Budget 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने दो मकान के मालिकों के लिए टैक्स छूट (Tax Relief for Homeowners) का ऐलान किया। अगर आपके पास दो मकान हैं, तो अब आप बिना शर्त के दोनों संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य (Zero Tax on Property) का दावा कर सकते हैं। साथ ही, सरकार ने किराये पर टीडीएस की लिमिट (TDS on Rent Limit) बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव भी किया है, जो टैक्सपेयर्स को और भी राहत प्रदान करेगा। यह निर्णय विशेष रूप से उन करदाताओं (Taxpayers) के लिए लाभकारी होगा जिनके पास स्वामित्व वाली दो संपत्तियां (Ownership Properties) हैं।
दो संपत्तियों पर टैक्स राहत का ऐलान
Budget 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की है। अब दो मकानों के मालिकों को बिना किसी शर्त के अपने दोनों स्वामित्व संपत्तियों (Ownership Properties) का वार्षिक मूल्य शून्य करने की अनुमति होगी।
पहले, आयकर अधिनियम (Income Tax Act) की धारा 23 की उपधारा (2) के तहत किसी संपत्ति का वार्षिक मूल्य शून्य (Zero Taxable Value) माना जाता था, अगर उस संपत्ति का स्वामी किसी अन्य स्थान पर रहकर रोजगार, व्यवसाय, या पेशे के कारण उस संपत्ति पर कब्जा नहीं कर पाता था। लेकिन अब सरकार ने यह नियम बदला है, और दो संपत्तियों पर यह प्रावधान लागू किया जाएगा। इससे मध्यम वर्ग (Middle Class) और मकान मालिकों (Homeowners) को बड़ा फायदा होगा।
इस बदलाव से यह सुनिश्चित किया गया है कि दो घर के मालिक टैक्स में राहत पा सकेंगे, भले ही वह दूसरे स्थान पर रहकर काम कर रहे हों या किसी कारणवश संपत्ति का उपयोग न कर पा रहे हों।
किराये पर टीडीएस लिमिट में वृद्धि
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने किराये पर टीडीएस (TDS on Rent) की सालाना लिमिट में भी बदलाव किया है। पहले, टीडीएस की लिमिट 2.4 लाख रुपये थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 6 लाख रुपये किया गया है। इस बदलाव से, किराया भुगतान (Rent Payment) करने वाले करदाता जिनका किराया 6 लाख रुपये तक है, उन्हें कम कर भुगतान (Tax Deduction) का सामना करना होगा।
यह कदम करदाताओं के लिए लाभकारी होगा, क्योंकि इससे कम टैक्स देने का अवसर मिलेगा और कर कटौती की प्रक्रिया (Tax Deduction Process) अधिक सरल हो जाएगी।
Budget 2025 में मकान मालिकों के लिए टैक्स छूट और किराये पर टीडीएस की लिमिट में वृद्धि से करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। यह निर्णय विशेष रूप से स्वामित्व संपत्तियां रखने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे उनका टैक्स भुगतान कम होगा और वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।