चंडीगढ़, 17 जून (The News Air)
पंजाब में आगामी वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) से पहले पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में चल रहा कलह कह लें या घमासान कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से बातचीत के बाद भी पंजाब के मुख्यामंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को साथ लाना पार्टी के लिए बिल्कुल भी आसान होता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि दोनों नेताओं के बीच सुलह करवाने की ज़िम्मेदारी अब ख़ुद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने हाथों में ले ली है।
अगर सूत्रों की मानें तो नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस कमेटी के पैनल को पहले ही बता दिया है कि वह राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ सीधे कैबिनेट मंत्री या उपमुख्यमंत्री के तौर पर काम करने में सहज महसूस नहीं करेंगे। ऐसा भी माना जाता है कि भले ही सिद्धू, सुनील जाखड़ की जगह नए पीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के इच्छुक होंगे, परन्तु कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही इस प्रस्ताव का विरोध कर चुके हैं।
पंजाब के दोनों बड़े चेहरों के बीच जारी विवाद को सुलझाने के लिए 20 जून को दिल्ली में एक बैठक भी बुलाई गई है। इस बैठक में सोनिया गांधी ख़ुद दोनों नेताओं और कुछ अन्य विधायकों से बातचीत करेंगी और इस झगड़े को सुलझाने का हर संभव प्रयास करेंगी। दोनों नेताओं के मूड को देखते हुए पार्टी अन्य विकल्पों पर भी विचार-चर्चा कर सकती है, जैसे कि सिद्धू को अगले चुनावों के लिए प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है।
दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू की छवि हमेशा से ही भीड़ खींचने वाली रही है, जिसका सीधा फ़ायदा पार्टी को मिलता है। बता दें कि लगभग हर दूसरे दिन सोशल मीडिया पर पंजाब के मुख्यमंत्री को निशाने पर लेने वाले नवजोत सिंह सिद्धू ने जब से कांग्रेस कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात की है, तब से ही कोई भी ट्वीट नहीं किया है। उनका आखिरी ट्वीट 1 जून किया गया था, जिस दिन उन्होंने दिल्ली में खड़गे पैनल से मुलाक़ात की थी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह पर नवजोत सिंह सिद्धू ने लगाए दोष- नवजोत सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर दोष लगाते कहा है कि विधानसभा चुनाव आने में अब एक साल से भी कम का समय बचा है और अभी तक मुख्यमंत्री का जनता और पार्टी के नेताओं के साथ किसी भी तरह का कोई कनेक्शन दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पर अभी भी बादल परिवार का साया दिखाई दे रहा है। पंजाब विधान सभा चुनाव से पहले जिस तरह से नवजोत सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावती सूर दिखाए हैं, उससे पंजाब में कांग्रेस मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है।
सूत्रों के अनुसार कमेटी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट को देखने के बाद ही सोनिया गांधी ने दोनों नेताओं समेत कई अन्य विधायकों को भी दिल्ली दरबार में तलब किया है, जिससे पंजाब कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रही अनबन को दूर किया जा सके और विधानसभा चुनावों की तैयारियों में तेज़ी लाई जा सके।
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