Deepak Prakash Bihar Minister: बिहार की राजनीति में एक ऐसा चेहरा मंत्री बनकर सामने आया है, जिसकी चर्चा सियासी गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हो रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने बिना कोई चुनाव लड़े मंत्री पद हासिल किया और शपथ ग्रहण के दौरान उनका अंदाज बिल्कुल अलग—जींस, शर्ट और पैरों में क्रॉक्स—था।
‘कौन हैं दीपक प्रकाश?’
36 साल के दीपक प्रकाश का जन्म 22 अक्टूबर 1989 को हुआ था। वे उपेंद्र कुशवाहा और स्नेहलता के बेटे हैं। उनकी शैक्षणिक योग्यता और करियर ग्राफ काफी प्रभावशाली है। वीडियो में दी गई जानकारी के मुताबिक:
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शिक्षा: उन्होंने 2005 में ICSE से 10वीं और 2007 में CBSE से 12वीं पास की। इसके बाद 2011 में सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी से ‘बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग’ (B.E.) की डिग्री हासिल की।
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करियर: राजनीति में आने से पहले दीपक ने 2011 से 2013 तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया।
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राजनीतिक सफर: वे 2019-2020 से राजनीति में सक्रिय हुए और 2015 के विधानसभा चुनाव में भी अपनी मां स्नेहलता के लिए प्रचार कर चुके हैं।
‘लव स्टोरी और पत्नी साक्षी मिश्रा’
दीपक प्रकाश की निजी जिंदगी भी काफी सुर्खियों में है। उन्होंने ‘लव मैरिज’ की है और उनकी पत्नी का नाम साक्षी मिश्रा है। साक्षी उत्तर प्रदेश के एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एस.एन. मिश्रा की बेटी हैं।
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इंटरकास्ट मैरिज: कुशवाहा परिवार ओबीसी (OBC) वर्ग से आता है, जबकि साक्षी ब्राह्मण परिवार से हैं। दोनों ने जाति की दीवारों को तोड़ते हुए प्रेम विवाह किया।
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साक्षी की पहचान: साक्षी एक सोशल वर्कर हैं और वीडियो में उनकी खूबसूरती की तुलना बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय से की गई है। वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और पति व सास के चुनाव प्रचार में भी सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
‘उपेंद्र कुशवाहा ने बेटे को ही क्यों चुना?’
बेटे को मंत्री बनाने के फैसले पर उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से युवाओं को आगे लाने के समर्थक रहे हैं क्योंकि युवाओं में काम करने की क्षमता ज्यादा होती है। इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ा राजनीतिक कारण भी बताया। कुशवाहा ने कहा, “अगर किसी और को मंत्री बनाते, तो वह पद छोड़कर किसी दूसरी पार्टी में जा सकता था, लेकिन अपने घर का बेटा कहीं और नहीं जाएगा।” यह बयान पार्टी में वफादारी और स्थिरता को लेकर उनकी चिंता को जाहिर करता है।
‘अब आगे क्या होगा?’
चूंकि दीपक प्रकाश ने बिना चुनाव लड़े मंत्री पद की शपथ ली है, इसलिए संवैधानिक नियमों के अनुसार उन्हें 6 महीने के भीतर विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य बनना होगा। खबरों के मुताबिक, उन्हें जेडीयू और बीजेपी के कोटे से जल्द ही एमएलसी (MLC) बनाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के दौरान बीजेपी ने कुशवाहा को एक एमएलसी सीट देने का वादा भी किया था।
‘जानें पूरा मामला’
बिहार में हाल ही में हुए मंत्रिमंडल विस्तार या शपथ ग्रहण (संदर्भ अनुसार) में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी (कोटे) से उनके बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया गया है। यह फैसला इसलिए चौंकाने वाला था क्योंकि दीपक सक्रिय राजनीति में बहुत बड़े चेहरे नहीं थे और न ही वे विधायक हैं। हालांकि, शपथ लेने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आशीर्वाद भी लिया। उनका कैजुअल पहनावा और पारिवारिक पृष्ठभूमि अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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दीपक प्रकाश ने जींस-शर्ट और क्रॉक्स पहनकर बिहार सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।
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वे पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बेटे हैं।
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उनकी पत्नी साक्षी मिश्रा रिटायर्ड आईएएस की बेटी हैं और दोनों ने लव मैरिज की है।
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मंत्री बने रहने के लिए दीपक प्रकाश को 6 महीने के अंदर एमएलसी बनना होगा।






