नई दिल्ली, 10 जुलाई (The News Air): वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के डिसइनवेस्टमेंट, एसेट मॉनेटाइजेशन और डिविडेंड्स से 1 लाख करोड़ रुपये के टारगेट में बदलाव करने की उम्मीद नहीं है। सरकार ने इस साल 1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में नॉन-फाइनेंशियल सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) में विनिवेश, एसेट मॉनेटाइजेशन और डिविडेंड के लिए एक लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया था। इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है।
1 फरवरी को पेश अंतरिम बजट में सरकार के डिसइनवेस्टमेंट और एसेट मॉनेटाइजेशन टारगेट की रिपोर्टिंग अलग से करने की जगह ‘मिसलेनियस कैपिटल रिसीट्स’ के तहत रखा गया था। आम तौर पर ऐसा नहीं होता है। इस फाइनेंशियल ईयर के लिए कुल अनुमान 50,000 करोड़ रुपये था, जबकि FY24 के लिए संशोधित अनुमान 30,000 करोड़ रुपये था। इसके अलावा नॉन-फाइनेंशियल सीपीएसई से डिविडेंड के लिए 48,000 करोड़ रुपये का टारगेट रखा गया था। इनमें ऐसी सरकारी कंपनियां भी शामिल थीं, जिनमें सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम है।
FY24 और इससे पहले के दो सालों में डिविडेंड कलेक्शन शुरुआती अनुमान से बेहतर रहने के बावजूद सरकार अधिकारियों का कहना है कि उन्हें अंतरिम बजट के अनुमान में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है। एक अधिकारी ने बताया कि इसकी वजह यह है कि सरकार ऐसा कोई टारगेट तय नहीं करती जिसके पूरा होने की संभावना न हो। हालांकि, इस बारे में अंतिम फैसला 23 जुलाई को बजट पेश होने से ठीक पहले लिया जा सकता है।