नई दिल्ली, 6 जुलाई (The News Air)
पंजाब कांग्रेस के अंदरूनी कलह को खत्म करने की कवायद के बीच आज पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जो भी कहेंगी, उस पर पूरा अमल किया जाएगा। नवजोत सिद्धू संबंधी सवाल पर कैप्टन अमरिंदर ने कहा, ‘मैं सिद्धू साहब के बारे में कुछ नहीं जानता, मैंने अपनी सरकार के काम और राजनीतिक मुद्दों पर कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा की।’ इस तरह कैप्टन सिद्धू को कोई खास तवज्जो नहीं देते हुए नजरअंदाज करते दिखे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुलाकात के बाद कहा, ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) से मिलने आया था, पार्टी के आंतरिक मामलों और पंजाब के विकास के मुद्दे पर चर्चा की, और रही बात पंजाब की तो वह जो भी फैसला करेंगे, हम उसके लिए हर समय तैयार हैं, हम 2022 की आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’
बता दें, पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर लगातार आक्रामक रहे हैं। डेढ़ वर्ष तक पूरी तरह चुप्पी साधे रखने के बाद अब दो-तीन माह से सिद्धू एकदम सक्रिय हो गए हैं। इंटरनेट मीडिया के जरिये सिद्धू कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली पर लगातार प्रहार कर रहे हैं। चर्चाएं चलती रही हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिह के विवाद को समाप्त करने के लिए कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व बड़ा कदम उठा सकता है।
पिछली बार गांधी परिवार से मिले बिना ही चले गए थे अमरिंदर सिंह- कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ अमरिंदर की मुलाकात उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी और आलोचक नवजोत सिंह सिद्धू के दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद हो रही है।पिछले हफ्ते अमरिंदर कांग्रेस आलाकमान की तीन सदस्यीय कमेटी के सामने पेश हुए थे हालांकि वह गांधी परिवार से मुलाकात के बिना ही दिल्ली से चले गए थे।
सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना- सूत्रों के मुताबिक- पंजाब में सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है, इसके लिए मुख्यमंत्री को भी साथ लाने की कांग्रेस की कोशिशों के मद्देनजर इस मुलाकात को देखा जा रहा है। दोनों के बीच तकरार को देखते हुए आलाकमान दोनों को ही सम्मानजनक तरीके से साधना चाहता है।
उधर, सीएम के दिल्ली पहुंचने से पहले सिद्धू ने एक बार फिर ट्वीट करके बिजली मुद्दा उठाया।उन्होंने लिखा कि बिजली के तरीके से खरीद की वजह से पंजाब के लोगों का हजारों करोड़ बर्बाद हुआ है।मुफ्त बिजली के खोखले वादों का कोई मतलब नहीं है जब तक ‘पंजाब विधानसभा में नए विधेयक’ के ज़रिए बिजली खरीद समझौतों को रद्द न किया जाए। 300 यूनिट मुफ्त बिजली महज एक कल्पना है जब तक बिजली खरीद समझौतों के गलत प्रावधानों से पंजाब बंधा हुआ है।