मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता पर फूटा बॉलीवुड सितारों का गुस्सा

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मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता पर फूटा बॉलीवुड सितारों का गुस्सा, अक्षय कुमार से लेकर आशुतोष राणा तक ने जाहिर किया आक्रोश

Manipur Viral Video: मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। मणिपुर में 3मई से इम्फाल घाटी में केंद्रित मेजोरिटी मेइती और पहाड़ियों पर कब्जा करने वाले कुकी लोगों के बीच जातीय झड़पें हो रही हैं। बीते दिन भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो को वायरल हुआ था। इस घटना की वजह से पूरे देश में आक्रोश की लहर है। वहीं बॉलीवुड सितारों ने भी इश घटना को लेकर अपना गुस्सा जाहिर किया है।

सेलेब्स ने आक्रोश किया जाहिर

बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय कुमार ने मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी पर दुख जाहिर करते हुए ट्विटर पर लिखा, “मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा का वीडियो देखकर हिल गया, निराश हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि दोषियों को इतनी कड़ी सजा मिलेगी कि कोई भी दोबारा ऐसी भयावह हरकत करने के बारे में न सोचे।’वहीं रिचा चड्ढा ने वीडियो को लेकर किए अपने पोस्ट में इसे “शर्मनाक! भयानक! अधर्म!” करार दिया। दूसरी तरफ उर्मिला मातोंडकर ने मणिपुर की घटना का कड़ा विरोध करते हुए लिखा , “मणिपुर वीडियो और इस फैक्ट से शॉक्ड, शेकन और डरी हुई हूं कि यह मई में हुआ और इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुईय शर्म आनी चाहिए उन लोगों को जो सत्ता के नशे में चूर ऊंचे घोड़ों पर बैठे हैं, मीडिया में जोकर उन्हें चाट रहे हैं, मशहूर हस्तियां जो चुप हैं। डियर भारतीय/इंडियनंस हम यहां कब पहुंचे?

आशुतोष राणा ने लिखा लंबा चौड़ा पोस्ट

इसघटना पर अपना आक्रोश जाहिर करते हुए बॉलीवुड एक्टर आशुतोष राणा ने ट्वीटर पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट किया।  उन्होंने लिखा, “ इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं। लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे।”आशुतोष राणा ने आगे लिखा, “ अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है। सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं।  हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की भांति है।”

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