नई दिल्ली, 25 जुलाई (The News Air): भाजपा शासित केंद्र सरकार ने पिछले 10 सालों से हर बजट में दिल्लीवालों को धोखा दिया है। दिल्लीवालों के साथ भाजपा के इस सौतेले व्यवहार पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए साझा करते हुए वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, पिछले 10 सालों में दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को 15,59,933 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले दिल्ली को मात्र 7,534 करोड़ रुपये ही मिले।
वित्त मंत्री आतिशी के भाजपा शासित केंद्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र को 5 लाख करोड़ इनकम टैक्स के बदले 50,000 करोड़, कर्नाटक को 2 लाख करोड़ इनकम टैक्स पर 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन होता है।लेकिन जब दिल्ली के लोग 2 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स देते हैं तो उन्हें सब मिलाकर सिर्फ़ 1061 करोड़ ही क्यों मिलता है?
उन्होंने कहा कि, क्या दिल्लीवालों को अपने शहर की तरक़्क़ी के लिए उनकी मेहनत की कमाई के इनकम टैक्स का हिस्सा नहीं मिलना चाहिए?
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, भाजपा शासित केंद्र सरकार दिल्लीवालों के साथ ये अन्याय क्यों कर रही है? दिल्लीवालों को उनके हक़ का पैसा क्यों नहीं मिलता है?
उन्होंने कहा कि, भाजपा केंद्र सरकार ने 10 सालों में दिल्लीवालों से 15 लाख करोड़ रुपये टैक्स लिया, लेकिन बदले में सिर्फ 7500 करोड़ रुपये दिए; यह अंग्रेजों के समय जैसा जैसा अत्याचार है। अगर केंद्र सरकार देश के बाक़ी राज्यों को पैसा दे सकती है तो दिल्लीवालों को भी उनके हक़ का पैसा मिलना चाहिए, ये दिल्लीवालों की माँग है।
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, 2 दिन पहले भाजपा शासित केंद्र सरकार ने देश का बजट प्रस्तुत किया। दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को उठाया कि, किस तरह से दिल्ली सरकार के साथ, दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय और सौतेला व्यवहार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि, दिल्ली के लोगों ने 2023-24 में सिर्फ़ इनकम टैक्स के रूप में ही केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये दिए। इसके बदले दिल्ली वालों की माँग थी कि, उनके इनकम टैक्स का 5% हिस्सा 10,000 करोड़ रुपये दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए दिल्ली सरकार को टैक्स शेयर के रूप में मिलना चाहिए। तो इसके बदले दिल्ली वालों को सिर्फ़ निराशा मिली और टैक्स शेयर के रूप में एक पैसा नहीं मिला।
इसपर भाजपा के नेताओं का कहना है कि, दिल्ली सरकार झूठ बोल रही है। दिल्ली को बेशक टैक्स शेयर नहीं मिलता लेकिन बजट में और बहुत कुछ मिलता है। वित्त मंत्री आतिशी ने पिछले 10 साल के केंद्र सरकार के बजट के आँकड़े को प्रस्तुत करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार के बजट के ‘ट्रांसफ़र टू दिल्ली’ डिमांड 57 के आँकड़ों से साफ़ हो जाएगा कि किस साल दिल्ली को कितना पैसा मिला है।
उन्होंने साझा करते हुए कहा कि, 2023-24 में दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 2.07 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले डिमांड 57 के सभी 7 मदो को मिलाकर केंद्र सरकार ने दिल्ली को मात्र 1168 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ। और इसमें टैक्स शेयर के रूप में एक पैसा नहीं मिला। ये दिल्लीवालों द्वारा दिए टैक्स का 0.4% भी नहीं है।
2022-23 में भी दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 2,12,101 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। 2023-24 के बजट में दिल्लीवालों को 1168 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ लेकिन इस आवंटन में दिल्लीवालों को एक पैसा नहीं मिला।
वित्त मंत्री आतिशी ने साझा किया कि, 2021-22 में दिल्लीवालों ने दिल्लीवालों ने केंद्र सरकार को 1,77,824 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। इसके बदले दिल्लीवालों को मात्र 960 करोड़ रुपये, उनके दिये इनकम टैक्स का 0.3% मिला। 2020-21 में दिल्लीवालों ने 1,20,120 करोड़ रुपये इनकम टैक्स दिया इसके बदले दिल्लीवालों को 1029 करोड़ रुपये का आवंटन मिला।
2019-20 में कोरोना काल में जब पूरे देश में त्राहि-त्राहि मची थी। तब दिल्लीवालों ने मुश्किल के समय में 1,49,613 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया। लेकिन दिल्लीवालों को मात्र 1112 करोड़ रुपये मिले।
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, इसके पिछले 6 सालों के 2013 से 2019 तक के आँकड़े देखे तो दिल्लीवालों ने इन 6 सालों में कुल 6,93,275 करोड़ रुपये इनकम टैक्स के रूप में दिया। और दिल्लीवालों को इसमें से मात्र 4433 करोड़ रुपये मिले।
उन्होंने कहा कि, पिछले 10 सालों में जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार आई है। तब से दिल्लीवालों ने भाजपा शासित केंद्र सरकार को 15,59,933 करोड़ रुपये का इनकम टैक्स दिया और इसके बदले दिल्लीवालों को मात्र 7,534 करोड़ रुपये मिले। यानी जो इनकम टैक्स दिल्लीवालों ने भाजपा शासित केंद्र सरकार को दिया उसका मात्र 0.48% ही दिल्लीवालों को पिछले 10 सालों में मिला।
उन्होंने कहा कि, अब दिल्लीवाले हो इस बात का निर्णय करे की, क्या ये सही है? क्या दिल्लीवालों को अपने मेहनत की कमाई के इनकम टैक्स का हिस्सा नहीं मिलना चाहिए? जब और राज्य चाहे महाराष्ट्र जो 5 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स देता है, उसे बजट में 50,000 करोड़ रुपये का आवंटन मिलता है। कर्नाटक जो 2 लाख करोड़ रुपये इनकम टैक्स देता है, उसे 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन होता है। तो दिल्ली के लोग जब 2 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स देते हैं तो उन्हें सब मिलकर सिर्फ़ 1061 करोड़ ही क्यों मिलता है? जब दिल्लीवाले अपने हिस्से का टैक्स ईमानदारी से देते है तो उन्हें उनके हक़ का पैसा क्यों नहीं मिलता है?
वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि, आज दिल्लीवालों के साथ भाजपा शासित केंद्र सरकार अंग्रेजों की तरह अत्याचार कर रही है। जैसे अंग्रेज भारत में लोगों का पैसा बाहर लेकर जाते थे और उसके बदले भारत को कुछ नहीं मिलता था, केवल टुकड़े मिलते थे। आज उसी तरह भाजपा शासित केंद्र सरकार दिल्लीवालों के टैक्स का पैसा ले रही है। पिछले 10 सालों में 15 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का इनकम टैक्स लिया है, और उसके बदले मात्र 7500 करोड़ रुपये दिये है।
उन्होंने कहा कि, “मैं भाजपा से पूछना चाहती हूँ कि, दिल्लीवालों के साथ ये अन्याय क्यों हो रहा है? दिल्लीवालों को उनके हक़ का पैसा क्यों नहीं मिलता है? अगर केंद्र सरकार देश के बाक़ी राज्यों को पैसा दे सकती है तो दिल्लीवालों को भी उनके हक़ का पैसा मिलना चाहिए। ये दिल्लीवालों की माँग है।”






