Bihar Election Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने सारे राजनीतिक पंडितों के विश्लेषण को ध्वस्त कर दिया है। NDA ने 200 सीटों का अकल्पनीय आंकड़ा पार करते हुए एक ऐतिहासिक ‘सुनामी’ जीत दर्ज की है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाला महागठबंधन महज 35 सीटों पर सिमट कर रह गया है। यह जीत सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि बिहार के हर क्षेत्र में NDA के अभूतपूर्व दबदबे की कहानी कहती है।
यह जीत ‘जाति’ पर ‘विकास’ और ‘मोदी-नीतीश’ की गारंटी की जीत है। NDA ने मिथिलांचल से लेकर मगध तक और RJD के गढ़ भोजपुर तक, हर इलाके में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है।
मगध बना ‘भगवामय’, RJD का किला ध्वस्त
इस चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर मगध क्षेत्र में देखने को मिला। 2020 में जहां महागठबंधन ने 30 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार वह सिर्फ 12 सीटों पर सिमट गया।
इसके उलट, NDA ने 2020 की 21 सीटों से छलांग लगाकर 40 सीटों पर कब्जा कर लिया। इस बंपर जीत में चिराग पासवान की LJP ने अहम भूमिका निभाई, जिनके 10% से ज्यादा वोट शेयर ने पूरा खेल ही पलट दिया।
मिथिलांचल में भी NDA का डंका
JDU के गढ़ माने जाने वाले मिथिलांचल की 43 सीटों पर भी NDA ने अपना परचम लहराया। NDA ने यहां 36 सीटें जीतीं, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 32 था।
महागठबंधन 11 सीटों से खिसककर सिर्फ 6 सीटों पर आ गया। यह दिखाता है कि मुकेश सहनी या अन्य छोटे दलों का कोई भी फैक्टर NDA के विजय रथ को नहीं रोक पाया।
सीमांचल में भी सेंधमारी
सीमांचल, जिसे मुस्लिम बहुल आबादी के कारण महागठबंधन का मजबूत गढ़ माना जा रहा था, वहां भी NDA ने बड़ी सेंधमारी की। 24 सीटों वाले इस इलाके में JDU-BJP ने 19 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया।
NDA का वोट शेयर यहां 35% से बढ़कर 43% हो गया, जो यह दिखाता है कि इस बार NDA को हर तबके का वोट मिला है।
RJD का वोट नहीं घटा, चिराग बने ‘गेम चेंजर’
दिलचस्प बात यह है कि RJD, कांग्रेस या माले का कोर वोट शेयर कम नहीं हुआ है। असली ‘गेम चेंजर’ चिराग पासवान बने हैं।
2020 में अलग लड़ने वाले चिराग पासवान, इस बार NDA के साथ थे। उनका 10% से ज्यादा वोट जब NDA के मौजूदा वोट बैंक में जुड़ा, तो यह एकतरफा ‘सुनामी’ जीत में बदल गया, जिसने मगध जैसे क्षेत्रों का पूरा सिनेरियो ही बदल दिया।
‘लाडली बहना’ और महिला वोट का असर
इस ऐतिहासिक जीत के पीछे मध्य प्रदेश की ‘लाडली बहना’ जैसी योजनाओं का भी बड़ा असर दिख रहा है। बिहार में भी महिलाओं के खाते में पैसे भेजने की योजना ने महिला वोटरों को एकमुश्त NDA के पाले में ला दिया। यह एक ऐसा ट्रेंड है जो महाराष्ट्र, झारखंड और अब बिहार में भी निर्णायक साबित हुआ है।
क्या है पृष्ठभूमि?
बिहार की 243 सीटों पर हुए चुनाव को 2026 में बंगाल और 2029 के लोकसभा चुनाव का ‘ट्रेलर’ माना जा रहा है। NDA ने 1 करोड़ रोजगार और ‘जीविका दीदी’ जैसे वादों पर यह चुनाव लड़ा था। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा और अब बिहार में ऐतिहासिक जीत ने NDA के ‘विजय रथ’ को और मजबूत कर दिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिहार चुनाव में NDA ने 200 सीटों का ऐतिहासिक आंकड़ा पार किया, महागठबंधन 35 सीटों पर सिमटा।
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मगध क्षेत्र में NDA ने 21 से बढ़कर 40 सीटें जीतीं, RJD 30 से 12 पर आ गई।
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चिराग पासवान (LJP) के 10% वोट ने ‘गेम चेंजर’ की भूमिका निभाई, जिससे जीत ‘सुनामी’ में बदली।
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मिथिलांचल की 43 में से 36 और मुस्लिम बहुल सीमांचल की 24 में से 19 सीटें NDA ने जीतीं।






