AAP MLAs Join BJP : दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections 2025) से महज 4 दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को AAP के 8 विधायकों ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इन विधायकों ने AAP पर टिकट न देने, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के आरोप लगाए।
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान (Delhi Voting Date) होना है और 8 फरवरी को नतीजे (Delhi Election Results) घोषित किए जाएंगे। ऐसे में AAP के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
कौन-कौन से विधायक BJP में हुए शामिल?
नरेश यादव (Naresh Yadav), महरौली: कहा कि “AAP अब भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी बन चुकी है।”
पवन शर्मा (Pawan Sharma), आदर्श नगर: “AAP अपने विचारधारा से भटक चुकी है।”
भूपेंदर सिंह जून (Bhupender Singh Joon), बिजवासन: “AAP ने अपराधियों को टिकट दिया, जो बेहद चिंताजनक है।”
मदनलाल (Madan Lal), कस्तूरबा नगर: “मुझे पार्टी से अब कोई उम्मीद नहीं रही।”
रोहित मेहरौलिया (Rohit Mehraulia), त्रिलोकपुरी: “AAP ने अंबेडकर के विचारों को दरकिनार कर दिया।”
राजेश ऋषि (Rajesh Rishi), जनकपुरी: “पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का गढ़ बन गई है।”
भावना गौड़ (Bhavna Gaur), पालम: “मुझे पार्टी पर अब कोई विश्वास नहीं रहा।”
गिरीश सोनी (Girish Soni): “AAP अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है।”
भ्रष्टाचार और टिकट कटने की वजह से छोड़ी पार्टी?
इन विधायकों ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चरम पर है। पार्टी ने जिन नेताओं ने ईमानदारी से काम किया, उन्हें टिकट से वंचित कर दिया और बाहरी लोगों को टिकट दे दिया।
सीलमपुर विधायक अब्दुल रहमान (Abdul Rahman) ने सबसे पहले दिया था इस्तीफा
10 दिसंबर को सीलमपुर के विधायक अब्दुल रहमान (Abdul Rahman) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि “AAP को अब मुस्लिम समुदाय की जरूरत नहीं रही, इसलिए हमें टिकट नहीं दिया। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पार्टी को खुद खत्म कर रहे हैं।”
क्या AAP के लिए खतरे की घंटी है?
दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और यह बड़ा सियासी उलटफेर AAP के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि:
इन 8 विधायकों का भाजपा (BJP) में जाना, AAP के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
पार्टी के अंदर ही असंतोष बढ़ रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट सकता है।
BJP को इससे सीधा फायदा होगा क्योंकि यह संदेश जाएगा कि AAP के अपने ही लोग पार्टी से खुश नहीं हैं।
अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी इस झटके से उबरने के लिए क्या रणनीति अपनाती है और 5 फरवरी के मतदान (Delhi Voting 2025) में जनता किसे समर्थन देती है।
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