नई दिल्ली, 27 सितंबर,(The News Air): दिल्ली विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ईडी- सीबीआई का दुरुपयोग कर रही भाजपा की पोल खोलकर रख दी। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आतंकवादियों और ड्रग माफिया पर लगने वाला कानून मेरे और अरविंद केजरीवाल पर लगाकर हमें जेल भिजवा दिया। मुझे कस्टडी के दौरान कुछ अफसरों ने भाजपा के कुकर्मो, कुचक्रों और साजिशों के बारे में भी बताया। अफसरों ने बताया कि भाजपा वाले ईडी-सीबीआई के पीछे पड़े थे कि कथित शराब घोटाले को 10 हजार करोड़ का घोटाला बना दो, लेकिन अफसरों ने कहा कि जब किसी के पास से एक चवन्नी नहीं मिली, तो कैसे बना दें? इसलिए आज मैं चोरों की आंख में आंख डालकर कह रहा हूं कि तुम्हें छोड़ेंगे नहीं। भाजपा की तमाम साजिशों के बावजूद आज मैं सीना चौड़ा करके खड़ा हूं, क्योंकि मैंने अपना काम ईमानदारी किया।
दिल्ली विधानसभा में ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग पर दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा के तमाम कुकर्मों, कुचक्रों और साजिशों के बावजूद मैं सीना चौड़ा कर यहां इसलिए खड़ा हुआ हूं क्योंकि मैं ईमानदारी से काम करता रहा। आज देश में कानून का राज है। इसिलए मैं यहां बैठा हूं और इन लोगों की आंख में आख डालकर कह रहे हैं कि तुम्हें छोड़ेंगे नहीं। देश तो कानून से चलता है, लेकिन भाजपा 75 साल से चले आ रहे कानून से नहीं चलेगी। नेता प्रतिपक्ष को भी इस बात का दुख है। देश में कानून का राज है। इसीलिए इन्होंने विपक्ष के जितने नेताओं पर गैरकानूनी काम किए, उसके लिए इन्हें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से कानूनी गालियां पड़ रही हैं। अब तो लोअर कोर्ट भी इन्हें गालियां देने लगा है। आज सुप्रीम कोर्ट और लोअर कोर्ट एजेंसियों को लताड़ रहे हैं, वह असल में भाजपा को लताड़ रहे हैं। आज पूरे देश में इनकी थू-थू हो रही है कि भाजपा को सत्ता क्या मिल गई, एजेंसियों का खुला दुरुपयोग होने लगा। केवल नेताओं के खिलाफ ही नहीं, देश के व्यापारियों के खिलाफ भी एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश के लाखों व्यापारियों के खिलाफ भाजपा ने ईडी को शोषण का अड्डा बना रखा है। पहले पीएमएलए के नोटिस दिलवाते हैं, चार बड़े व्यापारियों को जेल में भेज देते हैं और उसके बाद धमकी देते हैं कि देखों चार बड़े व्यापारी और चार बड़े नेता जेल में डाल रखे हैं, एक साल से निकलने नहीं दिया। आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं वाले कानून लगाकर तुम्हें भी जेल में डाल देंगे नहीं तो चंदा दे दो। बेचारे व्यापारियों को फिर चंदा देना पड़ता है। व्यापारियों का ऐसा शोषण कर रखा है कि आज कितने हाई नेटवर्थ इनकम वाले व्यापारी देश छोड़ कर चले गए और उनमें से कईयों को पीएमएलए का नोटिस भेजा गया था। अगर ये डाटा सामने आ जाए तो भाजपा वाले शर्म से डूब मरेंगे।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह केवल विपक्षी दलों का सवाल नहीं है। मैं 17 महीने इसके कुकर्मों के कारम जेल में रहकर आया हूं। कानून का राज नहीं था। इसलिए जेल में रहकर आया हूं। इन्होंने 17 महीने मुझे जेल में रखा। इससे मुझे नुकसान हुआ। मैं अपने परिवार से दूर रहा। मुझे तो नुकसान हुआ ही, लेकिन इससे असली नुकसान देश और दिल्ली की जनता को हुआ, जिसने भरोसा करके शिक्षा मंत्री बनाया था, अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया था। अरविंद केजरीवाल ने मुझे शिक्षा का काम दिया था। मैं स्कूल, अस्पताल बना रहा था, टीचर्स यूनीवर्सिटी, स्पोर्ट्स यूनीवरिसिटी और स्किल यूनीवर्सिटी बनवाई थी। उसका इन्होंने क्या हाल कर रखा है। टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेज रहे थे। इन्होंने हमारे दिल्ली के टीचर्स की ट्रेनिंग रुकवा दी। मैं होता तो इन चीजों के लिए चार आवाजों के साथ पांचवीं आवाज बनकर लड़ता।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि बात सिर्फ मेरी या अरविंद केजरीवाल की नहीं है। बल्कि बात यह है कि जब जनता ने लोकतांत्रिक रूप से इनको इनकी औकात दिखा दी कि तुम्हारी औकात 7-8 सीट से ज्यादा नहीं है और पहले 3-4 सीट से ज्यादा नहीं थी। इन्होंने 50 से ज्यादा केस दिल्ली के मुख्यमंत्री के ऊपर लगा रखे हैं। कई केस मेरे ऊपर भी लगा रखे हैं। लेकिन धीरे-धीरे कई केस खत्म हो गए। अब बाकी केस भी खत्म हो जाएंगे। इन्होंने सत्येंद्र जैन के ऊपर तीन केस लगाए। जिससे से दो केस खारिज हो गए। अभी एक केस बचा है, वो भी खारिज हो जाएगा। इन्होंने 2012 का एक मामला निकालकर गोपाल राय पर एक केस लगाया। गोपाल राय उससे मुक्त हो गए हैं। ये लोग कानून के राज की बात कर रहे हैं? जरनैल सिंह पर दो केस लगाए, दोनों मामाले खत्म हो गए हैं। संजीव झा पर तीन केस लगाए, दो में मुक्त हो गए हैं, एक अभी बाकी है उससे भी बाहर आएंगे। ये बता रहे हैं कि कानून का राज है? कौन से कानून की बात कर रहे हैं? ये सारे केस किस कानून में आते हैं? ये भाजपा के झूठ बोलने और एजेंसियों के दुरुयोग के अलावा किसी और कानून में नहीं आते।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे, फिर अरविंद केजरीवाल को जेल भेजा। जबकि हम तो यहां स्कूल बनवा रहे थे, लोगों के लिए काम कर रहे थे। 30 हजार करोड़ रुपए का बजट होता था। इसी विधान सभा में पहला बजट 30 हजार करोड़ रुपए का पास किया था। उससे पहला बजट जिस बार मैंने वित्त मंत्री के रूप में बजट पेश किया, वह 25 हजार करोड़ रुपए का था। उससे पहले दिल्ली के बजट कभी 24 या 23 हजार करोड़ रुपए होता था। हमारे आने से पहले बजट को 20 हजार करोड़ से 25 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचने में 5-7 साल लगते थे। लेकिन केवल पांच साल के अंदर हमने 30 हजार करोड़ रुपए के बजट को 75 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचा दिया। अगर बेईमानी करनी होती तो उसमें से हम 0.001 फीसद भी रख लेते तो, मेरी पार्टी के कई साल के लिए फंड इकट्ठा हो जाता। लेकिन हमे बेईमानी नहीं करनी थी। इसलिए 30 हजार करोड़ रुपए का बजट धीरे-धीरे करके, ईमानदारी से टैक्स इकट्ठा करके और ईमानदारी से नीतियां बनाकर उसे ईमानदारी से खर्च किया, तब जाकर दिल्ली का बजट 75 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचा।
उन्होंने कहा कि ये लोग एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं, जबकि हम कानून का सदुपयोग करते हैं। इसलिए 30 हजार करोड़ रुपए का बजट 75 हजार करोड़ रुपए हो गया। ये झूठे आरोप लगाते हैं। इन्होंने मेरे ऊपर भी कई संगीन आरोप लगाए। ये बात तो भ्रष्टाचार की कर रहे थे। लेकिन इन्होंने मेरे ऊपर वो कानून लगाए जो आतंकवादी और ड्रग माफियाओं के ऊपर लगाए जाते हैं। क्या मैं आतंकवादी हूं? क्या मैं ड्रग माफिया की फंडिंग करता हूं? या अरविंद केजरीवाल आतंकवादी है, वो ड्रग माफियाओं की फंडिंग करते हैं? जो कानून दुनिया भर में आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं की फंडिग रोकने के लिए लगाए जाते है, वो कानून मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल के ऊपर लगाए जा रहे हैं, ताकि जामनत न मिल सके। पहले कोई भी आरोप लगा दो, उसके बाद आंतवादियों वाली कोई भी धारा लगा दो, ताकि जमानत न मिल सके और फिर ये लोग यहां आकर बोल सकें कि जमानत क्यों नहीं मिल रही?
मनीष सिसोदिया ने कहा कि इन्होंने जो मनोहर कहानियां रची उसमें कुछ नहीं निकला और आगे भी कुछ नहीं निकलेगा। इन्होंने मेरे घर पर खूब छापे मारे, लेकिन मेरे घर से इन्हें एक चवन्नी भी नहीं मिली। सीबीआई भी दुखी होकर गए कि पूरा दिन लगा दिया। इसके बाद सीबीआई वाले मेरा बैंक लॉकर देखने गए। उन्हें लगा दो साल से लॉकर खोला नहीं है, वहां जरूर कुछ रखा होगा। लेकिन बैंक लॉकर में भी मेरे बच्चे का एक चांदी का झुनझुना निकला। इन्होंने इधर-उधर खूब पड़ताल की मेरे गांव-रिश्तेदारों सबसे पूछा। जितने लोगो को लाइसेंस दिए गए थे, उन सभी व्यापारियों से भी पूछा कि किसी ने पैसे दिए। लेकिन सबने एजेंसी के ऑन रिकॉर्ड स्टेटमेंट में कहा कि न किसी ने उनसे पैसे मांगे और न उन्होने किसी को पैसे दिए। लेकिन भाजपा उनके पीछे पड़ी रही।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मैं ईडी और सीबीआई की कस्टडी में रहा हूं। कस्टडी में उन बेचारे अफसरों के पास कुछ पूछने के लिए नही होता था। 10-15 मिनट आधे घंटे बात करते थे। 24 घंटे कस्टडी में रखते थे तो मेरे से गप्पे मारते थे, बातें बताते थे। फिर वो भी धीरे-धीरे खुलने लगे और बताने लगे कि उन्हें ये सब क्यों करना पड़ रहा है। बेचारे इज्जत भी करते थे, बोलते थे कि हमारे घर में भी थोड़ी सी दिक्कत है। समझ नहीं आ रहा है, बच्चों को कैसे पढ़ाएं। मैं बैठकर उनके बच्चों को भी गाइड करता था। पूछताछ के नाम पर उन्होंने बहुत बयान लिए। लेकिन उन्होंने जब पूरे आत्मविश्वास के साथ असली मामला बताया तो मैं भी सुनकर चौंक गया। भाजपा सीबीआई और ईडी दोनों के पीछे पड़ी हुई थी कि किसी भी तरह इस तथाकथित शराब घोटाले को 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला बनाओ। अधिकारियों ने कहा कि 10 हजार करोड़ का घोटाला तो तब बनाएं जब एक चवन्नी भी मिले। यहां तो किसी से यहां चवन्नी भी नहीं मिल रही। कहां से 10 हजार करोड़ का केस बनाएं?
मनीष सिसोदिया ने आगे बताया कि भाजपा वाले कई महीनों तक ईडी और सीबीआई के अफसरों के पीछे पड़े रहे कि इसे 10 हजार करोड़ रुपए का घोटाला बनाओ। सीबीआई और ईडी के अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए कि नहीं बन पाएगा। फिर उन्हें कहा गया कि 10 हजार करोड़ न सही इसे एक हजार करोड़ रुपए का केस ही बना दो। अफसरों ने कहा कि किसी के घर से कुछ नहीं मिला। यहां तक कि वित्त मंत्री के घर से भी कुछ नहीं मिल रहा। ऐसे में इसे दस हजार करोड़ का केस कैसे बना दें? तब इन्होंने कहा कि चलो फिर इसे 100 करोड़ रुपए का मामला बना दो। उस पर भी उन्होंने कह दिया कि एक चवन्नी तो मिले, हम तो एक रुपए का भी केस नहीं बना पा रहे हैं। तो फिर इन्होंने इधर-उधर से कुछ लोगों को पकड़कर जेल में डलवाया, उसके ऊपर भी वही आतंकवादी वाला केस लगवाया। जो आदमी 10-12 बार कह चुका था कि मुझसे किसी ने पैसे नहीं मांगे और मैंने किसी को पैसे नहीं दिए। उसमें से किसी को ये लोग जेल में सड़ाने की धमकी देते हैं और कहते थे कि जेल से बाहर निकलने का एक ही रास्ता है कि तू मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल का नाम ले।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि ट्रायल केस में सब निकलकर आएगा। जो आदमी अपने आधिकारिक बयान में यह कह चुका था कि अगर मैं कभी कहीं मनीष सिसोदिया से मिला भी था तो मेरी हिम्मत ही नहीं होती थी, उनसे बात करने की। जो व्यक्ति जांच में बयान दे चुका है। उसे जेल में डाला गया। 6 महीने बाद उससे मेरे खिलाफ बयान लिया और मुझे उठाकर जेल में डाल दिया। जब मेरा केस सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो इनकी इसी हरकत के कारण कोर्ट ने कहा था कि तुम जो ये सबूत लेकर आए हो ये ट्रायल कोर्ट में दो सवाल में ध्वस्त हो जाएंगे। कोर्ट की यह टिप्पणी सारे अखबारों में पहले पेज पर छपी थी। अधिकारियों ने बताया कि पहले भाजपा वाले 10 हजार करोड़ रुपए की बात कर रहे थे। फिर एक हजार करोड़ की बात करने लगे और फिर 100 करोड़ रुपए पर आ गए। जब कोई मामला नहीं मिला तो बोले कि एक बयान के आधार पर इन्हें अंदर डालो। हमें करना पड़ रहा है। क्या करें, नौकरी करनी है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि वो मुझे बता देते थे कि अभी हमें आदेश है कि संजय सिंह को भी लाना है। बाद में चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को भी लाना है। उन्होंने मुझे पहले ही सब बता दिया था। बोले कि चुनाव से पहले कुछ करेंगे, ऊपर से जब आदेश आएगा तब करेंगे। जब संजय सिंह को ले गए तो वहां भी सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि अगर हम केस की मेरिट पर चले गए तो तुम्हारा केस बिगड़ जाएगा। इसलिए बेहतर होगा कि इसे जमानत देने दो। थोड़ी देर में ईडी ने भाजपावालों से पूछा और बोला कि हां, देने दो बेल।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इन्होंने केस बनाया कि एक एमपी सीएम से मिलने का टाइम मांगता है। उनसे मिलने के लिए एक-दो बार ईमेल भेजा। उनको टाइम दे दिया गया। वो एमपी आया और उनसे अपनी ट्रस्ट के लिए जमीन देने का आग्रह किया। वह अपनी बात कहकर चला गया। लेकिन इन्हें अरविंद केजरीवाल के खिलाफ किसी भी तरह केस बनाना था। जिन लोगों से मेरे खिलाफ बुलवाया गया, जब उन्होंने भी केजरीवाल के खिलाफ कुछ नही बोला, तो इन्होंने उस एमपी को पकड़ा, क्योंकि ये उनका पुराना फंडर भी था। ये उससे कहने लगे कि केजरीवाल के खिलाफ बोलो। उसने लिखित में अपना बयान दिया और कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से मिलने गया था। 6 मिनट बात हुई थी। बात-चीत के दौरान 10-12 अफसर मौजूद थे। मैं जमीन की बात करने के लिए गया था। वह एमपी अपनी बत कहकर आ गया। तब इन्हें लगा कि अब किस बिनाह पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया जाए। तब इन्होंने उस एमपी के बेटे को गिरफ्तार किया और उसे 6 महीने जेल में रखा। और फिर उसे लॉलीपॉप दिया कि तुझे बचा लेंगे अगर तू केजरीवाल का नाम ले लेगा। यह लॉलीपॉप शब्द सीबीआई के वकील ने खुद कोर्ट में कहा था।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि जो आदमी पहले बयान दो चुका था कि मैं सबके सामने केवल 6 मिनट के लिए सीएम से मिला था, उसने अचानक बयान बदल दिया और कहने लगा कि मेरे से पैसे मांगे गए। और इतना कहते ही उसके बेटा बाहर आ गया। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये केस ट्रायल कोर्ट मनें दो मिनट भी नहीं टिकेगा। एक आदमी जो पहले कह रहा था कि वो सबके सामने केवल 6 मिनट के लिए मिला था। क्या इस 6 मिनट में अरविंद केजरीवाल ने उससे 100 करोड़ रुपए भी मांग लिए? यह केस नहीं मजाक है? लेकिन इनके पास पावर है कि अरविंद केजरीवाल जो दिल्ली में काम कर रहे हैं, ये उन्हें कह सकते हैं कि ये आतंकवादी या ड्रग माफिया है इसे जेल में डालो।
उन्होंने कहा कि एजेंसियों के दुरुपयोग का इन्हें पीएचडी अवॉर्ड मिलना चाहिए। भारत के इतिहास में इससे ज्यादा टुच्चेपन के काम में एजेंसियों का दुरुपयोग कहीं नहीं हुआ। जब यह सारी चीजें इतिहास में दर्ज होंगी तो इन्हें लानत दी जाएगी कि जिन एजेंसियों को इतने शानदार काम के लिए बनाया गया था। इन लोगों ने उसे इन टुच्चे कामों पर लगा दिया। हम तो इनकी आंखों में आख डालकर लड़ रहे हैं। लेकिन तमिलनाडू मे एक किसान जिसका भाजपा के एक छुटभैये नेता से झगड़ा हो गया तो भाजपा के नेता ने उसे ईडी का नोटिस दिलवा दिया, जो आतंकवादियों पर लगाया जाता है। ये एजेंसियों के दुरुपयोग इस टुच्चेपन की हद तक रहे हैं। हमारी तो फिर भी राजनैतिक लड़ाई है। हम सिर कटाने के लिए निकल कर आए हैं। जेल जाने से नहीं डरते हैं। सिर भी चाट देंगे तो हम नहीं डरेंगे। लेकिन इस देश का व्यापारी हजारों-लाखों लोगों को नौकरियां दे रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दो रहा है। आज तुम अपने चंदे और धंधे के लिए ईडी के कितने नोटिस इन व्यापारियों को दिलवा रहे हो। जरा गिरेबान में झांक कर देखो, तो तुम्हें अपने ऊपर शर्म आएगी कि हम इस देश के व्यापारियों के साथ कर क्या रहे हैं? मैं ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग की घोर निंदा करता हूं। भाजपा को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। ये लोग ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग करके पूरे देश के साथ गद्दारी कर रहे हैं।