• About
  • Privacy & Policy
  • Disclaimer & DMCA Policy
  • Contact
🔆 सोमवार, 29 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • वेब स्टोरी
  • स्पेशल स्टोरी
  • टेक्नोलॉजी
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
    • मनोरंजन
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • वेब स्टोरी
  • स्पेशल स्टोरी
  • टेक्नोलॉजी
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
    • मनोरंजन
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home Breaking News

Bihar Politics Secret : अमित शाह की ‘मजबूरी’ या नीतीश का ‘सीक्रेट’? क्यों झुकी BJP?

आखिरकार ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी क्यों नरेंद्र मोदी और अमित शाह को नीतीश कुमार के आगे सरेंडर करना पड़ा?

The News Air Team by The News Air Team
बुधवार, 19 नवम्बर 2025
A A
0
Nitish Kumar Power
116
SHARES
776
VIEWS
ShareShareShareShareShare
Google News
WhatsApp
Telegram

Nitish Kumar Power : कल सुबह 11 बजे पटना के गांधी मैदान में एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी होगी, लेकिन इस जश्न के पीछे एक गहरा सन्नाटा और कई अनसुलझे सवाल हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि बिहार में बीजेपी की सीटें ज्यादा होने के बावजूद, ‘ताज’ नीतीश के सिर पर क्यों सजाया गया? आखिर वह कौन सी मजबूरी या ‘सीक्रेट’ है जिसके कारण दिल्ली की महाशक्ति को पटना के ‘सुशासन बाबू’ के सामने झुकना पड़ा?

पटना में अमित शाह की मौजूदगी और बंद कमरे में नीतीश कुमार से मुलाकात, यह सब महज एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह उस सियासी बिसात का हिस्सा है जो बीजेपी के अनुकूल नहीं बिछ पाई। बिहार में एनडीए की जीत हुई है, लेकिन सरकार चलाने के लिए बीजेपी के पास नीतीश के अलावा कोई दूसरा चेहरा या विकल्प नहीं है। न तो अपनी पार्टी में और न ही किसी सहयोगी दल में। विधानसभा के भीतर सभी दलों को साधने और सरकार को चलाने का हुनर सिर्फ नीतीश के पास है।

यही कारण है कि कल शपथ ग्रहण के साथ ही मंत्रालयों का बंटवारा भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। नीतीश कुमार गृह मंत्रालय छोड़ने को तैयार नहीं हैं, वहीं अमित शाह अपनी शर्तों पर खेल नहीं खेल पा रहे। यह खेल बड़ा ही निराला है क्योंकि जिस वक्त अटल-आडवाणी के दौर में नीतीश सीएम बने थे, तब से ज्यादा नेताओं का जमावड़ा इस बार गांधी मैदान में होगा। 11 राज्यों के मुख्यमंत्री और खुद पीएम मोदी वहां होंगे, लेकिन शपथ लेने वाला सीएम बीजेपी का नहीं है।

यह भी पढे़ं 👇

Harpal Singh Cheema

Dhuri Model City: ₹329 करोड़ से बदली धूरी की सूरत, सीएम मान के हल्के में विकास की ‘सुपरफास्ट’ रफ्तार!

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Unnao Case

Unnao Case: सुप्रीम कोर्ट की साख दांव पर, कल का फैसला तय करेगा न्याय की दिशा

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Today Horoscope 29 December 2025

आज का राशिफल 29 December 2025: मेष को धन लाभ, इन राशियों को रहना होगा सावधान

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Amarinder Singh Raja Warring

Big Attack on AAP: “पंजाब में आंकड़ों का खेल, जमीनी हकीकत में कानून-व्यवस्था फेल”

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
दिल्ली के ‘सीक्रेट्स’ और नीतीश की पकड़

इस बार अमित शाह के झुकने के पीछे तीन बड़े कारण बताए जा रहे हैं। पहला और सबसे अहम कारण है ‘सीक्रेट्स’। विपक्ष लगातार चुनाव आयोग की भूमिका और वोटर लिस्ट को लेकर सवाल उठा रहा है। वीडियो रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश कुमार बखूबी जानते हैं कि राज्य सरकार की मशीनरी और चुनाव आयोग के बीच क्या तालमेल होता है। जब वोटर लिस्ट या चुनाव की तैयारी (SIR) हो रही थी, तब राज्य सरकार की क्या भूमिका थी, यह नीतीश से बेहतर कोई नहीं जानता।

अगर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता, तो डर था कि कहीं वह दिल्ली के वे ‘सीक्रेट्स’ न खोल दें, जो केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बन सकते हैं। याद कीजिए, जब नीतीश और लालू साथ थे, तब ललन सिंह (जो आज मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं) ने एक वीडियो जारी कर सीधे अमित शाह पर षड्यंत्र करने का आरोप लगाया था। यह साबित करता है कि जब जेडीयू के नेता बीजेपी से दूर होते हैं, तो वे पोल खोलने से नहीं हिचकिचाते।

वोट बैंक का गणित और महिला शक्ति

दूसरा बड़ा कारण है नीतीश का अपना फिक्स वोट बैंक। भले ही बीजेपी की सीटें 74 से बढ़कर 89 हो गई हों, लेकिन उसका अपना वोट बैंक नहीं बढ़ा है। दूसरी तरफ, नीतीश कुमार के पास कुर्मी, आर्थिक रूप से पिछड़े और महादलितों का वह 15% वोट है, जो किसी भी हाल में बीजेपी के पास शिफ्ट नहीं होता। बीजेपी जानती है कि अगर नीतीश को छोड़ा, तो वह 2015 की तरह 24% वोट पाने के बाद भी 50 सीटों पर सिमट सकती है।

इसके अलावा, बिहार में ‘महिला शक्ति’ ने इस जीत में निर्णायक भूमिका निभाई है। आंकड़ों के मुताबिक, पुरुषों की वोटिंग 62.8% रही, जबकि महिलाओं की 71.6%। यह 9-10% का अंतर ही गेम चेंजर साबित हुआ। नीतीश की योजनाओं और आखिरी वक्त में बांटे गए पैसों ने महिला वोटरों को एकजुट किया। बीजेपी जानती है कि इन महिला वोटरों और नीतीश के वोट बैंक के बिना बिहार में उनकी दाल नहीं गलेगी।

दिल्ली की कुर्सी का डर

तीसरा और सबसे खतरनाक पहलू दिल्ली की सत्ता का स्थायित्व है। केंद्र में मोदी सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन पर टिकी है। अगर नीतीश कुमार नाराज होकर अलग होते हैं, तो एनडीए के पास बहुमत से सिर्फ 8 सांसद ज्यादा बचेंगे। ऐसे में एक झटके में केंद्र सरकार खतरे में आ सकती है और इसका असर महाराष्ट्र की राजनीति पर भी पड़ सकता है। दिल्ली की कुर्सी बचाए रखने के लिए पटना में नीतीश की शर्तों को मानना अमित शाह की मजबूरी बन गई है।

भविष्य की तैयारी और परिवारवाद

इस सियासी हलचल के बीच नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर भी सुगबुगाहट है। वीडियो में बताया गया है कि बीजेपी यह जानना चाहती थी कि नीतीश के बाद जेडीयू का क्या होगा। हालांकि नीतीश ने अपने बेटे निशांत को राजनीति में लाने से मना कर दिया था, लेकिन पार्टी को टूटने से बचाने के लिए अब निशांत की ‘एंट्री’ की तैयारी होती दिख रही है। ललन सिंह और संजय झा जैसे नेताओं के पास वह कद नहीं है जो पार्टी को एकजुट रख सके, इसलिए भविष्य में नवीन पटनायक की तरह जेडीयू का हश्र न हो, इसके लिए बेटे को आगे लाया जा सकता है।

फिलहाल, बीजेपी ने अपने दो नेताओं- सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को विधायक दल का नेता चुना है, जो डिप्टी सीएम की भूमिका में होंगे। लेकिन असली ताकत यानी गृह मंत्रालय और सरकार का स्टीयरिंग अभी भी नीतीश कुमार के पास ही रहने के आसार हैं। कल का शपथ ग्रहण समारोह यह साबित कर देगा कि बिहार में सरकार भले ही एनडीए की हो, लेकिन ‘बॉस’ नीतीश कुमार ही हैं।

‘जानें पूरा मामला’

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिला है। बीजेपी ने 2020 के मुकाबले अपनी सीटें बढ़ाकर 89 कर ली हैं और वह गठबंधन में ‘बड़े भाई’ की भूमिका में है, जबकि जेडीयू की सीटें बीजेपी से कम हैं। इसके बावजूद, गठबंधन धर्म और राजनीतिक मजबूरियों के चलते बीजेपी ने नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री स्वीकार किया है। विपक्ष और कई विश्लेषक यह मान रहे थे कि बीजेपी अपना सीएम बनाएगी, लेकिन जातीय समीकरण, महिला वोट बैंक और केंद्र सरकार की स्थिरता को ध्यान में रखते हुए बीजेपी को पीछे हटना पड़ा।

मुख्य बातें (Key Points)
  • अमित शाह का सरेंडर: ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी बीजेपी को नीतीश कुमार को सीएम मानना पड़ा क्योंकि उनके पास बिहार में कोई दूसरा भरोसेमंद चेहरा नहीं है।

  • चुनावी ‘सीक्रेट्स’ का डर: नीतीश कुमार चुनाव प्रक्रिया और राज्य मशीनरी की बारीकियों को जानते हैं; बीजेपी को डर है कि अलग होने पर वे केंद्र के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

  • वोट बैंक की मजबूरी: नीतीश के पास 15% फिक्स वोट (कुर्मी, EBC, महादलित) है जो बीजेपी को ट्रांसफर नहीं होता। इसके बिना बीजेपी चुनाव नहीं जीत सकती।

  • केंद्र सरकार की स्थिरता: मोदी सरकार को बचाने के लिए नीतीश का समर्थन जरूरी है। उनके हटने से दिल्ली की सत्ता और महाराष्ट्र की राजनीति पर सीधा असर पड़ सकता है।

Related Posts

Harpal Singh Cheema

Dhuri Model City: ₹329 करोड़ से बदली धूरी की सूरत, सीएम मान के हल्के में विकास की ‘सुपरफास्ट’ रफ्तार!

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Unnao Case

Unnao Case: सुप्रीम कोर्ट की साख दांव पर, कल का फैसला तय करेगा न्याय की दिशा

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Today Horoscope 29 December 2025

आज का राशिफल 29 December 2025: मेष को धन लाभ, इन राशियों को रहना होगा सावधान

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Amarinder Singh Raja Warring

Big Attack on AAP: “पंजाब में आंकड़ों का खेल, जमीनी हकीकत में कानून-व्यवस्था फेल”

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
Punjab Anti-Drug War

Punjab Anti-Drug War: 302 दिन, 42,203 तस्कर गिरफ्तार, पंजाब पुलिस ने फिर जब्त की 3 किलो हेरोइन!

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
maining

Mining Mafia War: पंजाब में माइनिंग पर ‘आप’ का बड़ा पलटवार, भाजपा को याद दिलाया “पुराना पाप”!

रविवार, 28 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

GN Follow us on Google News

  • About
  • Privacy & Policy
  • Disclaimer & DMCA Policy
  • Contact

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
  • राज्य
    • पंजाब
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • काम की बातें
  • नौकरी
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरी
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • हेल्थ
  • स्पेशल स्टोरी
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

© 2025 THE NEWS AIR