नई दिल्ली,11 जुलाई (The News Air): नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत आने वाले केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज को अंतिम सैलरी का 50 फीसदी बतौर पेंशन मिल सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार पेंशन को लकर केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज की चिंता दूर करने की कोशिश कर रही है। इस मसले पर विचार के लिए फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। सरकार दोबारा ओल्ड पेंशन स्कीम शुरू करने से इनका कर चुकी है। लेकिन, वह पेंशन को लेकर केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज की चिंता दूर करना चाहती है। विपक्षी दल ओल्ड पेंशन स्कीम दोबारा शुरू करने की मांग करते रहे हैं।
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) में एंप्लॉयीज को अंतिम सैलरी का 50 फीसदी बतौर पेंशन मिलने की गारंटी मिलती थी। इसीलिए इसे डिफाइंड बेनेफिट पेंशन स्कीम कहा जाता है। NPS में ऐसा नहीं है, क्योंकि यह डिफाइंड कंट्रिब्यूशन स्कीम है। इसमें एंप्लॉयीज अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कंट्रिब्यूट करते हैं। सरकार उनकी बेसिक सैलरी का 14 फीसदी कंट्रिब्यूट करती है। सोमनाथन कमेटी ने दूसरे देशों में पेंशन के सिस्टम स्टडी की है। उसने आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों की तरफ से पेंशन सिस्टम में किए गए बदलावों को भी देखा है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार उन एंप्लॉयीज को अंतिम सैलरी की 50 फीसदी पेंशन देने पर विचार कर रही है, जो 25-30 साल नौकरी करते हैं। अधिकारियों का कहना है कि एनपीएस में 25-30 साल निवेश करने पर एंप्लॉयीज को संतोषजनक रिटर्न मिल रहे है, जिसकी तुलना ओल्ड पेंशन स्कीम में मिलने वाली पेंशन से की जा सकती है। एनपीएस से कम पेंशन मिलने की शिकायत मुख्य रूप से ऐसे लोगों की तरफ से आई है, जो 20 साल पूरा होने से पहले स्कीम से निकल जाते हैं। सरकार एक डेडिकेटेड फंड बनाने के बारे में सोच रही है, जो कॉर्पोरेट रिटायरमेंट बेनेफिट्स की तरह होगा। इस बारे में अभी बातचीत चल रही है।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी, 2004 से अपने एंप्लॉयीज के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम शुरू किया था। सिर्फ आर्म्ड फोर्सेज को इस सिस्टम से बाहर रखा गया है। सरकार ने 2009 में एनपीएस को आम लोगों के लिए भी ओपन कर दिया था। एनपीएस में 18 से 70 साल की उम्र का व्यक्ति निवेश शुरू कर सकता है। इसमें निवेश पर अच्छा टैक्स बेनेफिट भी मिलता है।






