नई दिल्ली, 2 मार्च (The News Air):: कहते हैं मुख से निकला शब्द और धनुष से निकला तीर कभी वापस नहीं आते। यहां एक मामले में शख्स ने एक अनजान महिला को डार्लिंग कहकर पुकार दिया। बस फिर क्या था महिला को यह बात बुरी लगी और उसने उक्त व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A(i) के तहत एफआईआर दर्ज करा दी। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने इसपर अपना फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट का कहना है कि किसी अनजानी महिला को ‘डार्लिंग’ बुलाना गलत है और इसे छेड़छाड़ माना जाता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A(i) के तहत ऐसी हरकतों के लिए सजा हो सकती है।
क्या था पूरा मामला, पूरी बात जानिए : कोर्ट को बताई घटना के अनुसार, एक पुलिस दल, पीड़ित महिला पुलिस कॉन्स्टेबल और अन्य पुलिसकर्मी दुर्गा पूजा की पूर्व संध्या पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाल टिकरी जा रहे थे। जब वे वेबी जंक्शन पर पहुँचे तो उन्हें सूचना मिली कि एक व्यक्ति इलाके में उपद्रव कर रहा है। पुलिस दल उस स्थान पर पहुंचा, उपद्रवी को पकड़ा और उसे पुलिस स्टेशन ले गया। जबकि बाकी पुलिस दल, जिसमें पीड़िता भी शामिल थी, जंक्शन पर ही रुक गए। चूंकि वह जगह अंधेरी थी, इसलिए उन्होंने दुकान के सामने स्ट्रीट लाइट के नीचे जाने का फैसला किया। जब वे स्ट्रीट लाइट के पास पहुंचे, तो दुकान के सामने खड़े अभियुक्त ने शिकायतकर्ता से अमर्यादित सवाल किया कि क्या डार्लिंग चालान करने आई हो? इस पर, मयाबंदर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354A (1) (iv) और 509 (महिला की लज्जा भंग करने के लिए किए गए शब्द, हावभाव या कार्य) के तहत आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
अदालत ने इस बात पर ध्यान दिया कि आरोपी ने दावा किया था कि यह साबित नहीं हुआ है कि वह शराब के नशे में था। अदालत ने इस तर्क के जवाब में कहा कि अगर यह शराब के नशे के बिना भी किया गया होता, तो शायद अपराध की गंभीरता और भी बढ़ जाती।