवार रात को बारिश के समय एक ढाई साल का बच्चा उस नाले में गिर गया, जब उसकी मां उसे बचाने के लिए गई तो वह भी उसमें गिर गई। जिसकी वजह से दोनों की मौत हो गई। डीडीए विभाग सीधे तौर पर दिल्ली के एलजी के अधीन आता है। हम बार-बार कहते हैं कि उन्हें दिल्ली जल बोर्ड के मामले में दखल देने, अधिकारियों को धमकाने और दिल्ली के कामों में रोड़े पैदा करने का बहुत शौक है। लेकिन जो विभाग सीधे तौर पर उनके अधीन आते हैं, उस पर उनका रत्ती भर भी ध्यान नहीं है। यह कोई आम हादसा नहीं, बल्कि हत्या है जो डीडीए के अधिकारियों की लापरवाही के चलते हुई है। एलजी ऐसे अफसरों को कब सजा देंगे? उस परिवार को न्याय मिलना चाहिए और उन अधिकारियों को निलंबित करके उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उपराज्यपाल सबके सामने आकर इसकी जिम्मेदारी लें कि उनकी लापरवाही के कारण एक मां और मासूम बच्चा इस दुनिया से चले गए। इस घटना के दौरान मैं पीड़ित परिवार के साथ पूरे समय मौजूद था। इस दुख की घड़ी में हम उनके साथ खड़े हैं। लेकिन जो लोग बात-बात पर राजनीति करते थे, वो लोग गायब हैं।
आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हम सब जानते हैं कि दिल्ली में कई सारी एजेंसियां काम करती हैं। एलजी को दिल्ली सरकार के काम रोकने का तो बहुत शौक है लेकिन अपने काम समय से और जिम्मेदारी से करने के लिए वे कभी नजर नहीं आते। सुप्रीम कोर्ट ने भी अक्टूबर 2023 में कहा था कि केवल अपने हाथ में पावर लेने की होड़ में दिल्ली की हालत खराब की जा रही है। डीडीए सीधे तौर पर एलजी के तहत आता है। यह घटना बेहद दुखद है, लेकिन इसे टाला जा सकता था। जब इतनी बारिश हो रही है और पता है कि दिल्ली और उत्तराखंड में बादल फटा है, जिसकी वजह से जलभराव की पूरी संभावना है, तो इतना बड़ा नाला खुला कैसे छोड़ दिया गया? उसे क्यों नहीं ढका गया? उस नाले को ढकना चाहिए था, वहां बोर्ड लगाया जाना चाहिए था। डीडीए और एलजी को केवल इतना करना है कि वे अपना काम ढंग से कर लें। दिल्ली सरकार के कामों को रोकना उनकी प्राथमिकता तो है ही, लेकिन वे अपना काम सही से करें। दिल्ली में ही नहीं भाजपा के तहत पूरे भारत में जहां-जहां निर्माण कार्य हुए हैं, चाहे वो जम्मू की ऑल वेदर सड़क हो, एयरपोर्ट टर्मिनल हो या एक्सप्रेस वे हो। इन सबमें इन्होंने केवल अपनी जेबें भरी हैं। इन्हें लोगों की जान की कोई परवाह नहीं है। ये केवल 2 लाख का मुआवजा देकर अपनी जान छुड़ा लेते हैं। ऐसे लोगों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए, तभी इनकी जवाबदेही तय होगी। आज ये लोग मीडिया के सामने नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनसे सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या इस हादसे को टाला जा सकता था?