Air India Boeing 787-8 Crash की भयावह घटना के बाद अब एक और सनसनीखेज दावा सामने आया है, जिसने एयर इंडिया (Air India) और विमानन सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अहमदाबाद (Ahmedabad) में हुए इस विमान हादसे में 270 लोगों की मौत के बाद, दो सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को एक चिट्ठी लिखकर दावा किया है कि उन्होंने एक साल पहले ही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (Boeing 787 Dreamliner) में तकनीकी खराबियों की जानकारी दी थी, लेकिन उनकी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया।
क्या था पूर्व कर्मचारियों का आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एयर इंडिया की दो पूर्व महिला फ्लाइट अटेंडेंट्स ने आरोप लगाया कि उन्होंने कंपनी को मई 2024 में ही बोइंग ड्रीमलाइनर (VT-ANQ) के दरवाजे में खराबी की सूचना दी थी। 14 मई 2024 को मुंबई-लंदन (Mumbai-London) फ्लाइट AI-129 को हीथ्रो (Heathrow) एयरपोर्ट पर डॉक किया गया था। सभी यात्रियों के उतरने के बाद जब दरवाजा खोला गया तो स्लाइड राफ्ट (Slide Raft) अचानक सक्रिय हो गई, जो केवल ऑटोमैटिक मोड में ही होती है। अटेंडेंट्स ने यह स्पष्ट किया कि दरवाज़ा मैनुअल मोड में होना चाहिए था। इस गड़बड़ी की पुष्टि पायलट और केबिन-इन-चार्ज ने भी की थी।
बयान बदलने का दबाव, निष्कासन की धमकी
दोनों अटेंडेंट्स ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने यह मामला एयर इंडिया के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया, तो उन्हें बयान बदलने का दबाव दिया गया। इनकार करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। पत्र में यह भी कहा गया कि न केवल एयर इंडिया, बल्कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इस गंभीर तकनीकी खामी को दबाने का प्रयास किया। DGCA ने केवल एक अनौपचारिक जांच शुरू की और कोई आधिकारिक रिपोर्ट आज तक साझा नहीं की गई।
270 लोगों की मौत, हादसे की वजह अब तक स्पष्ट नहीं
12 जून 2025 को जब यह ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर (Meghani Nagar) क्षेत्र में एक मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकराया, तब उसमें 242 यात्री और चालक दल के 12 सदस्य सवार थे। हादसे में लगी भीषण आग से कई लोगों की जान गई, जिसमें जमीन पर मौजूद लोग भी शामिल थे। विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) की टीम घटना की जांच में जुटी हुई है।
एयर इंडिया का बचाव, CEO का बयान
एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने कहा कि हादसे का शिकार हुआ बोइंग 787-8 विमान तकनीकी रूप से अच्छी स्थिति में था। उन्होंने बताया कि इसकी आखिरी बड़ी जांच जून 2023 में हुई थी और अगली जांच दिसंबर 2025 में प्रस्तावित थी। विमान और इंजन की नियमित जांच होती रही है और अब तक उसमें किसी प्रकार की तकनीकी समस्या रिपोर्ट नहीं हुई थी।
अब सवाल यह उठता है कि अगर एक साल पहले ही खराबी की सूचना दी गई थी, तो क्या इसे गंभीरता से लेना चाहिए था? क्या 270 लोगों की जान बचाई जा सकती थी? और क्या फ्लाइट से जुड़े सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हुआ है? इन सभी सवालों के जवाब अब AAIB की जांच पर निर्भर करते हैं।